लखनऊ: कोरोना और ब्लैक फंगस के इंजेक्शन की कालाबाजारी में डॉक्टर सहित 6 गिरफ्तार
लखनऊ, जून 09: यूपी की राजधानी लखनऊ में पुलिस ने बुधवार को ब्लैक फंगस और जीवन रक्षक रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी के मामले में छह लोगों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों मे लोहिया अस्पताल का जूनियर डॉक्टर, केजीएमयू के दो संविदाकर्मी और तीन निजी अस्पतालों के कर्मचारी शामिल हैं। यह लोग लोहिया और केजीएमयू के स्टॉक से इंजेक्शन निकालकर उसकी कालाबाजारी करते थे। पुलिस कमिश्नर डीके ठाकुर ने गिरफ्तारी की टीम में शामिल पुलिस कर्मियों को 20 हजार रुपए का इनाम देने का ऐलान किया है। कालाबाजारी से संबंधित गिरोह के अन्य लोगों के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है।
20-25 हजार रुपए में बेचते थे इंजेक्शन
डीसीपी पश्चिम देवेश कुमार पांडेय ने बताया कि आरोपितों में राम मनोहर लोहिया अस्पताल का जूनियर डॉक्टर वामिक हुसैन, केजीएमयू इमरजेंसी मेडिसिन में संविदाकर्मी मो. आरिफ (वार्ड ब्वाय), मो. इमरान निवासी ख्यालीगंज कैसरबाग, राजेश कुमार निवासी इटौंजा रायपुर राजा (सर्जिकल ग्रुप में सेल्समैन), आजमगढ़ निवासी मो. राबिक (मेडिकल फर्म की फ्रेंचाइजी के मालिक), चिनहट में रहने वाला बलवीर सिंह (फार्मासिस्ट चिनहट हास्पिटल एवं ट्रामा सेंटर) केजीएमयू, लोहिया अस्पताल से ब्लैंक फंगस और रेमडेसिविर इंजेक्शन निकालते थे। इसके बाद निजी अस्पताल के कर्मियों की मदद से उनकी कालाबाजारी करते थे। ब्लैंक फंगस और रेमडेसिविर इंजेक्शन 20-25 हजार रुपये के दाम में बेचते थे।
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गिरोह के तार कई अन्य अस्पतालों से भी जुड़े
इंस्पेक्टर वजीरगंज धनंजय पांडेय के मुताबिक, गिरोह के लोग व्हॉट्सऐप कॉल पर एक दूसरे से और ग्राहकों से बात करते थे। मुखबिर की सूचना पर गिरोह के सरगना आरिफ का फोन नंबर मिला। पुलिसकर्मियों ने उससे कस्टमर बनकर बात की। सर्विलांस की मदद से इन लोगों की कॉल डिटेल्स खंगाली गई। इसके बाद कालाबाजारी करने वालों की कड़ी से कड़ी जुड़ती गई। पुलिस की टीम ने इन्हें इंजेक्शन की खरीदारी का झांसा देकर बुलाया। इसके बाद इन्हें पकड़ लिया गया। पुलिस ने बताया कि गिरोह के पास से 28 लाइपोजोमल एम्फोटेरिनसिन-बी ब्लैंक फंगस के इंजेक्शन, 18 रेमडेसिविर, आठ मोबाइल, डॉक्टर के पास से एक कार, दो बाइक और 16070 रुपए बरामद किए गए हैं। इंस्पेक्टर ने बताया कि गिरोह के तार कई अन्य अस्पतालों से भी जुड़े हैं।