अर्नब की गिरफ्तारी पर ओम प्रकाश राजभर ने योगी सरकार कसा तंज, ट्वीट कर कही ये बात
लखनऊ। रिपब्लिक टीवी के एडिटर-इन-चीफ अर्नब गोस्वामी की गिरफ्तारी पर राजनीति शुरू हो गई है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ट्वीट कर 'पत्रकार अर्नब गोस्वामी की गिरफ्तारी को कांग्रेस पार्टी के द्वारा अभिव्यक्ति की आजादी पर प्रहार बताया था। तो वहीं, अब यूपी सरकार में कैबिनेट मंत्री रह चुके सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर ने तंज कसते हुए यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार व केंद्र की बीजेपी सरकार पर हमला बोला है। ओम प्रकाश राजभर ने ट्वीट कर पूछा, 'अर्नब की गिरफ्तारी पर आंसू बहाने वाले बताएं यूपी में पत्रकारों का उत्पीड़न इमरजेंसी था रामराज का हिस्सा।'
पार्टी का प्रवक्ता हुआ गिरफ्तार: राजभर
सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर ने प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार और केंद्र सरकार पर तंज करते हुए ट्वीट किया है। ओम प्रकाश राजभर ने लिखा, 'पूरी भाजपा बिलबिला रही है। सभी नेता और मंत्री ट्वीट कर रहे हैं। पार्टी का प्रवक्ता गिरफ्तार हुआ है। अर्नब ने सपने मे भी नही सोचा था कि इस तरह पुलिस उनको घसीटते हुए ले जायेगी। जो कि एक अपराधी है वो भी एक महिला का, और अपराधी का साथ देना भी अपराध है!'
यूपी और बिहार में हुई घटना पर कहा थी BJP: राजभर
ओम प्रकाश राजभर ने ट्वीट कर भारतीय जनता पार्टी (BJP) से सवाल पूछा कि, 'पत्रकार गौरी लंकेश, नरेंद्र दाभोलकर पर जानलेवा हमले होते है। प्रशान्त कनोजिया को जेल में डाला जाता है। दलित पत्रकार मीना कोटवाल के साथ हाल ही में बिहार के मोतिहारी में बदसुलूकी की जाती है। तब अर्नब के समर्थन में उतरने वाले बीजेपी के लोग छुपे होते है या फंसे होते है?पूछता है भारत?'
यूपी में पत्रकारों का उत्पीड़न इमरजेंसी था रामराज का हिस्सा
ओम प्रकाश राजभर ने ट्वीट कर उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि, 'योगी सरकार में मिड-डे-मील के नाम पर मासूम बच्चों को नमक रोटी परोसे जाने की खबर सामने लाने वाले मिर्जापुर के पत्रकार पवन जायसवाल, आज़मगढ़ के पत्रकार संजय जायसवाल, प्रशांत कनौजिया भ्रष्टाचार उजागर करने वाले मनीष पांडेय के साथ UP सरकार ने जो किया वो क्या था? इमरजेंसी या रामराज?'
योगी सरकार ने एक साल में 40 पत्रकारों पर दर्ज की FIR
वो यही नहीं रुके उन्होंने अपने चौथे ट्वीट में पूछा कि, योगी सरकार में एक साल मे चालीस पत्रकारों पर FIR हुई! पत्रकारों की हत्या हो गयी! सरकार के खिलाफ ख़बर लिखने पर EOW जैसी ऐजेसी पीछे लगा दी गयी पर जो आज अर्नब की गिरफ्तारी पर बिलबिला रहे है वह ख़ामोश थे और अर्नब की गिरफ़्तारी से इनको लोकतंत्र की याद आ रही है ! नौटंकी इसी को कहते है!'