यूपी के लोगों को NCR में नहीं देना होगा रोड टैक्स, योगी कैबिनेट ने दी मंजूरी
लखनऊ, 26 जुलाई: उत्तर प्रदेश की योगी कैबिनेट ने मंगलवार को परिवहन विभाग के प्रस्ताव को मंजूरी दी है, जिसके तहत अब एनसीआर में यूपी के लोगों को रोड टैक्स नहीं देना होगा। परिवहन विभाग ने चार राज्यों दिल्ली, हरियाणा राजस्थान और यूपी के बीच रोड टैक्स को लेकर करार किया है। इसके अलावा ललितपुर में नई जेल बनाने के प्रस्ताव को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। पहले ललितपुर जेल छोटी थी जिसे अब बड़ी जेल बनाने के प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई है। अभी तक ललितपुर जेल की क्षमता 180 थी, जिसे बढ़ाने का फैसला किया गया है।
परिवहन मंत्री ने कहा- लोगों को मिलेगी राहत
परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने मीडिया से बातचीत में कहा कि अभी तक एनसीआर में रोजाना आवाजाही के लिए कैब और टैक्सी वालों को एक्स्ट्रा रोड टैक्स देना पड़ता था। अब इन चार राज्यों से करार के बाद यूपी के लोगों को रोड टैक्स नहीं देना होगा। बस अब एक ही जगह टैक्स देना होगा। इससे विभाग पर अतिरिक्त बोझ बढ़ेगा, लेकिन लोगों को इससे राहत जरूर मिलेगी।
UP में मंकीपॉक्स को लेकर अलर्ट हुई योगी सरकार, जानिए अब तक क्या उठाए गए कदम
MSME के जरिये खरीदे जाएंगे 2 करोड़ राष्ट्रीय ध्वज
आजादी की 75वीं वर्षगांठ पर हर घर तिरंगा फहराने के लिए सुक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विभाग के जरिए दो करोड़ राष्ट्रीय ध्वज बनवाए जाएंगे। एक झंडे की कीमत 20 रुपए निर्धारित की गई है। डेढ़ करोड़ राष्ट्रीय ध्वज का खर्च 30 करोड़ रुपए पंचायतीराज विभाग और 50 लाख ध्वज का खर्च 10 करोड़ रुपए नगर विकास विभाग वहन करेगा। कैबिनेट बैठक में इसका प्रस्ताव मंजूर किया गया। इसके अलावा प्रदेश में ग्राम पंचायतों (ग्राम सचिवालयों) से अब ग्रामीणों को निवास प्रमाण पत्र, आय प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र, जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र सहित भू अभिलेख सहित ई-डिस्ट्रिक पोर्टल और जन सेवा केंद्र से मिलने वाली सभी 14 सेवाएं ऑनलाइन मिलेंगी। इसके लिए ग्रामीणों को निर्धारित न्यूनतम सेवा शुल्क देना होगा। ग्राम सचिवालय में तैनात पंचायत सहायक जन सेवा केंद्र संचालक के रूप में काम करेंगे।
ग्राम पंचायतों में जन सेवा केंद्र और ई-डिस्ट्रिक पोर्टल के जरिए दी जाने वाली सभी 14 सेवाओं के साथ उन सेवाओं को भी जोड़ा जाएगा जो फिलहाल पोर्टल पर नहीं है, लेकिन भविष्य में आईटी एवं इलेक्ट्रानिक्स विभाग की ओर से उपलब्ध कराई जाएगी। जन सेवा केंद्र संचालक को मिलने वाला सेवा शुल्क ग्राम पंचायत के खाते में पंचायत की आय के रूप में जमा किया जाएगा।