करौली हिंसा : मिलिए उस हिंदू महिला मधुलिका राजपूत से जिसने 15 मुस्लिम दुकानदारों की जान बचाई
करौली, 16 अप्रैल। मिलिए राजस्थान की उस 'देवी' से जिसने हिंसा की आग में झुलसते करौली शहर में साम्प्रदायिक सौहार्द की मिसाल पेश की है। हम बात कर रहे हैं करौली के सिटी मॉल के मालिक संजय सिंह की बहन की मधुलिका राजपूत की। दंगों के दौरान मधुलिका राजपूत मुस्लिम युवकों की जान बचाने के लिए 'ढाल' बन गई।
हिंदू संगठनों की ओर से मोटरसाइकिल पर शोभायात्रा निकाली गई थी
दरअसल, हुआ यूं कि नव संवत्सर के मौके करौली शहर में हिंदू संगठनों की ओर से मोटरसाइकिल पर शोभायात्रा निकाली गई थी। शोभायात्रा के दौरान पथराव के बाद आगजनी और लूटपाट की घटना हो गई थी। इसी दौरान घटनास्थल से 600 मीटर की दूरी पर लगभग 15 मुस्लिम युवक सिटी मॉल में अपनी दुकानें बंद कर वहीं फंस गए थे।
सिटी मॉल के बाहर उपद्रव हो रहा था
सिटी मॉल के बाहर उपद्रव हो रहा था। तब मॉल के मालिक संजय सिंह की बहन मधुलिका राजपूत ने हिम्मत दिखाई और इंसानियत के नाते सभी दुकानदारों को अपने कमरे में ले गईं। मॉल के आगे उपद्रवी पूछ रहे थे कि यहां कोई छिपा तो नहीं है। मधुलिका ने मॉल के अंदर से ताला लगा दिया। जब उपद्रव शांत हो गया तो सभी दुकानदार अपने-अपने घर चले गए।
दीदी की वजह से हमें सुरक्षित जीवन मिल सका
मीडिया से बातचीत में दुकानदार तालिब खान, समीर खान बुडेरा, दानेश आदि का कहना है कि घटना की जानकारी लगते ही सामान जल्दी-जल्दी रखा, दुकान में ताले भी नहीं लगा पाए। कुछ समझ पाते, उससे पहले ही गली में भीड़ नजर आई, जिसे देखकर वापस मॉल में आ गए। ऊपर से दीदी आईं, उन्होंने कहा कि सभी ऊपर जाकर कमरे में बैठो, मैं संभालती हूं। दीदी की वजह से हमें सुरक्षित जीवन मिल सका।
मामला शांत होने पर सभी दुकानदार अपने घर चले गए
मीडिया से बातचीत में मधुलिका राजपूत ने बताया कि करौली दंगों की घटना शाम करीब 5:30 बजे से 5:45 बजे के बीच की है। दुकानदारों को कमरे में सुरक्षित रखा। चाय पिलाई और उनके परिजनों से बात करवाई। रात करीब नौ बजे मामला शांत होने पर सभी दुकानदार अपने घर चले गए।
36 दुकानों में आग लगाई गई
उल्लेखनीय है कि करौली शहर के हटवाड़ा बाजार में हुई हिंसा में 36 दुकानों में आग लगाई गई और करीब 70 मोटरसाइकिल फूंक दी गई। करौली पुलिस ने 46 लोगों को गिरफ्तार भी किया।
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