सोती सरकार, परेशान किसान: लागत 15 रुपये किलो लेकिन 50 पैसे किलो लहसुन बेचने को मजबूर किसान
इंदौरः मध्यप्रदेश में लहसुन उत्पादन करने वाले किसानों में हाहाकार मचा हुआ है। वजह है लहसुन की कम लागत मिलना। किसानों के मुताबिक, एक किलो लहसुन की लागत 15 रुपये किलो होती है लेकिन उन्हें महज 50 पैसे ही मिल रहे हैं। किसानों ने मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार पर ठोक कदम न उठाने का आरोप लगाया है। चुनावी साल होने की वजह से शिवराज सरकार के सामने सकंट के बादल नजर आ रहे हैं।
कम लागत मिलने से किसान परेशान
फसल के सही दाम न मिलने से किसानों में भारी आक्रोश है। मध्यप्रदेश की मालवा मंडी में लहसुन इस समय 50 पैसे से छह रुपए किलो तक बिक रहा है। सामान्य तौर पर मध्यप्रदेश की मंडियों में लहसुन 32 रुपए प्रति किलो बिकता है, लेकिन इस बार लहसुन 50 पैसे प्रति किलो के भाव से मिल रहा है।
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शिवराज सरकार ने लहसुन को भावांतर योजना में शामिल किया
किसानों के सकंट को देखते हुए शिवराज सरकार ने लहसुन को भावांतर योजना में शामिल किया है, जिसके तहत प्रदेश में लहसुल का समर्थन मूल्य 3200 रुपए प्रति क्विंटल तय किया है। इसके बाद भी लहसुन की कीमत पर कोई फर्क नहीं पड़ रहा। मध्यप्रदेश की मंडियों में अभी-भी लहसुन 50 रुपए क्विंटल से लेकर 600 रुपए क्विंटल चल रहा है। इस भाव में किसान अपनी लागत भी नहीं निकाल पा रहे हैं।
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उज्जैन मंडी में 50 पैसे किलो मिल रहा लहसुन
लहसुन के दाम गिरे तो किसान प्रदर्शन करने उतर आए। विरोध कर रहे किसानों का कहना है कि लहसुन बेचने की बजाए वो फेंक देंगे, लेकिन इन दामों में लहसुन को नहीं बेच सकते। मध्यप्रेदश की लगभग सभी मंडियों में लहसुन के कम दाम मिल रहा है। उज्जैन मंडी में 50 पैसे, मंदसौर की शामगढ़ मंडी मे 1 रुपए प्रति किलो, नीमच में 2 रुपए और इंदौर मंडी में 4 से 5 रुपए प्रति किलों के भाव पर लहसुल मिल रहा है।
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