Jabalpur News: सरकारी अस्पताल में इंजेक्शन लगवाओ तो संभल कर, कहीं आया न लगा दें आपको इंजेक्शन?
(Medical Hospital) मप्र के सरकारी अस्पतालों की व्यवस्था सुधारने लाख कितनी भी कोशिशे की जाए, लेकिन कोई न कोई कारगुजारी सरकार की उम्मीदों पर पानी फेरने में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ती। जबलपुर संभाग के सबसे बड़े सरकारी मेडिकल सुपर स्पेशिएलिटी हॉस्पिटल में ऐसा ही मामला सामने आया है। जहां हार्ट अटैक के मरीज को एक आया इंजेक्शन लगाने जा रही थी। ये तो गनीमत थी, इंजेक्शन लगाने के पहले परिजनों ने देख लिया। अब इस मामले में दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की जा रही है।
जबलपुर मेडिकल अस्पताल पर लापरवाही के आरोप
जबलपुर के नेताजी सुभाषचन्द्र बोस मेडिकल अस्पताल के स्टाफ पर एक बार फिर गंभीर लापरवाही के आरोप लगे है। आरोप ऐसे है कि जिन्हें किसी भी कीमत पर नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। शहर के शास्त्री नगर में रहने वाला यादव परिवार ने 56 वर्षीय पंचम यादव को सुपर स्पेशिएलिटी में भर्ती कराया था। पंचम को अचानक सीने में तेज दर्द था, जिसे ओपीडी में दिखाने पर डॉक्टरों ने भर्ती करने की सलाह दी थी।
डॉक्टरों ने बताया हार्ट अटैक, आया लगाने लगी इंजेक्शन
मरीज के परिजन कमल यादव ने आरोप लगाया है कि पंचम को सीने में उठे तेज दर्द की प्रारंभिक जांच के बाद डॉक्टरों ने माइनर अटैक बताया। अस्पताल में भर्ती होने के बाद पंचम को जब वह शाम के वक्त वार्ड में देखने पहुंचे, तो वहां मौजूद 'आया बाई' इंजेक्शन दें रही थी। जिसका उसने विरोध किया। यह खबर वहां मौजूद स्टाफ को लगी, तो वह टाल-मटोल करने लगा।
नर्स ने कहा था आया को इंजेक्शन लगाने
परिजनों के हंगामा मचाने और आया बाई के खिलाफ कार्रवाई की मांग उठते ही वार्ड में हडकंप मच मच गया। मरीज के परिजनों का कहना है कि संबंधित आया बाई ने उन्हें लिखकर दिया है कि पंचम को इंजेक्शन लगाने वार्ड में मौजूद नर्स ने दिया था। वही वार्ड का स्टाफ इन आरोपों से पल्ला झाड़ते नजर आया।
अस्पताल अधीक्षक ने भी आरोपों को बताया निराधार
परिजनों का कहना है कि हार्ट जैसी गंभीर बीमारी से पीड़ित मरीज के इस मामले में भी अस्पताल प्रबंधन असंवेदनशील बर्ताब करता नजर आया। इस लापारवाही की शिकायत जब अस्पताल अधीक्षक से की गई, तो उन्होंने भी आरोपों को निराधार बताया। जबकि परिजनों को आरोपी आया ने इंजेक्शन लगाने का प्रयास करने की मज़बूरी लिखित में दी है। अस्पताल अधीक्षक डॉ. जितेन्द्र गुप्ता उस आया के लिखित बयान को भी मानने तैयार नहीं है।
आए दिन ऐसी ही लापरवाही की शिकायतें
सामाजिक संस्था मोक्ष के संयोजक आशीष ठाकुर का कहना है कि इस अस्पताल में आए दिन ऐसे मामले सामने आ रहे है। जिन पर अस्पताल प्रबंधन इसी तरह बचाव की मुद्रा में रहता है। कुछ दिनों पहले एक व्यक्ति के पैर के पंजे में गोली लगी थी। एक्सरे होने के बावजूद अस्पताल स्टाफ उसका इलाज करने से मना कर दिया था। उसे साधारण चोट करार दिया। जब वह दूसरे अस्पताल पहुंचा तो उसके पंजे का ऑपरेशन कर गोली निकाली गई। अब पीड़ित यादव परिवार ने इस मामले की कलेक्टर से भी शिकायत की है और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।