एमपी: आसाराम के 6 साधकों को पांच-पांच साल की जेल, जानलेवा हमला किया था
सागर, 14 जून। मप्र के सागर जिला कोर्ट ने आसाराम बापू के 6 साधकों को जानलेवा हमले के आरोप में दोषी मानते हुए पांच-पांच साल की सश्रम कैद व जुर्माने की सजा सुनाई है। आरोपियों पर जिले के सानौधा थाना क्षेत्र के गोराखुर्द गांव में स्थित ट्रस्ट पर कब्जे के विवाद में एक स्थानीय व्यक्ति पर हमला कर उसे अपंग बना दिया था। पूरा मामला श्री देवजानकी रमण मंदिर ट्रस्ट से जुड़ा है। जहां आसाराम के साधकों ने जमीन पर कब्जा कर आलीशान आश्रम व गोशाला बना ली थी । 2018 में जब आसाराम को दुष्कृत्य समेत अन्य मामलों में राजस्थान की जेल जाना पड़ा तो इस तथाकथित आश्रम को लेकर स्थानीय लोगों ने आवाज उठाई थी।
सागर
जिले
के
सानौधा
स्थित
गोराखुर्द
गांव
में
श्री
देवजानकारी
रमण
मंदिर
ट्रस्ट
की
जमीन
विवाद
अवैध
कब्जे
और
आसाराम
बापू
के
साधकों
द्वारा
जानलेवा
हमला
करने
के
मामले
में
सप्तम
जिला
अपर
सत्र
न्यायाधीश
किरण
कोल
ने
इस
मामले
में
फैसला
सुनाते
हुए
6
साधकों
को
पांच-पांच
साल
की
सजा
सुनाई
है
साथ
ही
प्रत्येक
पर
10
हजार
500
रुपए
का
जुर्माना
भी
लगाया
है।
अभियुक्तों
में
अनिलभाई
गुर्जर
निवासी
झालावाड
राजस्थान,
गौतमभाई
निवासी
जिला
गंजाम
उडीसा,
बलरामभाई
निवासी
गांव
पिंडरई
खुर्द
जिला
छिंदवाडा,
सच्चिदानंद
निवासी
गांधी
नगर
भोपाल,
बिहारी
कुर्मी
और
गोविंद
उर्फ
नीलेश
दुबे
दोनों
निवासी
गांव
गोराखुर्द
सानौधा।
मंदिर
के
पुजारी
व
साथी
पर
किया
था
जानलेवा
हमला
शासन
की
ओर
से
मामले
में
पक्ष
रखने
वाले
लोक
अभियोजक
एमडी
अवस्थी
ने
बताया
कि
श्रीदेव
जानकी
रमण
मंदिर
ट्रस्ट
की
जमीन
पर
कब्जे
और
आसाराम
के
तथाकथित
आरम
को
लेकर
गांव
के
स्थानीय
लोगों
ने
आवाज
उठाई
थी।
अगुवाई
मंदिर
ट्रस्ट
के
महंत
पं
अयोध्यादास
ने
की
थी।
मंदिर
के
पुजारी
प्रेम
नारायण
उपाध्याय
इस
पूरे
मामले
में
सक्रिय
रहे
थे,
जिस
कारण
आसाराम
के
साधक
रंजिश
रखने
लगे
थे।
मार्च
2018
में
इसी
बात
को
लेकर
आसाराम
के
साधकों
ने
प्रेम
नारायण
व
उसके
साथ
रहने
वाले
अन्य
साथी
देवेंद्र
पटेल
पर
धारदार
हथियार
से
हमला
कर
दिया
था।
हमले
में
प्रेमनारायण
के
पैर
में
गंभीर
चोट
के
बाद
उसे
काटना
पडा
था।
कोर्ट
ने
मामले
में
लंबी
सुनवाई
के
बाद
आरोपियों
पर
धारा
148,
452,
307,
149
के
तहत
दोषी
मानते
हुए
पांच-पांच
साल
के
कारवास
व
जुर्माने
की
सजा
सुनाते
हुए
जेल
भेज
दिया
है।