MP: अब सरकारी गेस्ट-रेस्ट हाउस किराए पर मिलेंगे, PWD ने 40 गेस्ट हाउस पर्यटन विकास निगम को सौंपे
सागर, 6 सितम्बर। मप्र सरकार ने PWD विभाग के अधीन प्रदेश के सर्किट हाउस, गेस्ट व रेस्ट हाउस को मप्र पर्यटन विकास निगम को सौंपने की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी है। पहले चरण में 40 गेस्ट और रेस्ट हाउस पर्यटन विकास निगम को सौंप दिए गए हैं। सबसे खास बात प्रदेश के PWD मंत्री गोपाल भार्गव के गृह व विधानसभा क्षेत्र रहली-गढ़ाकोटा के रहली और ढाना रेस्ट हाउस भी निगम को हस्तांतरित कर दिए गए हैं। सौंपे गए रेस्ट हाउस में बुंदेलखंड के सागर, दमोह, छतरपुर के रेस्ट हाउस भी शामिल हैं।
मप्र में PWD ने यह रेस्ट हाउस पर्यटन विकास निगम को दिए
सागर जिले के रहली, ढाना, छतरपुर का भीमकुंड, दमोह का बांदकपुर, खर्राघाट, बैतूल के चोपना, शाहपुर, गुना के बम्हौरी खटकिया, मधुसूदनगढ़, नर्मदापुरम के ढेकना, सोहागपुर, रायसेन से बरेली, औबेदुल्लागंज, उदयपुरा, अशोकनगर से चंदेरी, भिंड से मालनपुर, मुरैना सबलगढ़, श्योरपुर से गौरठ, शिवपुरी से सुभाषपुरा, राजगढ़ से राजगढ़ व मोतीपुरा, बुरहानपुर से अमीरगढ़, बड़बानी से सेंधवा, झाबुआ से मेघनगर, थांदला, खरगौन से बड़वाह, रेड पिपलिया, अनूपपुर से राजेंद्रग्राम, अमरकंटक, सतना से रामपुर बघेलान, चित्रकूट, सीधी से मंझौली, उमरिया से ताला, देवास से सतवास, नीमच से मोरवान, कुंडकेश्वर, छिंडवाड़ा से तामिया एवं छिंडवाड़ा रेस्ट हाउस चूक से मप्र पर्यटन विकास निगम को हैंडओवर किए गए हैं।
नेशनल हाईवे व स्टेट हाईवे से लगे रेस्ट हाउस पहले चरण में हस्तांतरित
मप्र शासन व PWD विभाग से जुड़े सूत्र बताते हैं कि सरकार ने प्रदेश में लंबे समय से बंद पडे़ रेस्ट हाउस, छोटे गेस्ट हाउस के अलावा जो नेशनल हाईवे और स्टेट हाईवे के किनारे या नजदीक मौजूद हैं, उनको पहले चरण में मप्र पर्यटन विकास निगम को सौंपे हैं। कारण इनका उपयोग नहीं हो पा रहा था, जबकि इनके लिए सालाना मेनटेनेंस, कर्मचारियों का खर्चा विभाग को वहन करना पड़ता है। इनमें केयर टेकर, सफाईकर्मी से लेकर अन्य स्टाफ तैनात करना पड़ता है, जबकि विभाग को इनके कोई आय नहीं होती है। इस कारण विभाग पर यह बोझ की तरह हो गए थे।
दो साल से चल रहे थे प्रयास, PWD ने शर्त हटाई तो तत्काल टेकओवर कर लिए
मप्र सरकार ने गेस्ट व रेस्ट हाउस को मप्र पर्यटन विकास निगम को देने के लिए करीब दो साल पहले से तैयारी कर ली थी। इनकी सूची बनाकर भी तैयार कर ली गई थी, लेकिन PWD ने शर्त जोड़कर रखी थी कि जो भी आय एमपीटीसी को होगी उसका एक हिस्सा वह PWD विभाग को देगा, जिस पर निगम तैयार नहीं था। सूत्र बताते हैं कि बीते दिनों यह शर्त विभाग ने हटा ली और इसके बाद एक बार में 40 रेस्ट हाउस ट्रांसफर कर दिए गए हैं।
30 साल के लिए दिए गए हैं, वास्तविक स्वरुप बरकरार रखना होगा
विभागीय अधिकारियों के मुताबिक PWDसे हुए अनुबंध के मुताबिक जितने भी रेस्ट हाउस और गेस्ट हाउस मप्र पर्यटन विकास निगम को हस्तांतरित हुए हैं, वे 30 साल के लिए दिए गए हैं। इनका रंग-रोगन, मेनटेनेंस, इंटीरियर निगम को कराना होगा। सबसे अहम बात इनके मूल स्वरुप को बरकरार रखना होगा। इसके साथ ही खाली जगह पर पार्क व गार्डन आदि विकसित किए जाएंगे।
आप भी प्री-बुकिंग कराकर, किराया देकर रुक सकेंगे
मप्र के 40 गेस्ट और रेस्ट हाउस में जल्द ही सैलानियों और पर्यटकों को रुकने की सुविधा मिल सकेगी। प्रदेश के एक जिले से दूसरे जिले में जाने वाले पर्यटकों सहित देश-विदेश से आने वाले सभी पर्यटकों को इन रेस्ट हाउस में रुकने की सुविधा मिल सकेगी। इसके लिए पहले से बुकिंग कराना होगी। निगम द्वारा तय शुल्क या किराया भुगतान करना होगा। यहा रुकने, ठहरने, नाइट स्टे, चाय-नाश्ता, भोजन की सुविधा भी मिल सकेगी। अभी तक सरकारी सर्किट हाउस, रेस्ट हाउस और गेस्ट हाउस में रुकना जिन लोगों के लिए कठिन और दुश्कर था, अब वे भी इनका आनंद ले सकेंगे।
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