यूपी में भाजपा के लिए मुश्किल बन सकते हैं वरुण गांधी
एक बार फिर से भाजपा सांसद वरुण गांधी ने पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को नकारा, अहम कार्यक्रम से रहे नदारद
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के आगामी चुनावों को देखते हुए भारतीय जनता पार्टी अपनी पूरी ताकत झोंकने में लगी है। इसी बाबत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद इसका मोर्चा संभाला और नोटबंदी के बाद दो रैलियों को संबोधित कर लोगों भाजपा के पक्ष में वोट देने की अपील भी की।
नोटबंदी
का
असर:
बैंक-ATM
की
कतार
में
खड़े
लोगों
को
मुफ्त
खिला
रहे
हैं
पिज्जा-सैंडविच
नहीं
पहुंचे
अपने
ही
संसदीय
क्षेत्र
के
कार्यक्रम
में
लेकिन
जिस
तरह
से
गुरुवार
को
केंद्रीय
परिवहन
मंत्री
सुल्तानपुर
में
हाईवे
का
उद्घाटन
करने
क
लिए
पहुंचे
और
तमाम
स्थानीय
भाजपा
नेता
और
पड़ोसी
सांसद
पहुंचे,
लेकिन
सुल्तानपुर
के
सांसद
वरुण
गांधी
की
गैरमौजूदगी
का
इस
कार्यक्रम
में
मौजूद
ना
होना
कई
सवाल
खड़े
करता
है।
इन
21
जगहों
पर
आप
500
रुपए
के
नोट
का
कर
सकते
हैं
इस्तेमाल
वरुण
गांधी
सुल्तानपुर
के
सांसद
हैं
और
उनके
संसदीय
क्षेत्र
में
में
हाईवे
के
चौड़ीकरण
का
उद्घाटन
करने
के
केंद्रीय
परिहन
मंत्री
नितिन
गडकरी
पहुंचे
थे
लेकिन
वरुण
यहां
से
नदारद
थे।
हालांकि
भाजपा
ने
उनकी
गैरमौजूदगी
की
वरुण
गांधी
की
निजी
वजह
बताई
है।
लेकिन
एक
बार
फिर
से
जिस
तरह
से
वरुण
गांधी
ने
बड़े
कार्यक्रम
से
नदारद
रहे
उसने
सवाल
खड़े
कर
दिए
हैं
कि
भाजपा
के
अंदरखाने
में
सबकुछ
ठीक
है
या
नहीं।
तमाम
बड़े
नेता
रहे
मौजूद
इस
कार्यक्रम
में
केंद्रीय
मंत्री
अनुप्रिया
पटेल,
प्रदेश
भाजपा
अध्यक्ष
केशव
प्रसाद
मौर्या,
सहित
कई
भाजपा
के
दिग्गज
प्रदेश
नेता
मौजूद
थे।
इस
मौके
पर
नितिन
गडकरी
ने
एनएच-56
के
चौड़ीकरण
का
उद्घाटन
किया
जिसकी
कुल
लागत
2650
करोड़
रुपए
है।
पहले
भी
दिख
चुके
हैं
तेवर
इससे
पहले
झांसी
में
प्रदेश
भाजपा
की
कार्यसमिति
से
भी
वरुण
नदारद
थे,
यही
नहीं
इलाहाबाद
में
भाजपा
की
राष्ट्रीय
कार्यकारिणी
में
भी
वरुण
गांधी
को
लेकर
उस
वक्त
विवाद
हो
गया
था
जब
उनके
नाम
को
लेकर
जमकर
नारेबाजी
हुई
थी
और
उन्हें
सीएम
का
उम्मीदवार
घोषित
किए
जाने
की
मांग
की
गई
थी।