जम्मू कश्मीर सरकार का बड़ा आदेश, 1 साल से अधिक समय से रह रहे लोग कर सकते हैं वोट
जम्मू कश्मीर (Jammu Kashmir) में सरकार जल्द ही चुनाव कराने की तैयारी कर रही है। इसी के चलते जम्मू कश्मीर के डिप्टी कमिश्नर ने नया आदेश जारी करते हुए कहा कि जो भी व्यक्ति जम्मू कश्मीर में एक साल से अधिक समय से रह रहा है वह अपने आपको वोटर के तौर पर रजिस्टर करा सकता है। डिप्टी कमिश्नर ने अपने आदेश में कहा है कि सभी तहसीलदारों को यह अधिकार होगा कि जो भी उनके जिले में एक साल से अधिक समय से रहा है उसे बतौर वोटर वह रजिस्टर करें। आदेश में कहा गया है कि इसका उद्देश्य यह है कि कोई भी मतदाता जो कि वोट डालने के लिए अर्ह है वह इससे वंचित ना रह जाए।
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ये कागज दिखाकर करा सकते हैं रजिस्ट्रेशन
गौर करने वाली बात है कि 2019 में आर्टिकल 370 खत्म किए जाने के बाद पहली बार है जब प्रदेश में चुनावी संशोधन हुआ है। जो आदेश जारी किया गया है उसमे कहा गया है कि आधार कार्ड, बिजली, पानी,र गैस कनेक्शन का बिल, बैंक का पासबुक, पासपोर्ट, जमीन की रजिस्टर्ड लैंड डीड आदि को बतौर रेजिडेंस प्रूव दिया जा सकता है और इसके आधार पर आप वोटिंग के लिए खुद को रजिस्टर कर सकते हैं। वहीं सरकार के इस फैसले का विपक्ष विरोध कर रहा है।
विपक्ष कर रहा विरोध
जम्मू कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस ने इसका विरोध करते हुए कहा कि सरकार अपने उद्देश्य को आगे बढ़ा रही है। भाजपा चुनाव से डरती है और उसे पता है कि वह चुनाव में बुरी तरह से हारेगी। यही वजह है कि सरकार 25 लाख वोटर्स को को लिस्ट में जोड़ना चाहती है जोकि जम्मू कश्मीर के स्थानीय नागरिक नहीं हैं। जम्मू कश्मीर के लोगों को भाजपा के इस षड़यंत्र का जवाब बैलट बॉक्स से देना चाहिए।
पहले सरकार ने दी थी सफाई
यह पूरा मसला पहली बार उस वक्त सामने आया था जब मुख्य निर्वाचन अधिकारी हृदेश कुमार ने कहा था कि जम्मू कश्मीर को 25 लाख अतिरिक्त वोटर्स मिल सकते हैं, जिसमे बाहरी भी शामिल होंगे। चुनाव आयोग के इस फैसले का भाजपा को छोड़कर सभी दलों ने भारी विरोध किया था। इन सभी दलों ने बाहरी लोगों को मतदान का अधिकार दिए जाने का सख्ती से विरोध किया था और इसके खिलाफ सड़क पर प्रदर्शन किया था। हालांकि बाद में प्रशासन की ओर से साफ किया गया था कि इस संशोधन में मौजूदा समय में रह रहे नागरिकों को शामिल किया जाएगा, जिन लोगों की उम्र 1 अक्टूबर 2022 को 18 वर्ष पूरी हो चुकी है उनके शामिल होने से वोटर्स की संख्या में इजाफा होगा।