School: दूसरी क्लास के बच्चे ने बताया ‘A फॉर आलूबंडा’, तो कलेक्टर का ठनक गया माथा, टीचर से भी नहीं बने सवाल
(School) मप्र में सरकारी स्कूली शिक्षा का स्तर बेहतर हो रहा है और बच्चों का बौद्धिक विकास हो रहा है। यह नारा लगाने वाले सरकार के मंत्री हो या फिर शिक्षा विभाग के अफसरों का राग उस वक्त बेमानी साबित हुआ, एक प्राइमरी स्कूल में बच्चे ने कलेक्टर डॉ. इलैयाराजा टी. को 'A फॉर का मतलब आलू बंडा' बताया। शैक्षिणक व्यवस्थाओं का जायजा लेने कलेक्टर पहुंचे थे। उन्होंने पढ़ाने वाले कुछ शिक्षकों से भी सवाल किए तो एक टीचर से गणित के सरल सवाल तक करते नहीं बने। यह जानकर कलेक्टर का जमकर माथा ठनका और जिम्मेदा स्कूल के स्टाफ के खिलाफ कड़े एक्शन लिए।
‘A’ फॉर आलूबंडा...तो ‘B’ फॉर क्या बताएगा
जबलपुर कलेक्टर डॉ. इलैयाराजा टी. ने अपनी बेदाग़ छवि और ईमानदारी से जिम्मेदारी निभाने के लिए पहचान कायम की है। जिले सरकारी स्कूलों का हाल-चाल जानने जब उन्होंने कुछ स्कूलों में धावा बोला तो वहां पढ़ने वाले बच्चों और पढ़ाने वाले टीचर का ज्ञान कौशल जानने की कोशिश की। फिफरी गांव के प्राइमरी स्कूल में कई बच्चों के पास घुटने के बल बैठे और पढ़ाई के बारे में पूछा। दूसरी क्लास के एक बच्चे ने अल्फाबेट 'A' का मतलब जब बताया तो कलेक्टर के भी होश उड़ गए। बच्चे ने 'A' फॉर आलूबंडा बताया। तो आगे कलेक्टर की पूछने की हिम्मत ही नहीं पड़ी।
अन्य क्लास के बच्चों से भी नहीं बने सवाल
प्राइमरी के साथ मिडिल स्कूल के बच्चों की पढ़ाई के स्तर का अवलोकन किया। वहां भी लगभग हालात मिले। कुछ सवालों के तो बच्चों ने जबाब दे दिए लेकिन कुछ बच्चे गणित और हिंदी के प्रश्नों का सही जबाब नहीं दे सकें। स्कूल से कुछ शिक्षक नदारत भी मिले। रजिस्टर में उनकी अबसेंट तक नहीं लगी थी। बच्चे का बौद्धिक विकास भी कैसे हो जब स्कूलों में हाजिरी लगाकर कई टीचर ड्यूटी से गायब हो जाए।
अंग्रेजी की सही स्पेलिंग बताने वालों को चॉकलेट
एक स्कूल में अंग्रेजी की स्पेलिंग भी पूछी। जिसका कुछ बच्चों ने सही जबाब दिया तो कलेक्टर ने उन बच्चों को शाबास कहते हुए चॉकलेट दी। कुछ बच्चे ऐसे थी जिनको अंग्रेजी और अन्य विषय की अभी तक पुस्तकें ही नहीं मिली। यह सुनकर कलेक्टर ने क्लास टीचर और प्रिंसिपल को फटकार भी लगाई। एक टीचर से तो गणित का सरल सा गुणा और भाग करते तक नहीं बना।
तिलसानी हाईस्कूल में बजबजाती मिली गंदगी
सरकार स्वच्छता मिशन चला रही है। स्कूलों में भी बच्चों को इसके प्रति जागरूक किया जा रहा है। लेकिन जिले के तिलसानी हाईस्कूल में कचरे के ढेर लगे हुए थे। शौचालय गंदगी से बजबजा रहे थे। जिसे देखकर कलेक्टर भड़क गए। बोले कि गंदगी देखकर तो ऐसा लगता है जैसे कई महीनों से टॉयलेट की साफ़-सफाई ही नहीं हुई हो। उन्होंने इस दौरान संबंधित स्कूल के प्राचार्य की भी जमकर क्लास ली।
प्रिंसिपल सस्पेंड, टीचर्स की वेतन वृद्धि रोकी
फिफरी स्कूल जहां बच्चे ने A फॉर एपल की जगह आलूबंडा बताया था, वहां गायब एक शिक्षका और तिलसानी स्कूल से गायब दो शिक्षकाओं की एक वेतन वृद्धि रोकने के साथ कारण बताओं नोटिस जारी किया गया। स्कूल में साफ़ सफाई न होने और अव्यवस्थाएं रहने पर चपरासी को हटाने आदेश दिए गए। तमाम तरह की गंभीर लापरवाही के लिए स्कूल के प्रभारी प्राचार्य को जिम्मेदार माना। जिसे तत्काल प्रभाव से सस्पेंड करते हुए दो वेतन वृद्धि रोकने निर्देश जारी किए गए। कलेक्टर ने स्कूलों के अन्य स्टाफ को चेतावनी दी है कि वे अपनी जिम्मेदारी का ईमानदारी से पालन करें, लापरवाही में किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा।