कहां से आया 23 किलो सोना?, DRI के सवालों का पीयूष ने दिया गोल-मटोल जवाब
कानपुर, 04 जनवरी: पीयूष जैन के ठिकानों से 'अकूत दौलत' मिलने के बाद डायरेक्ट्रेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलीजेंस (डीआरआई) लखनऊ की टीम ने पूछताछ की। पीयूष जैन से कानपुर जिला जेल में डीआरआई ने करीब दो घंटे तक पूछताछ की। डीआरआई की टीम यह जानने की कोशिश कर रही थी कि पीयूष के घर से बरामद 23 किलो सोना कहां से आया। टीम लगातार सवाल दागती रही और यह जानने की कोशिश करती रही कि क्या सोने की तस्करी की गई थी या अगर यह सही तरीके से हैं तो फिर इसके दस्तावेज किधर हैं।
पीयूष से पूछताछ के लिए DRI ने लिया था समय
दरअसल, डीआरआई के अफसरों ने पीयूष के बयान दर्ज करने के लिए सोमवार 03 जनवरी को कोर्ट से करीब चार घंटे की अनुमति ली थी। कोर्ट से अनुमति मिलने के बाद दो अफसर समेत तीन लोग लैपटॉप लेकर पीयूष से पूछताछ करने जेल गए थे। आपको बता दें कि पीयूष जैन को कोरोना प्रोटोकॉल के तहत कानपुर जिला जेल के बैरक नंबर 15 में रखा गया है। पीयूष से पूछताछ करने के लिए डीआरआई के सीनियर इंटेलीजेंस ऑफिसर और इंटेलीजेंस ऑफिसर समेत तीन सदस्यीय टीम सोमवार शाम लगभग साढ़े चार बजे जेल में दाखिल हुई। इस दौरान टीम के मोबाइल फोन बंद करा दिए गए थे।
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पीषयू के ठिकाने से मिला था 23 किलो गोल्ड
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो पूछताछ के दौरान पीयूष जैन गोल-मटोल जवाब देता रहा। डीआरआई की टीम ने दो घंटे तक लगातार सवाल दागे। लेकिन टीम को पीयूष जैन की ओर से संतोषजनक जवाब नहीं मिल सका। गौरतलब है कि बीते दिनों डीजीजीआई और आईटी की संयुक्त टीम ने पीयूष जैन के कन्नौज स्थित फर्म पर छापा मारकर सोने की 23 ईंटें बरामद की थीं। प्रत्येक ईंट का वजन एक किलो था। सोने की इन ईंटों पर विदेशी मुहर लगी थी। जिसकी वजह से इस सोने का इंटरनेशनल कनेक्शन भी सामने आ रहा है। जी हां..जांच एजेंसी को ऐसा शक है कि इस सोने की तस्करी की गई है। क्योंकि पीयूष के घर से बरामद सोने पर स्विट्जरलैंड की दो कंपनियों का होने की आशंका जताई जा रही है।
कहां से आया सोना, जानने में जुटी DRI की टीम
हालांकि, इस गोल्ड का कनेक्शन दुबई से भी हो सकता है ऐसी संभावनाएं भी जताई जा रही थी। अब डायरेक्टरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस (डीआरआई) की टीम बरामद की गई सोने की ईटों की जांच में जुट गई है। अब डीआरआई की टीम ये पता लगाएगी कि ये सोना कहां से आया है और क्या ये सोना तस्करी कर लाया गया? क्या इसके पीछे कोई गोल्ड स्मगलिंग सिंडिकेट है, क्या इस सोने पर कस्टम ड्यूटी चुकाई गई? डीआरडी इस बात का भी पता लगाएगी कि आखिर पीयूष जैन ने ये सोना किससे खरीदा।
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