बीमार है यह मगरमच्छ, इलाज की आस में बार-बार घाट पर आ जाता है
Crocodile को कभी बीमार होते देखा है आपने? मप्र के दमोह जिले की ब्यारमा नदी में एक घायल और बीमार मगरमच्छ है। आपसी संघर्ष में इसका एक पैर कट चुका है। बीते दिनों डॉक्टरों ने इसका इलाज भी किया था। अब यह मगरमच्छ बार-बार नदी किनारे घाटों पर आ जाता है। मगरमच्छ की मौजूदगी से गैसाबाद गांव के लोग दहशत में हैं। लोग पुलिस व वन विभाग को फोन लगाकर उसे नदी से हटाने की मांग कर रहे हैं। मगरमच्छ की चौकसी के लिए एक पुलिसकर्मी की ड्यूटी लगाई है। नदी किनारे 24 घंटे एक पुलिसकर्मी मगरमच्छ पर नजर बनाए हुए है।

Damoh जिले के हटा ब्लॉक के ब्यारमा नदी में मगरमच्छों की मौजूदगी आम बात है, नौरादेही अभयारण्य से गुजरी इस नदी में कई सारे मगरमच्छ रहते हैं, लेकिन गांवों की आबादी से दूर घने जंगलों में नदी की गहराई में इनका डेरा है। कुछ दिनों इन एक मगरमच्छ नदी के उथले इलाके में गैसाबाद गांव के पास देखा जा रहा है। बीते दिनों यह आधे दिन तक घाट की चट्टानों पर बैठा रहा। इसका दाहिने तरफ का आगे का पैर नहीं था। बताया जा रहा है कि नदी में आपसी संघर्ष के दौरान इसका पैर कट गया होगा। फिलहाल बीते हफ्ते पन्ना टाइगर रिजर्व के वन्य प्राणी विशेषज्ञों व डॉक्टरों की टीम ने इसका इलाज भी किया था। इसे बाद में नदी में छोड़ दिया गया था।

गैसाबाद इलाके में ही नदी में डेरा जमाए है
बीते एक हफ्ते से यह भारी-भरकम मगरमच्छ गैसाबाद से निकली ब्यारमा नदी में डेरा जमाए हुए हैं। इस इलाके में मगरमच्छ पहले भी देखे गए, लेकिन साल में कभी कभार। लेकिन यह मगरमच्छ बीते कई दिनों से यहीं घाट के आसपास डेरा जमाए हुए हैं। जब-तब यह घाट के पास उथले पानी में आ जाता है। यहां घंटो एक चट्टानों के आसपास बैठा रहता है।

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गांव वालों का नदी किनारे जाना बंद हो गया
गैसाबाद व आसपास के लोगों का ब्यारमा नदी किनारे आना जाना लगभग बंद हो गया है। लोग मगरमच्छ की मौजूदगी के कारण डरे हुए हैं। लोगों की शिकायत पर पुलिस विभाग ने इस घाट पर 24 घंटे एक पुलिसकर्मी की ड्यूटी लगाई है, जो मगरमच्छ पर नजर बनाए हुए है। ग्रामीणों ने वन विभाग से कहा है कि मगरमच्छ को पकड़कर ब्यारमा नदी से बाहर दूसरी नदी में शिफ्ट कराया जाए।