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ईरान में एक साथ 12 कैदियों को लगा दी गई फांसी

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Provided by Deutsche Welle

तेहरान, 08 जून। "ईरान ह्यूमन राइट्स" (आईएचआर) एनजीओ के मुताबिक मरने वालों में 11 पुरुष और एक महिला थी और उन्हें ड्रग्स से जुड़े अपराध या हत्या के आरोपों में सजा हुई थी. सोमवार सात जून की सुबह उन्हें अफगानिस्तान और पाकिस्तान की सीमा से लगे सिस्तान-बलूचिस्तान प्रांत के जाहेदान मुख्य कारागार में फांसी दे दी गई.

एनजीओ ने यह भी बताया कि सभी 12 कैदी बलोच अल्पसंख्यक समुदाय के सदस्य थे जो मुख्य रूप से सुन्नी इस्लाम को मानते हैं. ईरान में शिया इस्लाम हावी है. 12 में से छह लोगों को ड्रग्स से जुड़े आरोपों में और छह के हत्या के आरोप में सजा हुई थी.

अल्पसंख्यक निशाने पर

महिला कैदी की सिर्फ उनके उपनाम गारगीज से पहचान की गई. उन्हें उनके पति की हत्या के लिए 2019 में गिरफ्तार किया गया था और सजा दी गई थी. एनजीओ ने यह भी दावा किया कि इनमें से किसी की भी फांसी के बारे में ना तो ईरान में अधिकारियों ने पुष्टि की और ना स्थानीय मीडिया में कोई खबर आई.

एमनेस्टी इंटरनेशनल ने अपनी सालाना रिपोर्ट में कहा कि 2021 में ईरान में 314 फांसियां हुईं

ईरान में प्रतिबंधित संगठन नेशनल काउंसिल ऑफ रेजिस्टेंस ऑफ ईरान ने भी कहा कि सोमवार को जाहेदान में 12 लोगों को फांसी दी गई. संगठन ने कहा, "फैलते हुए लोकप्रिय विरोध प्रदर्शनों को देखते हुए सरकार ने दमन और हत्याएं बढ़ा दी हैं और मौत की सजा में एक अभूतपूर्व रिकॉर्ड बना दिया है."

(पढ़ें: ईरान में पत्नी का कटा सिर लेकर वह सड़क पर घूमता रहा)

एक्टीविस्टों ने लंबे समय से चिंता व्यक्त की है कि ईरान में मौत की सजा में अनुपातहीन रूप से देश के नस्लीय और धार्मिक अल्पसंख्यकों को निशाना बनाया जाता है. इनमें उत्तरपश्चिम में कुर्द, दक्षिणपश्चिम में अरब और दक्षिणपूर्व में बलोच शामिल हैं.

विरोध के लिए मृत्युदंड?

एनजीओ ने बताया, "हमने जो जानकारी इकट्ठी की है उसके हिसाब से 2021 में जितने लोगों को फांसी दी गई उनमें से 21 प्रतिशत कैदी बलोच थे, जबकि वो देश की कुल आबादी का सिर्फ दो से छह प्रतिशत हैं."

दामों के बढ़ने की वजह से ईरान के नेताओं को अक्सर विरोध का सामना करना पड़ रहा है

हाल में देश में मौत की सजा के मामलों में आए उछाल पर भी चिंता व्यक्त की गई है. यह सब ऐसे समय में हो रहा है जब आम जरूरत की चीजों के दाम बढ़ने की वजह से देश के नेताओं को अक्सर विरोध का सामना करना पड़ रहा है.

आईएचआर के मुताबिक 2021 में कम से कम 333 लोगों को फांसी दे दी गई थी, जो 2020 के आंकड़ों के मुकाबले 25 प्रतिशत ज्यादा है. एमनेस्टी इंटरनेशनल ने अपनी सालाना रिपोर्ट में कहा कि 2021 में ईरान में 314 फांसियां हुईं जो पिछले साल से 28 प्रतिशत ज्यादा है.

लेकिन एमनेस्टी ने यह भी कहा कि संभव है कि ये आंकड़े वास्तविक आंकड़ों से कम हों. संस्था ने आगे जोड़ा, "मौत की सजा का अल्पसंख्यकों के खिलाफ अनुपातहीन रूप से अस्पष्ट आरोपों के आधार पर...और राजनीतिक दमन के एक औजार के रूप में भी इस्तेमाल किया गया."

सीके/एए (एएफपी)

Source: DW

English summary
iran carries out mass execution of 12 prisoners ngo
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