किसान आंदोलन : 7 दिन बाद का समय देना केंद्र सरकार की संवेदनहीनता की पराकाष्ठा- राजस्थान सीएम
जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों एवं केंद्र सरकार के बीच आठवें दौर की बातचीत के बेनतीजा रहने के बाद कहा कि अगली बैठक के लिए सात दिन बाद का समय दिया जाना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की संवेदनहीनता की पराकाष्ठा को दिखाता है। इसके साथ ही गहलोत ने उम्मीद जताई कि उच्चतम न्यायालय इस मामले में जल्द सुनवाई कर निर्णय करेगा।
उल्लेखनीय है कि किसान संगठनों एवं केंद्र सरकार के बीच आठवें दौर की बातचीत शुक्रवार को नई दिल्ली में हुई जो बेनतीजा रही। गहलोत ने ट्वीट किया कि केंद्र सरकार और किसान संगठनों के बीच आठवें दौर की बातचीत में भी कोई नतीजा नहीं निकल सका है। उन्होंने कहा कि किसान 45 दिन से ठंड में सड़क पर बैठे हैं। इसके बावजूद केंद्र सरकार ने अगली बैठक के लिए सात दिन बाद का समय दिया है। यह मोदी सरकार की संवेदनहीनता की पराकाष्ठा को दिखाता है। गहलोत ने कहा कि मुझे उम्मीद है कि उच्चतम न्यायालय जल्द ही इस मामले की सुनवाई कर निर्णय करेगा, ताकि किसानों के साथ न्याय हो सके।
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जानकारी के अनुसार, विज्ञान भवन में शुक्रवार को हुई आठवें राउंड की बैठक में किसान नेताओं ने केंद्र सरकार के तीनों मंत्रियों से कानूनों के क्लॉज पर चर्चा करने से इनकार कर दिया। करीब तीन घंटे तक चली बैठक में कई बार माहौल गरम होता नजर आया। बीच में जब कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने स्पष्ट कह दिया कि कानून तो सरकार वापस नहीं लेगी, चाहे तो किसान कोर्ट का विकल्प देख सकते हैं।
इस पर किसान नेताओं ने कहा कि वे कोर्ट नहीं जाएंगे, बल्कि सरकार से बातचीत के जरिए समाधान तलाशना चाहते हैं। पूरे तीन घंटे तक चली बैठक में किसान नेता, तीनों कानूनों को खत्म करने की रट लगाए रखे जबकि सरकार की तरफ से बातचीत कर रहे तीनों मंत्रियों ने यह मांग ठुकरा दी। बीच में एक समय ऐसा भी आया, जब मांग पूरी होता न देख कुछ किसान नेताओं ने बैठक छोड़कर चले जाने की भी बात कह दी।