नए साल के जश्न पर भाजपा नेता बोले- यह विदेशी संस्कृति है, हम क्यों मनाएं?
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भोपाल। नया साल आने में अब बस कुछ ही घंटों का इंतजार है। इसके बाद साल 2017 खत्म और साल 2018 शुरू हो जाएग। हालांकि इस नए साल पर भारतीय जनता पार्टी के कुछ नेताओं के तेवर एकदम जुदा हैं। किसी भाजपा नेता के पास जश्न मनाने के लिए पैसे नहीं है तो कोई कह रहा है कि यह विदेशी परंपरा है। मध्य प्रदेश के पंचायती राज मंत्री गोपाल भार्गव ने कहा कि नए साल में कुछ नहीं बदलेगा। उन्होंने कहा कि उनके पास जश्न के लिए पैसे नहीं है। मेरे लिए सब एक जैसा, कोई फर्क नहीं पड़ता। वहीं उज्जैन से भाजपा विधायक मोहन यादव ने कहा कि देश के सारे पर्व हिन्दू कैलेंडर के अनुसार हों। यह दुर्भाग्य है कि शराब पार्टी से युवा प्रभावित हो रहे हैं। हमारे लिए गुड़ी पाड़वा नया साल है।
विधायक ने कहा कि लोग 31 दिसंबर की रात शराब पीकर गंदगी मचाते हैं, मैं उनका विरोध करता हूं। उन्होंने कहा कि अगर कोई नया साल मना रहा है तो अपना पर्व मनाए, किसी और का क्यों? यादव ने सरकार से मांग तक कर डाली कि इस पर रोक लगाया जाए।
उच्च शिक्षा मंत्री जयभान पवैया ने कहा कि जब देश की संस्कृति मजबूर होगी तो यह तय कर लेंगे। पवैया ने कहा कि यह ईसाइयों में होता है। यह उनकी परंपरा है। जो लोग पश्चिमी सभ्यता को मानते हैं मैं भला विरोध क्यों करुं? यह लोकतंत्र है।