झारखंड खेल नीति 2022: युवाओं का बढ़ा उत्साह, खिलाड़ियों को मिलेगी नई पहचान
रांची: बीते हफ्ते ही झारखंड में हेमंत सोरेन सरकार ने 'झारखंड खेल नीति 2022' का आगाज किया है। इस दौरान खुद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने खिलाड़ियों को सम्मानित भी किया। राज्य सरकार ने इस नीति को 'स्वस्थ झारखंड, खुशहाल झारखंड' के लक्ष्य के साथ लागू किया है, जिसके तहत राज्य में पांच साल में खेल संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए प्रयास किया जाना है। झारखंड के युवाओं में खेलों के प्रति हमेशा से लगाव देखा जाता रहा है और उससे संबंधित नई नीति लागू होने से युवा पीढ़ी के उत्साह का ठिकाना नहीं है।
पांच
साल
तक
प्रभावित
रहेगी
खेल
नीति
'झारखंड
खेल
नीति
2022'
अगले
5
साल
तक
प्रभावित
रहेगी
और
इस
दौरान
अगर
खिलाड़ियों
के
हित
में
आवश्यकता
होगी
तो
इसमें
और
भी
बदलाव
भी
किया
जाएगा।
इस
नीति
के
तहत
खिलाड़ियों
के
लिए
तो
प्रावधान
की
ही
गई
है,
उनके
कोच
के
लिए
भी
इंतजाम
किए
गए
हैं।
राज्य
सरकार
की
सोच
ये
है
कि
जब
बहुत
ही
सीमित
संसाधन
के
बावजूद
राज्य
के
खिलाड़ियों
ने
राष्ट्रीय
और
अंतरराष्ट्रीय
स्तर
पर
अपना
जौहर
दिखाया
है
तो
खेल
नीति
के
माध्यम
से
उनकी
सहायता
करके
उनके
लिए
बेहतर
अवसर
उपलब्ध
किया
जा
सकता
है।
50,000
रुपए
तक
न्यूनतम
सहायता
देने
की
तैयारी
राज्य
के
मुख्यमंत्री
हेमंत
सोरेन
के
मुताबिक
आने
वाले
समय
में
खेल
नीति
में
बदलाव
करके
खिलाड़ियों
को
दी
जाने
वाली
सहायता
राशि
को
न्यूनतम
50,000
रुपए
किया
जाएगा।
सरकार
इस
पर
भी
विचार
कर
रही
है
कि
उम्र
का
दायरा
पार
करने
के
बाद
खिलाड़ियों
का
भविष्य
कैसे
सुरक्षित
किया
जाए।
सरकार
स्कूलों
में
खेल
गतिविधियों
को
बढ़ावा
तो
देने
पर
विचार
कर
ही
रही
है,
तो
बन
रहे
स्टेडियमों
के
काम
में
और
तेजी
लाने
पर
भी
जोर
दे
रही
है।
युवाओं
का
बढ़ा
उत्साह
झारखंड
सरकार
की
खेल
नीति
2022
से
युवा
खिलाड़ियों
में
काफी
उत्साह
देखा
जा
रहा
है।
एक
युवा
खिलाड़ी
के
शब्दों
में,
'इस
खेल
नीति
से
मैं
बहुत
ही
ज्यादा
उत्साहित
हूं।
मुझे
बहुत
ही
ज्यादा
अच्छा
लगा।'
एक
ने
कहा,
'खेल
नीति
अगले
पांच
सालों
में
हमें
बहुत
ही
अधिक
मदद
करने
वाली
है।'
खिलाड़ियों
को
मिलेगी
नई
पहचान
झारखंड
खेल
नीति
मूल
रूप
से
राज्य
के
खिलाड़ियों
के
बेहतर
भविष्य,
प्रदेश
में
खेल
गतिविधियों
के
प्रसार,
युवाओं
को
रोजगार,
आम
लोगों
में
आत्मविश्वास
और
झारखंड
को
राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय
स्थर
पर
अपनी
पहचान
स्थापित
करने
के
उद्देश्य
से
तैयार
की
गई
है।
एक
युवा
खिलाड़ी
का
कहना
है,
'पहले
ऐसा
होता
था
कि
कोई
भी
खिलाड़ी
खेलते
थे
तो
उनके
घर
में
डाइट
नहीं
था।
उपकरण
नहीं
थे।
लेकिन,
इस
राशि
से
वे
डाइट
और
उपकरणों
की
कुछ
ना
कुछ
भरपाई
कर
पाएंगे।'
एक और खिलाड़ी का कहना है, 'बहुत सारे ग्राउंड बनाए जाएंगे....बहुत सारे अकैडमीज और बहुत सारी खेल संस्थाएं खुलेंगी। ऐसे संस्थान में बच्चे जा सकते हैं।' जबकि, एक युवा खिलाड़ी ने बताया, 'आने वाले खिलाड़ियों को यह खेल नीति छोटे लेवल से लेकर बड़े लेवल तक हर स्तर पर हेल्प करेगी।'
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