Heartbreaking incident:मंडला में दिलदहला देने वाली वारदात, महिला का सिर काटकर दंपती की हत्या
केन्द्रीय मंत्री के गृह जिले मंडला में दिलदहला देने वाली वारदात, महिला का सिर काटकर दंपती की हत्या
जबलपुर,17 मई। मध्यप्रदेश में आदिवासियों की हत्या का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा। सिवनी की घटना के बाद मंगलवार को मंडला जिले में 12 साल की बच्ची समेत आदिवासी दंपती को अपराधियों ने मौत के घाट उतार दिया। रोंगटे खड़े कर देने वाली इस घटना में हत्यारें महिला का सिर काटकर ले गए। घटना स्थल से करीब एक किलोमीटर दूर आम के पेड़ पर सिर लटका मिला। आदिवासी कोटे से केन्द्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते के गृह जिले में हुई इस घटना पर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने ट्वीट भी किया और प्रदेश के गृह मंत्री पर निशाना साधा।
मध्यप्रदेश के आदिवासी बाहुल्य इलाके मंडला जिले के मोहगांव थाना क्षेत्र में यह वारदात हुई। बताया जा रहा है कि 62 वर्षीय नर्मद सिंह, पत्नी सुकरती बाई, और 12 साल की बच्ची महिमा जब घर की छत पर सो रहे थे,तभी आरोपियों ने वारदात को अंजाम दिया। मामले की सूचना लगते ही जब मौके पर पुलिस पहुंची तो घर की छत पर तीनों के शव खून से लतपत मिले। महिला का सिर धड़ से अलग था। इस घटना से इलाके में दहशत व्याप्त है। इस दौरान पुलिस को ग्रामीण आदिवासियों की नाराजगी का भी सामना करना पड़ा । घटना के बाद हत्या का मामला दर्ज कर पुलिस अज्ञात आरोपियों की पतासाजी में जुटी है। वारदात के पीछे हत्यारों का मकसद क्या था? इसका खुलासा उनके पकड़े जाने के बाद ही होगा।
पूर्व
मुख्यमंत्री
दिग्विजय
सिंह
ने
साधा
निशाना
आदिवासी
तबके
से
केन्द्रीय
मंत्री
फग्गन
सिंह
कुलस्ते
के
गृह
जिले
में
हुई
इस
घटना
के
बाद
विपक्ष
ने
भी
आरोपों
की
झड़ी
लगा
दी
है।
पूर्व
मुख्यमंत्री
दिग्विजय
सिंह
ने
ट्वीट
कर
प्रदेश
सरकार
पर
आरोप
लगाया
कि
आदिवासी
परिवारों
पर
जुल्म
बढ़ते
जा
रहे
है।
ऐसे
हालातों
में
सूबे
के
गृह
मंत्री
को
त्याग
पत्र
नहीं
दे
देना
चाहिए?
मुझे
उनसे
कोई
उम्मीद
नहीं
है
और
मुख्यमंत्री
में
भी
गृहमंत्री
से
त्याग
पत्र
मांगने
का
साहस
नहीं
है।
आखिर
क्यों
है
अपराधियों
के
निशाने
पर
आदिवासी?
मध्यप्रदेश
में
पिछले
कुछ
समय
में
जिस
तरह
से
आदिवासियों
के
खिलाफ
अपराध
का
ग्राफ
बढ़ा
है,
वह
चौकाने
वाला
है।
सरकार
उनकी
हिफाजत,
संरक्षण
के
दावे
तो
करती
है
लेकिन
गाहे-बगाहे
मोहगांव
जैसी
विभत्स
घटनाएँ
कई
सवाल
भी
खड़े
करती
है।
कही
यह
सोची
समझी
किसी
रणनीति
के
एक
टार्गेटेड
प्लान
की
कोई
बड़ी
रिहर्सल
तो
नहीं
हो
रही?
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