बेड से खड़े भी नहीं हो पाते थे झारखंड के रहने वाले दुलार चंद, कोविशील्ड की एक डोज ने ला दी शरीर में जान
रांची, जनवरी, 14। झारखंड के बोकारो जिले में रहने वाले दुलार चंद मुंडा ने जब से कोरोना वैक्सीन लगवाई है, तब से मानो उनके शरीर में एक नई ऊर्जा का संचार हो गया है। दरअसल, दुलार चंदा मुंडा ने दावा किया है कि उन्होंने 6 जनवरी को कोविशील्ड वैक्सीन लगवाई थी और 9 जनवरी को उनकी शरीर में एक नई ऊर्जा सी आ गई, जिसके बाद वो सालों पुरानी बीमारी से पूरी तरह ठीक हो गए।
सालों पुरानी बीमारी का इलाज निकली कोरोना वैक्सीन!
दैनिक भास्कर की खबर के मुताबिक, बोकारो जिले के पेटरवार प्रखंड के टकाहा गांव के रहने वाले 55 वर्षीय दुलार चंद मुंडा पिछले एक साल से गंभीर बीमारी से जूझ रहे थे। उनकी हालत ऐसी थी कि वो बेड से हिल भी नहीं पाते थे। परिवार के लोग तो उनके ठीक होने की आस ही छोड़ चुके थे, लेकिन ऐसे में दुलार चंद मुंडा ने 6 जनवरी को कोविशील्ड वैक्सीन की पहली डोज लगवाई और 9 जनवरी तक तो दुलार चंड अपने पैरों पर खड़े हो गए।
इलाज पर खर्च हो गए 4 लाख रुपए
दुलार चंद बताते हैं कि 4 साल पहले उनका एक एक्सीडेंट हुआ था। उस एक्सीडेंट के बाद से ही उनका शरीर खराब होता चला गया। उनके शरीर की नसों ने काम करना बंद कर दिया और पिछले एक साल से तो बेड से उठा भी नहीं जा रहा था। दुलार चंद के परिवारवालों ने उन्हें बोकारो, धनबाद व रांची के RIMS में भी इलाज के लिए दिखाया था। पिछले 4 साल में उनके इलाज पर करीब 4 लाख रुपए तक का खर्चा हो गया, लेकिन उनकी बीमारी ठीक नहीं हुई थी।
स्वास्थ्य विभाग कराएगा दुलार चंद के दावे की जांच
दुलार चंद के दावे को सुनकर स्वास्थ्य अधिकारियों के भी होश उड़ गए हैं और हेल्थ डिपार्टमेंट ने मामले की जांच कराने का फैसला किया है। राज्य वैक्सीनेशन के पदाधिकारी राकेश दयाल का कहना है कि स्वास्थ्य विभाग दुलार चंद के दावे की जांच करेगा। उन्होंने कहा कि जब तक मामले की पूरी जांच नहीं हो जाती, तब तक कुछ भी कहना बहुत जल्दबाजी होगी। RIMS के एक्सपर्ट पूरे मामले की जांच करेंगे।
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