Jaipur : बरसाती पानी में डूबते-डूबते बची 2400 साल पुरानी ममी, 130 साल में पहली बार शोकेस से बाहर
जयपुर। राजस्थान की राजधानी जयपुर में कई दशक बाद 14 अगस्त 2020 को हुई भारी बारिश ने जबरदस्त तबाही मचाई है। तबाही के खौफनाक मंजर की तस्वीरें अब भी सामने आ रही हैं। जमींदोज वाहन व घरेलू सामान अब भी निकाला जा रहा है। वहीं, ताजा तस्वीर जयपुर स्थित अल्बर्ट हॉल के म्यूजियम से सामने आई है। यहां पर 130 साल से रखी 24 सौ साल पुरानी ममी डूबते डूबते बची है।
जयपुर बन गया था जयपुर
दरअसल, 14 अगस्त की सुबह तीन बजे से लेकर दोपहर करीब 10 घंटे 7.36 इंच पानी बरसा। पूरा जयपुर जलपुर बन गया। सड़कें दरिया बन गई। परकोटा में बाढ़ के हालात पैदा हो गए और निचले इलाके तो जलमग्न ही हो गई। छह लोगों की मौत तक हो गई। सड़कों पर कारें कागज की नाव की तरह तैरतीं नजर आईं।
अल्बर्ट हॉल म्यूजियम में 4 फीट तक पानी भरा
इस रिकॉर्डतोड़ बारिश से अल्बर्ट हॉल स्थित म्यूजियम भी अछूता नहीं बच पाया। पहली बार अल्बर्ट हॉल म्यूजियम में 4 फीट तक पानी भर गया। इससे म्यूजियम के बेसमेंट की गैलरी में रखी 2400 साल पुरानी ममी के 4 फीट ऊंचे बॉक्स तक पानी पहुंच गया। ममी पानी में डूबते डूबते बच गई। गनीमत यह रही कि इसे समय रहते सुरक्षित जगह ले जाया गया।
कांच तोड़कर ममी को निकाला बाहर
मीडिया से बातचीत में अल्बर्ट हॉल के अधीक्षक डॉ. राकेश छोलक ने बताया कि महज 4-5 इंच का फासला बचा था। ऐसे में 5 मिनट की भी देरी होती तो ममी डूब जाती और इस नुकसान की कभी भरपाई नहीं हो पाती, लेकिन समय रहते कांच तोड़कर ममी को निकाल लिया गया।
पुरातत्व विभाग के हेड ऑफिस में भी पानी
मिस्र से लाई गई इस ममी को अल्बर्ट हॉल में लाए 130 साल से भी ज्यादा समय हो गया है। यह पहला मौका था, जब इसे बक्से से बाहर जमीन पर रखना पड़ा। उस दिन पुरातत्व विभाग के हेड ऑफिस में भी 5 फीट तक पानी भर गया था, जिससे राज्य के सभी विभागों की सैकड़ों फाइलें भीग गईं। बीते चार दिन से अधिकारी और कर्मचारी एक-एक फाइल को सुखाने में जुटे हुए हैं।
मिस्र के काहिरा से जयपुर लाई गई थी ममी
इस ममी का नाम तूतू है। 322 से 30 ईसा पूर्व के टौलोमाइक युग की है। यह महिला मिस्र के प्राचीन नगर पैनोपोलिस के अखमीन इलाके से 2300 साल पहले मिली थी। इसे 130 साल पहले भारत लाया गया था। अप्रैल 2017 में इस ममी को जयपुर के अलबर्ट हॉल के बेसमेंट में शिफ्ट किया गया था। इसके साथ-साथ यहां इसका इतिहास, जन्म-मृत्यु का संबंध, ममी बनाने का तरीका और इस ममी का एक्स-रे लोगों के सामने पेश किया गया था।
2-3 करोड़ का नुकसान हुआ
पुरातत्व विभाग के डायरेक्टर प्रकाश चंद्र शर्मा ने बताया कि ऑफिस में 5 फीट तक पानी भरने से सभी फाइल भीग गईं। लैपटॉप, प्रिंटर, कंप्यूटर में से कुछ भी नहीं बचा। भीगी हुई सैकड़ों फाइलें 4 दिन से सुखाई जा रही हैं। 7 दिन के लिए टूरिस्ट की एंट्री बंद है। हालात ठीक नहीं हुए तो इसे यह रोक और बढ़ाई जा सकती है। करीब 2-3 करोड़ रुपए के नुकसान का अनुमान है।
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