सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा: पद्मावत के लिए फिर से सुप्रीम कोर्ट जाएंगे
भोपाल। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि फिल्म पद्मावत के लिए सरकार फिर से सुप्रीम कोर्ट जाएगी। उन्होंने कहा कि सरकार, सुप्रीम कोर्ट का निर्णय पढ़ने के बाद इस पर फैसला करेगी। इससे पहले चौहान ने पद्मावती को राष्ट्रमाता बताया था। नवंबर 2017 में एक सभा में उन्होंने ऐलान किया था कि Padmavat मध्य प्रदेश में रिलीज नहीं होगी। चौहान ने कहा था कि - ऐतिहासिक तथ्यों से खिलवाड़ कर अगर राष्ट्रमाता पद्मावती जी, उनके सम्मान के खिलाफ जिस फिल्म में यह दृश्य दिखाए गए हैं या कोई बात कही गई है, इस फिल्म का प्रदर्शन मध्य प्रदेश की धरती पर नहीं होगा। उन्होंने कहा कि मैं यह इसलिए कह रहा हूं कि राष्ट्र के अपमान को यह देश , मध्य प्रदेश स्वीकार नहीं करेगा। वहीं सेंसर बोर्ड की ओर से फिल्म को हरी झंडी मिलने के बाद रिलीज की तारीख पक्की हुई है। रिलीज की तारीख आने पर शिवराज ने कहा था कि- जो कह दिया सो कह दिया।
बदली गई रिलीज डेट
इससे पहले संजय लीला भंसाली ने आज एक प्रेस वार्ता में कहा था कि पद्मावत को कई कठिनाइयों का सामना करने के बाद बनाया गया है, हमने 25 जनवरी की रिलीज की तारीख का फैसला किया है लेकिन अक्षय कुमार के साथ उनकी फिल्म 'पैडमैन' फिल्म की रिलीज की तारीख को आगे बढ़ाने के लिए कहा, उन्होंने सहमति व्यक्त की। हम जीवन भर के लिए उनके आभारी रहेंगे।
PADMAN 9 जनवरी को
बता दें कि अक्षय कुमार की फिल्म पैडमैन की रिलीज डेट बदल गई थी। यह फिल्म अब 9 जनवरी को रिलीज होगी। इसी प्रेस वार्ता में अक्षय कुमार ने कहा था कि पद्मावत को जल्द से जल्द रिलीज करने के लिए उनके लिए जरूरी है, इसलिए मैं अपनी फिल्म 'पैड मैन' की रिलीज की तारीख को आगे बढ़ने के लिए तैयार हूं, अब फिल्म 9 फरवरी को रिलीज होगी।
याचिका पर सुनवाई करने को मना कर दिया था
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को संजय लीला भंसाली की फिल्म 'पद्मावत' पर दाखिला याचिका पर सुनवाई करने को मना कर दिया था। उच्चतम न्यायालय में वकील मनोहर लाल शर्मा ने याचिका दायर की थी कि सेंसर बोर्ड ने फिल्म को जो सर्टिफिकेट दिया है वो अवैध है। मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली तीन जजों की पीठ ने याचिका पर सुनवाई करने से इनकार करते हुए कहा कि कोर्ट गुरुवार को पहले ही आदेश दे चुका है।
कोर्ट पहले ही कह चुका है कि...
बता दें कि अंतरिम आदेश में कोर्ट पहले ही कह चुका है कि राज्य किसी भी फिल्म को स्क्रीनिंग से नहीं रोक सकते।' गौरतलब है कि कई बीजेपी शासित राज्यों ने फिल्म को रिलीज होने से बैन कर दिया था। इस बैन के खिलाफ पद्मावत के प्रोड्यूसर्स ने सुप्रीम कोर्ट में न्याय की गुहार लगाई थी।