सागर: मंत्री गोपाल भार्गव के क्षेत्र में महिलाओं ने उठाई लाठी, नशेड़ी और दुकानदारों में दहशत
सागर, 17 सितंबर। मप्र के सागर जिले में शराब से बर्बाद हो रहे परिवार और पति, बेटों की शराब की लत से परेशान महिलाओं ने अब लाठी उठा ली है। पीडब्ल्युडी मंत्री गोपाल भार्गव के विधानसभा क्षेत्र गढ़ाकोटा के चनौआ और परासरी गांव की महिलाओं ने गुलाबी गैंग की तर्ज पर कमर कसकर शराब और शराबियों के खिलाफ जंग छेड़ दी है। महिलाएं समूह बनाकर दहलीज लांघकर अब सड़क पर हैं और लाठियां लेकर नशेड़ियों और अवैध रुप से गांवों में शराब बेचने वालों को सबक सिखा रही हैं। इनकी दहशत का आलम देखिए कि शराब बेचने वाले दुकानों पर ताला लगाकर भाग रहे हैं।
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घर में पुरुषों की शराब की लत से परेशान होकर सड़क पर उतरीं महिलाएं
सागर जिले के गढ़ाकोटा के ग्रामीण इलाकों में अवैध रुप से बिकने वाली शराब से परिवार बर्बाद होने लगे हैं। घरों में महिलाएं प्रताड़ित हो रही हैं। शराब पीकर घर पहुंच रहे पति, भाई, देवर उत्पात मचाते हैं और महिलाओं से मारपीट करते हैं। इससे परेशान होकर गांव की महिलाएं अब संगठित होकर सड़क पर आ गई हैं। अघोषित रुप से गुलाबी गैंग की तर्ज पर ये काम कर रही हैं। हाथों में लाठियां थामें महिलाएं, युवतियां, किशोरियां और बच्चे भी शामिल हो गए हैं। महिलाएं के तेवर सख्त हैं और अब वे किसी को बख्शने के मूड़ में नजर नहीं आ रही हैं।
हम डरने वाले नहीं है, जो शराब बेचेगा, घर में घुसकर मारेंगे
शराब विरोधी अभियान और महिलाओं की गैंग की अगुवाई कर रही संजना कुर्मी ने बताया कि उनके गांवों में अवैध रुप से खूब शराब बिक रही है। सरकार सुविधाएं देने की बात करती है, लेकिन शराब दुकानों को लाइसेंस देकर शराब बिकवा रही हैं। हमारे घरों में पुरुष शराब पीकर आते हैं, मां-बहन की गंदगी गालियां देते हैं। झगड़ा करते हैं। अब ऐसा नहीं होगा। गांव की महिलाओं ने अब शराबबंदी कराने अभियान चला दिया है। हम पहले लोगों को समझा रहे हैं, दुकानदारों को भी समझाया और चेतावनी दी है। यदि नहीं माने तो हम घर में घुसकर मारेंगे। हम किसी से डरने वाले नहीं है।
ढाबे पर पहले दुकानदार को समझाया, नहीं समझा तो शराब नष्ट कर दी
एंटी शराब गैंग की महिलाएं चनौआ के पास स्थित एक ढाबानुमा दुकान पर पहुंची थी। इनको देखकर दुकानदार बाहर निकल आया और अकड़ में बात करने लगा कि हमारे यहां शराब नहीं बिकती। संजना ने उसे तरीके से समझाया तो कहने लगा कि दो-चार पऊआ होंगे। पहले से बताना था कि अब शराब नहीं बेचना है। महिलाओं को जब लगा कि यह समझने वाला नहीं है तो उन्होंने दुकान में घुसकर तलाशी ले डाली। कोने-कोने से शराब की बोतलें व देशी शराब के पऊआ मिले तो उन्होंने दुकान के बाहर ही लाकर फोड़ दिए और जाते-जाते दुकानदार को चेतावनी देकर गई हैं कि यदि आगे से शराब बेची तो अंजाम भुगतने के लिए तैयार रहना।
दिनभर पैसा कमात हैं, शाम को शराब की दुकान पर चढ़ा देत हैं
चनौआ की रहने वाली बुजुर्ग कमलरानी का कहना है कि हमारे बच्चे शराब के आदि हो गए हैं। उनके पति नहीं है। बेटे दिनभर काम करके, मेहनत करके पैसा कमाते हैं और शाम को शराब की दुकान पर चढ़ाकर नशे की हालत में घर पहुंचते हैं। न खुद तरीके से भोजन कर पा रहे, न हम लोग खाना खा पा रहे हैं। हम बहुत परेशान हैं, इस कारण अब हमने गांव को शराबमुक्त बनाने की ठानी है। हम सड़क पर आकर शराब पीने वालों का और शराब बेचने वालों का विरोध करेंगे।
एंटी शराब गैंग की महिलाओं की दहशत इतनी की दुकान में ताला डालकर गायब हो गए
गढ़कोटा के चनौआ और परासरी गांव में शराब के खिलाफ कमर कसकर सड़क पर उतरी महिलाओं की दहशत का आलम दो दिन में ही ऐसा हो गया कि अवैध शराब बेचने वाले अब भागने लगे हैं। बीते रोज महिलाओं का यह दल लाठी-डंडे लेकर जैसे ही अवैध रुप से शराब बेचने वाली एक दुकान की और बड़ी तो दहशत में दुकानदार ताला डालकर गायब हो गया। महिलाओं को शक था कि वह दुकान के अंदर है और बाहर से किसी कर्मचारी से ताला डलबा दिया है सो युवतियों ने दुकान के शटर पर खूब डंडे बजाए। हालांकि यहां खुलेआम चेतावनी देकर महिलाएं आगे बढ़ गईं।
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