ताज महल में 20 बंद कमरों का रहस्य जानने के लिए कोर्ट में दायर याचिका, क्या इसमें हिंदू मूर्तियां हैं?
लखनऊ, 08 मई। इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच में आगरा के ताजमहल के दरवाजों को खोलने के लिए याचिका दायर की गई है। याचिका में कहा गया है कि कोर्ट ऑर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया को निर्देश दे कि वह ताजमहल के भीतर के 20 कमरों के दरवाजों को खोले और इसमे इस बात की जांच कराए कि क्या भीतर हिंदू देवी-देवताओं की मूर्तियां रखी हैं, क्या इसमे हिंदू धर्म की पुस्तकें छिपाकर रखी गई हैं।
भाजपा
के
मीडिया
प्रभारी
ने
दायर
की
याचिका
अयोध्या
जिले
में
भारतीय
जनता
पार्टी
के
मीडिया
इंचार्ज
डॉक्टर
रजनीश
सिंह
ने
कोर्ट
में
यह
याचिका
दायर
की
है
और
हालांकि
कोर्ट
में
अभी
इस
याचिका
पर
सुनवाई
होनी
है।
एडवोकेट
रुद्र
विक्रम
सिंह
ने
ने
डॉक्टर
रजनीश
सिंह
की
ओर
से
यह
याचिका
कोर्ट
में
दायर
की
है।
डॉक्टर
रजनीश
का
कहना
है
कि
ताजमहल
के
साथ
एक
पुराना
विवाद
जुड़ा
है।
तकरीबन
20
मरे
ताजमहल
के
भीतर
बंद
हैं
और
यहां
किसी
को
भी
भीतर
जाने
की
अनुमति
नहीं
है।
माना
जाता
है
कि
इन
कमरों
में
हिंदू
देवी-देवताओं
की
मूर्तियां,
शास्त्र
रखे
हैं।
कोर्ट
से
की
अपील
डॉक्टर
रजनीश
ने
कहा
कि
मैंने
हाई
कोर्ट
में
याचिका
दायर
की
है
और
एएसआई
को
निर्देश
देने
की
अपील
की
है,
ताकि
इन
कमरों
को
खोलकर
इसकी
सच्चाई
को
सामने
लाया
जा
सके।
इन
कमरों
को
खोलने
में
कोई
नुकसान
नहीं
है,
ऐसा
करके
तमाम
विवादों
को
विराम
दिया
जा
सकता
है।
याचिका
में
कहा
गया
है
कि
कोर्ट
राज्य
सरकार
को
निर्देश
दे
कि
इस
बाबत
एक
कमेटी
का
गठन
किया
जाए
जोकि
इन
कमरों
में
रखी
चीजों
की
जांच
करे
और
देखे
कि
क्या
यहां
हिंदू
धर्म
से
जुड़ी
मूर्तियां
या
शास्त्र
रखे
हैं।
आखिर
क्या
है
इन
20
कमरों
में
भाजपा
नेता
की
ओर
से
कहा
गया
है
कि
ताजमहल
में
20
कमरे
हैं
जिनमे
ताला
लगा
है,
इसके
भीतर
का
सच
किसी
को
नहीं
पता
है।
डॉक्टर
रजनीश
ने
कहा
कि
2020
से
वह
आरटीआई
के
जरिए
इन
कमरों
की
जानकारी
हासिल
करने
की
कोशिश
कर
रहे
हैं।
डॉक्टर
रजनीश
ने
संस्कृति
मंत्रालय
को
भी
आरटीआई
के
जरिए
इसकी
जानकारी
मांगी
थी।
उन्होंने
आरटीआई
के
जरिए
इन
कमरों
का
सच
पता
करने
की
कोशिश
की
थी,लेकिन
उन्हें
इस
बात
की
जानकारी
नहीं
मिल
सकी
कि
आखिर
ये
20
कमरे
बंद
क्यों
हैं।
इस
बारे
में
कोई
जानकारी
भी
नहीं
साझा
की
गई।