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25 डिग्री-डिप्लोमा लेकर यह शख्स लगाता है ठेला, जानिए क्यों ठुकरा दी सरकारी नौकरी?

मिलिए एक ऐसे ठेले चालक से जिसकी डिग्रियों का पुलिंदा देख आप भी रह जाएंगे दंग

By दयालसिंह सांखला
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जोधपुर। मिलिए इनसे। ये हैं अशोक भाटी। इनके पास एक नहीं बल्कि पूरी 25 डिग्री और डिप्लोमा हैंं। दुनिया में सबसे अधिक पढ़ा-लिखा शख्स होने का दावा भी करते हैं। पढ़ाई के दौरान गोल्ड मेडल हासिल कर चुके हैं। लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड तक में इनका नाम दर्ज है। पढ़ाई के अलावा इनकी जो खास बात है वो हर किसी को चौंका देने वाली है।

लूणी रेलवे स्टेशन पर लगाते हैं ठेला

लूणी रेलवे स्टेशन पर लगाते हैं ठेला

दरअसल, इतना पढ़ा-लिखा होने के बावजूद अशोक भाटी किसी खास ओहदे पर नहीं है। ये नौकरी नहीं करते बल्कि ठेला लगाते हैं। राजस्थान के जोधपुर जिले के लूणी रेलवे स्टेशन पर अशोक भाटी से रसगुल्ले के ठेले पर मुलाकात की जा सकती है। डिग्रीधारी होकर भी ठेला लगाने पर भाटी को कोई मलाल नहीं है। 63 वर्षीय अशोक भाटी बताते हैं कि इंसान को काम करना चाहिए। इसमें कुछ छोटा या बड़ा नहीं होता है। मुझे ठेला लगाने में कोई परेशान नहीं बल्कि खुशी है कि मैंने दिल की ​सुनी और ज्यादा दिमाग नहीं लगाया।

युवाओं को प्रेरित करने के लिए डिग्रियां लगाईं

युवाओं को प्रेरित करने के लिए डिग्रियां लगाईं

अशोक भाटी बताते हैं कि उन्होंने अपने ठेले के चारों तरफ डिग्रियों को डिस्प्ले कर रखा है। यह कदम इसलिए उठाया ताकि डिग्रियों को देखकर युवा पीढ़ी कहीं भटके नहीं। उनमें पढ़ने-लिखने और काम करने का संदेश जाए। लूणी रेलवे स्टेशन पर जो भी नए यात्री आते हैं, वो अशोक भाटी की पढ़ाई और ठेले पर लगी डिग्रियों का पुलिंदा देख दंग रह जाते हैं।

26वीं डिग्री के लिए दी परीक्षा

26वीं डिग्री के लिए दी परीक्षा

अशोक भाटी के डिग्री हासिल करने का सिलसिला रुका नहीं है। अब वे 26वीं डिग्री के लिए एग्जाम दे चुके हैं और 27वीं डिग्री की तैयारी कर रहे हैं। साथ ही अपने ठेले के काम को लेकर भी इनका जोश व जज्बा कम नहीं हुआ है। लूणी रेलवे स्टेशन पर जब ट्रेन रुकती है तो अन्य ठेला संचालकों के तरह अशोक भाटी रसगुल्ले बेचने की आवाज लगाते मिल जाएंगे।

बैंक में लगी थी बाबू की नौकरी

बैंक में लगी थी बाबू की नौकरी

अशोक भाटी ने बताया कि यह हमारा पुश्तैनी काम है। मेरी सरकारी नौकरी भारतीय स्टेट बैंक में क्लर्क पद पर लगी थी। उन दिनों जोधपुर से लूणी के बीच यातायात के साधन कम थे। घर की जिम्मेदारियों को देखते हुए सरकारी नौकरी की बजाय पुश्तैनी काम को ही आगे बढ़ाने का फैसला लिया और लूणी रेलवे स्टेशन पर ठेला लगाना शुरू कर दिया। अशोक भाटी को बैज नंबर 786 के नाम से भी जाना जाता है। रेलवे स्टेशन पर इनके तीन ठेले हैं, जिनसे उनके पूरे परिवार को पाल रहे हैं। अशोक भाटी के पास वकालत, पत्रकारिता, अकाउंटेंट, एग्रीकल्चर डिप्लोमा आदि की कुल 25 डिग्री हैं।

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Ashok Bhati 25 degrees and diploma holder is selling rosgulla sweet at Luni Railway Station
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English summary
Ashok Bhati 25 degrees and diploma holder is selling rosgulla sweet at Luni Railway Station
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