विकास दुबे के गांव बिकरू में 25 साल बाद निष्पक्ष हुआ चुनाव, जानें कौन बना प्रधान?
कानपुर मई 03: कानपुर के बिकरू ग्राम पंचायत में 25 साल बाद निष्पक्ष चुनाव हुआ और लोगों ने अपना प्रधान चुना। बिकरू ग्राम पंचायत से मधु ने जीत दर्ज की। उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी बिंदु कुमार को 54 वोटों से हराया है। बिकरू गांव पिछले साल तब सुर्खियों में आया जब दुर्दांत विकास दुबे ने आठ पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी थी। पुलिस एनकाउंटर में विकास दुबे और उसके 5 साथी ढेर हो गए थे। इसके पहले यहां विकास दुबे अपने परिवार के लोगों या चहेतों को लड़ाता था और उसका प्रत्याशी निर्विरोध जीतता था।
25 साल बाद हो सका निष्पक्ष चुनाव
बिकरू गांव में 25 साल पहले विकास दुबे प्रधान बना था। इसके बाद से गांव में निष्पक्ष चुनाव नहीं हो सका। बदमाश विकास दुबे जिसे चाहता था उसे चुनाव में खड़ा करता था और वही चुनाव जीतता था। विकास बिकरू ही नहीं आसपास के इलाके में निर्विरोध प्रधान का चुनाव करा देता था। पिछली बार उसकी बहू अंजली दुबे बिकरू से ग्राम प्रधान थी, जबकि उसकी पत्नी रिचा दुबे घिमऊ से क्षेत्र जिला पंचायत सदस्य थी। बता दें, बिकरू कांड के बाद विकास दुबे और उसके पांच साथी पुलिस एनकाउंटर में ढेर कर दिए गए थे। विकास के बाकी गुर्गे जेल की सलाखों के पीछे हैं। ऐसे में बिकरू और आसपास के गांवों में चुनावी मौसम में खासा खुशनुमा माहौल में यहां चुनाव हुआ था।
चुनाव जीतन के बाद क्या बोलीं मधु
1400 वोटर वाली बिकरू ग्राम पंचायत इस बार आरक्षित सीट थी, जिस पर 10 प्रत्याशी मैदान में थे। बिकरू ग्राम पंचायत से मधु ने जीत दर्ज की। उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी बिंदु कुमार को 54 वोटों से हराया है। मधु के हिस्से में 381 वोट आए, जबकि बिंदू कुमार को 327 वोट मिले। चुनाव जीतने के बाद मधु ने मीडिया के सामने कहा कि उसने अन्याय के खिलाफ लड़ाई के लिए चुनाव लड़ने का फैसला लिया।
गांववालों में खुशी की लहर
बिकरू गांव 25 साल निष्पक्ष चुनाव से गांव के लोग भी काफी खुश हैं। बिकरू और आसपास के गांवों में कई युवाओं ने बताया कि उन्होंने पहली बार यहां पंचायत चुनाव प्रचार देखा था। गांव में ग्राम प्रधान, जिला पंचायत और क्षेत्र पंचायत सदस्यों के लिए खूब पर्चे बंटे। प्रत्याशी घर-घर जाकर वोट मांग रहे थे।
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