वसुंधरा की गौरव य़ात्रा के बाद सीएम शिवराज की जन आशीर्वाद यात्रा पर गहराए संकट के बादल
भोपाल। एक ओर जहां राजस्थान की सीएम वसुमधरा राजे अपनी गौरव यात्रा को लेकर परेशानी में फंस गई है वहीं एसपी के सीएम शिवराज की जनआशीर्वाद यात्रा को लेकर भी संटक के बादल मंडराना शुरू हो गए हैं। मंगलवार को हाईकोर्ट की बेंच ने ग्वालियर में लगी याचिका पर सुनवाई करते हुए सरकार को नोटिस भेजा है और चार सप्ताह में जवाब मांगा है।
हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच ने मुख्य सचिव, नगरीय प्रशासन समेत 11 लोगों को नोटिस भेज कर यात्रा के खर्चे और उसमें महिलाओं और बच्चों की भागीदारी को लेकर चार सप्ताह में जवाब मांगा है। सीएम शिवराज की जनआशीर्वाद यात्रा को लेकर याचिकाकर्ता उमेश बोहरे ने एक याचिका दायर की थी, जिसमें जनआशीर्वाद यात्रा को तत्काल रोकने की मांग की गई थी।
याचिका में बताया गया था कि जनआशीर्वाद यात्रा में हर जिले में खर्च दो करोड़ रुपए खर्च होते हैं और महिलाओं और बच्चों को को कई घंटों तक खड़ा किया जाता है। पिछले दिनों सिवनी में शिवराज की जनआशीर्वाद यात्रा के दौरान स्कूली बच्चों को शामिल किया गया था। आरोप है कि इस दौरान मुख्यमंत्री के स्वागत के लिए नन्हें-मुन्ने बच्चे घंटों खड़े रहे।
इसके अलावा कांग्रेस द्वारा शिवराज पर लगातार यह आरोप लगते रहे कि सरकारी खर्चे से मुख्यमंत्री यह जनआशीर्वाद यात्रा कर रहे हैं। गौरतलब है कि जनआशीर्वाद यात्रा 55 दिन चलना है। इस दौरान यात्रा प्रदेश के सभी 230 विधानसभा क्षेत्रों में जाएगी।
यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री रथ और मंच सभाओं को मिलाकर लगभग 700 सभाओं को संबोधित कर रहे हैं। शिवराज सिंह की इस यात्रा के लिए दो रूट बनाए गए हैं.। एक रूट में विंध्य, बुंदेलखंड और महाकौशल को रखा गया है और दूसरे भाग में भोपाल, नर्मदापुरम, ग्वालियर-चंबल और मालवा-निमाड़ क्षेत्र हैं।