न्यू ईयर में एमपी के लोगों को Electricity Bill मारेगा करंट!, 4 फीसदी रेट बढ़ाने का बिजली कंपनियों का प्रस्ताव
नए साल के जश्न की तैयारी में लगे मध्यप्रदेश के लोगों के लिए अभी से एक बुरी खबर आ गई हैं। कंज्यूमर की ज़ेब और ढीली करने की बिजली कंपनियों ने तैयारी कर ली हैं। लगभग 3 से 4 फीसदी बिजली दरों में वृद्धि का प्रस्ताव तैयार कर याचिका विधुत नियामक आयोग में दाखिल कर दी गई है। कहा जा रहा है यह सुनवाई 6 दिसंबर को हो सकती है। आम उपभोक्ताओं में बिजली कंपनियों के नए टैरिफ की तैयारी का अभी से विरोध शुरू हो गया है।

पहले से ईधन के दामों में बेतहाशा बढ़ोत्तरी और रोजमर्रा की जरुरी चीजों में महंगाई की मार झेल रही मध्यप्रदेश की जनता को चुनावी साल में भी राहत नहीं मिलने वाली। मौजूदा साल की विदाई के महीने में बिजली कंपनियों द्वारा तैयार नए टैरिफ प्रस्ताव को देखकर तो यही लगता हैं। बताया जा रहा है कि कंपनियों ने तीन से चार फीसदी बिजली दरों में बढ़ोत्तरी का मन बनाया हैं। दलील दी जा रही है कि कंपनी की आय के मुकाबले खर्चे बढ़ते जा रहे है। इसी तालमेल को बैठाने नया टैरिफ लाना मज़बूरी है। तैयार प्रस्ताव की याचिका विधुत नियामक आयोग में भी दाखिल कर दी गई है। जिस पर 6 दिसंबर को सुनवाई हो सकती है।

बिजली उपभोक्ता संगठनों की माने तो बिजली कंपनियां अपने बढ़ते खर्चों की भरपाई आम जनता की ज़ेब से ही करेगी। टैरिफ बढ़ाने का प्रस्ताव तैयार करने की सरकार ने भी छूट दे रखी थी। आयोग में दाखिल याचिका में बताया गया है कि मध्यप्रदेश विद्युत वितरण कंपनियों को साल 2023-24 में साढ़े 49 हजार करोड़ रुपए के राजस्व की जरूरत है। इसमें कुल आय और व्यय के लिए 15 सौ करोड़ रुपए की और जरूरत पड़ेगी यानि बिजली कंपनियां 15 सौ करोड़ रुपए का घाटा होने का अनुमान लगा रही हैं। पिछले साल बिजली कंपनियों ने 8.7 फीसद बिजली दर बढ़ाने की अनुमति मांगी गई थी। तैयार प्रस्ताव में औद्योगिक इकाईयों की सालों पुरानी मांग को पूरा करने का दावा भी किया जा रहा है। उनके बिलों की रीडिंग केवीएच की जगह केएवीएच से करने की योजना बनाई गई है।