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Jabalpur News: जबलपुर में अब वीडियो कॉलिंग के जरिए होगी मॉनीटरिंग, हर स्कूल का कम्युनिकेशन प्लान अब जरुरी

मप्र के जबलपुर जिले के सरकारी स्कूलों में अब वीडियो कॉलिंग के जरिए मॉनीटरिंग होगी। जिसमें प्रिंसिपल के साथ स्कूल के सभी टीचर्स भी शामिल होंगे। शिक्षा विभाग को कम्युनिकेशन प्लान तैयार करने कहा गया है।

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मप्र के जबलपुर के सभी सरकारी स्कूलों की अब वीडियो कॉलिंग के जरिए दशा सुधारी जाएगी। कलेक्टर ने कहा कि स्कूलों के कम्युनिकेशन प्लान में सिर्फ प्रिंसिपल ही नहीं, टीचर्स के मोबाइल नंबर भी एड किए जाए। शिक्षा विभाग के अफसरों को इसकी मॉनिटरिंग करने के निर्देश दिए हैं। कहा गया है कि स्कूलों में मूलभूत जरूरतों की पूर्ति में न तो कोई हीलाहवाली हो और न ही पढ़ाने वाले शिक्षक जब चाहे स्कूल से गायब रहे।

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जबलपुर के सरकारी स्कूलों में पढ़ाई का स्तर सुधारने और अभिभावकों में भरोसा जगाने कलेक्टर ने कमर कस ली है। शिक्षा विभाग के अफसरों की बैठक लेते हुए जिले के सभी सरकारी स्कूलों के कम्युनिकेशन प्लान को और बेहतर करने के निर्देश दिए। कम्युनिकेशन प्लान पर कहा कि अब सिर्फ प्रिंसिपल ही नहीं, बल्कि वहां पढ़ाने वाले टीचर्स के मोबाइल नंबर भी एड किए जाए। ताकि समय-समय पर स्कूलों की व्यवस्था की मॉनिटरिंग हो सकें। कलेक्टर सौरव कुमार सुमन ने स्कूल शिक्षा की समीक्षा करते हुए कहा कि बच्चों की पढ़ाई के मामले में किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। स्कूल का स्टाफ वक्त पर पहुंचे और अपनी जिम्मेदारी ईमानदारी से निभाएं। मनमानी नहीं चलेगी कि कभी भी स्कूल पहुंच गए और कभी भी वहां से गायब हो गए।

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स्कूलों में जिन बुनियादी जरूरतों की आवश्यकता हैं, उसका भी परीक्षण किया जाएगा। लाइट, साफ़ सफाई, शौचालय को लेकर भी उन्होंने निर्देश दिए कि स्कूल पढ़ने आने वाले बच्चों को स्कूल जैसा वातावरण देना पहला लक्ष्य है। अब किसी भी तरह की बहानेबाजी नहीं चलेगी। स्कूलों से होने वाले पत्राचार और मांग पर भी संबंधित अधिकारी गंभीरता बरते। कलेक्टर ने बैठक में स्कूली बच्चों के जाति प्रमाण-पत्र बनाने के कार्य की समीक्षा भी की। उन्होंने कहा कि जाति प्रमाण-पत्र के ऐसे आवेदनों की स्क्रूटनी की जाए, जिन्हें अपूर्ण होने की वजह से अस्वीकृत कर दिया गया है। ऐसे आवेदनों में पाई गई कमियों को दूर करके दोबारा संबंधित शालाओं में भेजा जाए। बैठक में बताया गया कि जिले में 69 हजार 001 के लक्ष्य के विरूद्ध अभी तक 43 हजार 542 स्कूली बच्चों के जाति प्रमाण-पत्र बनाये जा चुके हैं। इसमें से 41 हजार 801 अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के तथा 1 हजार 741 पिछड़ा वर्ग के बच्चे शामिल हैं।

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English summary
Communication plan should be ready for every school, monitoring through video calling in Jabalpur
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