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दिग्विजय सिंह को मलाल: महाराष्ट्र की तर्ज पर मप्र में सिंधिया क्यों नही बने मुख्यमंत्री?

भाजपा बड़ा अन्याय करती है। मध्यप्रदेश में भी सिंधिया जी को मुख्यमंत्री बना कर शिवराज चौहान जी को उपमुख्यमंत्री बना सकते थे। लेकिन नहीं किया। सरासर दोहरा मापदंड है”। Regrets to Digvijay : Why did Scindia not become Chief

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भोपाल, 04 जुलाई: महाराष्ट्र के सियासी घटनाक्रम को लेकर मप्र के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया पर तंज कसा है। दिग्विजय सिंह ने ट्वीट किया है कि भाजपा बड़ा अन्याय करती है, मध्यप्रदेश में सिंधिया को मुख्यमंत्री बनाकर शिवराज सिंह चौहान को उप मुख्यमंत्री बनाया जा सकता था।

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महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री के तौर पर एकनाथ शिंदे और उप मुख्यमंत्री के रूप में देवेन्द्र फडनविस की ताजपोशी पर दिग्विजय सिंह चुटकियाँ ले रहे हैं। उन्होंने केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को लेकर ट्वीट किया है। ट्वीट में उन्होंने लिखा है कि "भाजपा बड़ा अन्याय करती है। एकनाथ शिंदे जी को बग़ावत करने पर मुख्यमंत्री पद दे कर देवेन्द्र फडनविस को उपमुख्यमंत्री बना दिया। मध्यप्रदेश में भी सिंधिया जी को मुख्यमंत्री बना कर शिवराज चौहान जी को उपमुख्यमंत्री बना सकते थे। लेकिन नहीं किया। सरासर दोहरा मापदंड है"। दिग्विजय ने ट्वीट के साथ एक न्यूज़ वीडियो भी शेयर किया जिसमें सिंधिया मीडिया के सवालों का जबाब दे रहे थे।

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शिंदे समर्थित 39 और भाजपा के 106 विधायक
दरअसल महाराष्ट्र में हुई सियासी उथल-पुथल में विधायकों के संख्या बल पर भी सियासत गर्म है। ठाकरे गुट से अलग हुए एकनाथ शिंदे के साथ 39 विधायकों की ताकत थी, जबकि भाजपा के पास 106 विधायक। उसके बाबजूद मुख्यमंत्री की कुर्सी शिंदे को सौपीं गई। पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस को डिप्टी सीएम बनकर ही संतुष्ट रहना पड़ा।

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सिंधिया ने खुद को बताया था जनता का सेवक
इसी मुद्दे पर ग्वालियर में जब ज्योतिरादित्य सिंधिया से मीडिया ने सवाल किए थे, उन्होंने खुद को जनता का सेवक बताया था। उन्होंने कहा था कि वह 'आपका, जनता का, ग्वालियर और पूरे मध्यप्रदेश का सेवक हूँ'। कभी भी उन्होंने या उनके परिवार के किसी सदस्य ने पद की कभी लालसा नही रखी। अपनी दादी राजमाता विजयाराजे और पिता माधवराव का भी जिक्र करते हुए सिंधिया बोले थे कि उन्होंने भी कभी किसी कुर्सी या पद के बारे में नही सोचा। सिंधिया परिवार ने हमेशा जनसेवा के पथ पर चलकर अपनी जिम्मेदारी का धर्म ही निभाया है।

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English summary
Regrets to Digvijay Singh: Why did Scindia not become Chief Minister in MP on the lines of Maharashtra?
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