गौ-हत्या की कथा में असमर्थता जताई तो पंडित का गांव से बहिष्कार, अब प्रताड़ित कर रहे दबंग
Madhya Pradesh के टीकमगढ़ जिले पलेरा थानांतर्ग हनौता में एक कर्मकांडी पंडित को महज इसलिए गांव के दबंगों गांव से बहिष्कृत करा दिया, क्योंकि उस परिवार ने दबंगों के कहने पर गौ-हत्या की कथा कराने में असमर्थता जताई थी। दरअसल एक परिवार के हाथ से गाय की हत्या हो गई। प्रायश्चित स्वरुप कथा कराना चाह रहे थे, लेकिन करीब 80 साल के बुजुर्ग पंडित ने स्वास्थ्यगत समस्या के चलते कथा कराने में असमर्थता जताई दी थी, जिससे दबंगों का परिवार नाराज हो गया और बुजुर्ग ब्राहम्ण के परिवार को जबरिया बहिष्कृत करा दिया। इस मामले में जब प्रताड़ना हद से ज्यादा बड़ी तो मामले में पुलिस अधीक्षक से लेकर आईजी और डीजीपी तक से शिकायत की गई है।
Tikamgarh के पलेरा थाना के हनौता गांव पीड़ित प्रमोद दुबे ने एसपी, आईजी और डीजीपी से गुहार लगाई है। शिकायत में कहा गया है कि दबंगों ने उन्हें बिना वजह 10 महीने से गांव के दबंगों द्वारा बहिष्कृत करा दिया है। बच्चों की पढ़ाई छुड़ाने, राश्न न देने, मजदूरों को खेत से बाहर करने जैसे आरोप भी लगाए हैं। उनका कहना है कि गांव के दबंग हरगोविंद कुशवाहा के हाथों से एक गए की मृत्यु हो गई थी। उसका प्रायश्चित और गौ-हत्या के आरोप से मुक्ति के लिए उनके पिता से कथा करने को कहा था। चूंकी पिता बुजुर्ग हैं, इसलिए उन्होंने कथा करने में असमर्थता जता दी थी। इस बात का दबंगों को काफी बुरा लग गया और उन्होंने पूरे परिवार का गांव से बहिष्कार करा दिया। हनौता गांव में आदेश पारित करा दिया कि बहिष्कृत प्रमोद के परिवार से कोई भी गांव वाला संबंध नहीं रखेगा। अब तो हालत यह हो गई कि परिवार को किराना दुकानदार ने सौदा देना बंद कर दिया। चक्की वाला गेहूं नहीं पीस रहा। कोई प्रमोद के परिवार से सामाजिक संबंध नहीं रखे हैं।
सदमें
से
मां
का
निधन
हो
गया
प्रमोद
दुबे
ने
शिकायत
में
कहा
है
कि
सामाजिक
बहिष्कार
और
प्रताड़ना
के
सदमे
में
उनकी
मां
विद्यादेवी
की
सदमें
में
मौत
तक
हो
गई।
तेरहंवी
पर
उनके
गांव
में
कोई
भी
गांव
वाला
नहीं
आया
और
तेरहंवी
भोज
के
लिए
बना
खाना
भी
खराब
हो
गया
था।
उनके
दो
बच्चों
की
पढ़ाई
तक
छोड़ना
पड़ी
है।