अखिलेश सरकार की संत कमेटी ने माना कैराना में दहशत का माहौल
लखनऊ। कैराना में कथित तौर पर 350 से अधिक हिंदू परिवारों के पलायन के मामले का सच सामने लाने के लिए अखिलेश सरकार ने पांच संतों से अनुरोध किया था कि वह यहां जायें और लोगों के सामने सच सामने रखे। लेकिन संतों से तथ्यों को सामने लाने का अनुरोध अब अखिलेश सरकार के लिए महंगा पड़ गया है। संतों ने अपनी जांच के दूसरे दिन कैराना में गुंडागर्दी की बात कही है। संतों का कहना है कि इलाके में गुंडागर्दी के चलते दहशत का माहौल है।
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संत प्रमोदकृष्णन का कहना है कि कैराना में साजिश की जा रही है। उन्होंने कहा कि जो लिस्ट जारी की गयी है उसमें मुरारी लाल जाटव का परिवार अभी भी कैराना में रहते हैं और हिंदू और मुसलमान आपस में भाई-बहन की तरह रहते है। कैराना दौरे पर पहले दिन संतों ने इलाके में धार्मिक पलायन की बात से इनकार किया है। लेकिन इलाके में दहशत, अपराध और गुंडागर्दी की बात को स्वीकार किया है।
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संत दिव्यानंद का कहना है कि अभी भी इस मामले की जांच हो रही है। जबकि संत चक्रपाणि का कहना है कि हम मंदिरों के पुजारियों से मुलाकात करेंगें और तीन दिन के भीतर मामले की रिपोर्ट रखेंगे। संत चक्रपाणि का कहना है कि लोगों में डर का माहौल है औऱ जो भी मीडिया के सामने अपनी बात रखता है उसे धमकी भरे फोन आने शुरु हो जाते हैं। इसी के चलते तीन दिन में तीन हत्यायें हुई हैं।