छतरपुर में मिली अमेरिका की अमेजन नदी में पाई जाने वाली खतरनाक मछली
अमेरिका के अमेजन नदी में पाई जाने वाली सकरमाउथ कैटफ़िश मप्र के छतरपुर जिले तालाब में मिली है। यहां तालाब सफाई के दौरान यह मछली मछुआरों के हाथ लगी तो वे इसे देखकर हैरान हो गए। मछली को लेकर लोगों के कौतुहल बना हुआ है।
मछुआरों द्वारा डाले गए जाल में मछली फंस गई, दिखने में भयानक व अजीब है
बुंदेलखंड के छतरपुर शहर में स्थित विंध्यवासिनी मंदिर के पास स्थित तालाब में सफाई चल रही है। बीते रोज तालाब जलकुंभी निकालने के लिए मछुआरों द्वारा डाले गए जाल में एक अजीब व भयानक सी दिखने वाली मछली फंस गई। पहले तो उसे हाथ लगाने में लोग डर रहे थे, लेकिन बाद में एक मछुआरे ने उसे जाल से निकालकर पानी में रखा। इसके देखने लोगों की भीड़ जमा हो गई।
मछुआरों के अनुसार जीवन में पहली दफा देखी ऐसी मछली
मछुआरे के अनुसार उसने 42 साल में पहली दफा इस तरह की मछली देखी है। जीव-जंतुओं के जानकार बताते हैं कि यह सकरमाउथ कैटफ़िश (Suckermouth Catfish) है, यह प्रजाति भारत के अंदर नहीं पाई जाती हैं। यह दक्षिण अमेरिका स्थित अमेजन नदी में बहुतायत मिलती है।
पॉलीथिन में पानी भरकर उसमें जिंदा रखा गया है, तालाब में वापस छोड़ दिया
तालाब की सफाई में जुटे मछुवारे राजू रैकवार के अनुसार मैंने जीवन में इस तरह की मछली कभी देखी ही नहीं है। मेरे साथियों ने भी ऐसी मछली देखी नहीं है। मछली पर पानी डालकर व उसे पॉलीथिन में पानी भरकर उसमें जिंदा रखा गया है। बाद में मछली को तालाब में वापस छोड़ दिया गया।
सकरमाउथ कैटफ़िश अमेजन नदी में पाई जाती है
वन इंडिया ने डॉ. हरीसिंह गौर केंद्रीय विवि सागर के प्राणी शास्त्र विभाग की प्रोफेसर डॉ. वर्षा शर्मा से जानकारी ली तो उन्होंने बताया कि यह मछली हमारे यहां की प्रजाति नहीं है। इस प्रजाति को सकरमाउथ कैटफ़िश (Suckermouth Catfish) कहा जाता है। यह प्रजाति विदेश में पाई जाती है। वैसे अमेजन नदी में भी इसकी बहुतायत है। इसकी फूड वैल्यू कुछ नहीं है, जबकि यह मछली अन्य मछलियों व जीव-जंतुओं के लिए खतरा है। यह छोटी मछलियों सहित छोटे-छोटे जलीय जीवों को खाती है। यह मछली मांसाहारी है और नदियों-तालाबों के इकोसिस्टम को नष्ट कर सकती है।
गंगा नदी व बिहार में भी मिल चुकी है यह मछली
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक बीते नवंबर महीने में बिहार के गोपालगंज जिले के डुमरिया गांव की गंडक नदी में मछुआरों के जाल में बिलकुल ऐसी ही सकर माउथ कैटफिश फंसी थी। इसके पूर्व बिहार के ही बगहा में अक्टूबर महीने में यह मछली नदी से मिली चुकी है। सबसे हैरत की बात करीब दो साल पहले वाराणसी में गंगा नदी में यह मछली मिल चुकी है। वनारस के रामनगर के रमना में गंगा नदी में मछुआरों को यह अजीबो-गरीब मछली मिली थी। देश के कुछ और हिस्सों में भी इसी तरह की मछली मिलने की जानकारी सामने आ चुकी है।
सवाल यह हजारों किलोमीटर दूर यहां यहां कैसे पहुंची प्रजाति?
प्राणी शास्त्र विभाग के लिए यह रिसर्च और चिंता का विषय बन गया है। इसका जवाब फिलहाल तक तो सामने नहीं आ सका कि भारत से हजारों किलोमीटर दूर दक्षिण अमेरिका के अमेजन नदी में पाई जाने वाली यह खतरनाक, मांसाहारी सकरमाउथ कैटफ़िश (Suckermouth Catfish) गंगा नदी से लेकर बुंदेलखंड के तालाबों तक कैसे पहुंच गई। जो प्रजाति पूरे एशिया में नहीं पाई जाती, वह यहां कैसे पहुंची?
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