छोटी पार्टियों से गठबंधन करने की बात कहना सपा की महालाचारी: मायावती
लखनऊ, 02 जुलाई: समाजवादी पार्टी की ओर से आगामी विधानसभा चुनाव में छोटी पार्टियों से गठबंधन को लेकर बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने अखिलेश यादव पर तंज कसा है। मायावती ने कहा कि ऐसा कहना और करना सपा की महालाचारी है। बसपा सु्प्रीमो ने समाजवादी पार्टी पर दलित विरोधी सोच और कार्यशैली होने का भी आरोप लगाया है। बता दें, अखिलेश यादव ने कहा है कि समाजवादी पार्टी आगामी चुनाव में छोटे दलों के साथ गठबंधन करेगी।
मायावती ने कहा- समाजवादी पार्टी की घोर स्वार्थी...
मायावती ने शुक्रवार की सुबह ट्वीट में लिखा, ''समाजवादी पार्टी की घोर स्वार्थी, संकीर्ण व ख़ासकर दलित विरोधी सोच एवं कार्यशैली आदि के कड़वे अनुभवों तथा इसकी भुक्तभोगी होने के कारण देश की अधिकतर बड़ी व प्रमुख पार्टियाँ चुनाव में इनसे किनारा करना ही ज़्यादा बेहतर समझती हैं, जो सर्वविदित है। इसीलिए आगामी यूपी विधानसभा आमचुनाव अब यह पार्टी किसी भी बड़ी पार्टी के साथ नहीं बल्कि छोटी पार्टियों के गठबंधन के सहारे ही लड़ेगी। ऐसा कहना व करना सपा की महालाचारी नहीं है तो और क्या है?''
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अखिलेश ने चुनाव में छोटे दलों के साथ गठबंधन करने की बात कही
बता दें, अखिलेश यादव ने कहा है कि समाजवादी पार्टी आगामी चुनाव में छोटे दलों के साथ गठबंधन करेगी। इसके साथ ही उन्होंने बीजेपी पर निशाना भी साधा। अखिलेश ने कहा कि बीजेपी असल मुद्दों पर बहस से भागती है। बेरोजगारी, महंगाई के विषयों पर बात नहीं करती।
मायावती ने इससे पहले बीजेपी और कांग्रेस पर निशाना साधा था। उन्होंने ट्वीट किया, ''यूपी व पूरे देश भर में करोड़ों युवा व शिक्षित बेरोजगार लोग सड़क किनारे पकौड़े बेचने व अपने जीवनयापन के लिए मजदूरी आदि करने को भी मजबूर हैं तथा उनके माँ-बाप व परिवार जो यह सब देख रहे हैं उनकी व्यथा को समझा जा सकता है, जो यह दुःखद, दुर्भाग्यपूर्ण व अति-चिन्ताजनक। बीएसपी देश में नौजवानों के लिए ऐसी भयावह स्थिति पैदा करने के लिए केन्द्र में बीजेपी के साथ-साथ कांग्रेस को भी बराबर की जिम्मेदार मानती है जिसने लम्बे अरसे तक यहाँ एकछत्र राज किया व अपने कार्यकलापों की भुक्तभोगी बनकर कांग्रेस केन्द यूपी व काफी राज्यों की भी सत्ता से बाहर हो गई। यदि बीजेपी भी, कांग्रेस पार्टी के नक्शेकदम पर ही चलती रही तो फिर इस पार्टी की भी वही दुर्दशा होगी जो कांग्रेस की हो चुकी है, जिसपर बीजेपी को गम्भीरता से जरूर सोचना चाहिये क्योंकि इनकी ऐसी नीति व कार्यकलापों से न तो जनकल्याण और न ही देश की आत्मनिर्भरता संभव हो पा रही है।''