मिथुन राशि वाले चीन के आजीवन राष्ट्रपति Xi Jinping के बारे में जानिए सब कुछ
बीजिंग। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने शनिवार से अपना दूसरा कार्यकाल शुरू कर दिया है। राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ ही नए उप-राष्ट्रपति वांग किशान ने भी अपना पदभार संभाला है। जिनपिंग का यह दूसरा कार्यकाल असीमित अवधि तक होगा। पिछले ही हफ्ते चीन की नेशनल पीपुल्स कांग्रेस (एनपीसी) ने उस प्रस्ताव को पास किया था जिसके तहत यहां पर राष्ट्रपति के कार्यकाल को असीमित करने का नियम बनाया गया। वहीं नए उप-राष्ट्रपति वांग को जिनपिंग का उत्तराधिकारी माना जा रहा है। जिनपिंग को निर्विरोध तौर पर राष्ट्रपति चुना गया है। जिनपिंग अपने देश को दुनिया में सुपर पावर के तौर पर देखना चाहते हैं और इस बारे में उन्होंने 'चाइना ड्रीम' जैसे शब्द का प्रयोग एक इंटरव्यू में किया था। लेकिन जिनपिंग का राजनीतिक सफर इतना आसान नहीं था। कई मुश्किलों का सामना करने के बाद आज वह यहां तक पहुंचे हैं। जानिए चीन और दुनिया के इस ताकतवर शख्स के बारे में सब-कुछ।
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पार्टी ने भेजा था जिनपिंग के पिता को जेल
जिनपिंग का जन्म 15 जून 1953 को हुआ था। जिनपिंग को चीन और दुनिया की मीडिया ने एक 'सामान्य राजकुमार' की उपाधि दी हुई है। इस उपाधि से अलग जिनपिंग का जीवन इतना आसान नहीं था। जिनपिंग शी झोंगशम के बेटे हैं जो उस समय चीन के नेता बने थे जब यहां पर कम्युनिज्म की शुरुआत हुई थी। साल 1962 में शी के पिता को पार्टी के उपाध्यक्ष पद से हटा दिया गया और उन्हें जेल में डाल दिया गया। पिता के जेल में जाने के बाद जिनपिंग लियांगझाहे गांव में चले गए और यहां पर स्थानीय लोगों के लिए काम करने लगे। जिनपिंग को यहां पर कुछ ही दिनों में लोकप्रियता मिलने लगी।

गांव में चावल का पानी पीकर गुजारे दिन
लियांगझाहे गांव में जिनपिंग बिल्कुल साधारण तरीके से ही रहते थे। कुंए से पानी निकालने से लेकर बाकी कामों को भी पूरा करते और खाने में वह सिर्फ चावल का पानी पीकर ही जिंदा रहते। सात वर्ष बाद जिनपिंग बीजिंग स्थित शिंग्उआ यूनिवर्सिटी में पढ़ने के लिए आए और यहां पर उन्होंने केमिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए एडमिशन लिया था। जिनपिंग ने जिस यूनिवर्सिटी में एडमिशन लिया था वहां से कई ऐसे राजनेता निकले थे जिन्होंने चीन और दुनिया की राजनीति में अपना झंडा गाड़ा था। शी ने कई बार कम्युनिस्ट पार्टी को ज्वॉइन करने की कोशिश की। हर बार उनके पिता और पार्टी के बीच संबंधों के चलते मन मसोस कर रहना पड़ता था।

आखिरकार रंग लाई कोशिश और मिली पार्टी में जगह
साल 1974 में आखिरकार शी को पार्टी में जगह मिली और उन्होंने गेंग बियाओ के सहायक के तौर पर अपने राजनीति करियर की शुरुआत की। गेंग पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी के टॉप लीडर थे। जिनपिंग ने तीन वर्ष तक चीन के हेबेई प्रांत में पार्टी के सेक्रेटरी के तौर पर अपनी सेवाएं दीं। साल 1985 में जिनपिंग को फुजियान भेज दिया गया और यहां पर उन्होंने कई पदों पर अपनी जिम्मेदारियां दीं। उनकी शुरुआत झियामेन के डिप्टी मेयर के तौर पर हुई। बतौर मेयर रहते उन्होंने कई तरह के इंफ्रास्ट्रक्चर सुधारों का प्रस्ताव दिया और इन सभी प्रस्तावों को अथॉरिटीज की ओर से खारिज कर दिया गया था।

1987 से बदला जिनपिंग का समय
1987 में जिनपिंग को निनग्दे भेज दिया गया और यहां उन्होंने पार्टी के डिस्ट्रीक्ट चीफ के तौर पर पद संभाला। जिनपिंग ने निनग्दे को फुजियान से जोड़ने के लिए एक कैंपेन को लॉन्च किया। जिनपिंग साल 1998 से लेकर 2000 तक फुझोहू में पार्टी के नेता के तौर पर रहे। यहां उन्होंने कई तरह से विदेश निवेश को आकर्षित किया और एतिहासिक 'थ्री लेन्स एंड सेवेन एलीज' को भी नई जिंदगी दी। एक ईमानदार राजनेता के तौर पर जिनपिंग का कद पार्टी में बढ़ता जा रहा था। साल 2000 में उन्हें फुजियान प्रांत का गर्वनर बनाया गया। साल 2003 में वह झेजियांग प्रांत आ गए। यहां पर उन्हें गर्वनर और पार्टी सेक्रेटरी की जिम्मेदारी दी गई थी। जिनपिंग के कार्यकाल के दौरान यहां पर प्राइवेट इंडस्ट्रीज में होने वाला निवेश चार गुना तक हो गया था। साल 2007 में जिनपिंग को शंघाई में हुए एक कार्यक्रम में पार्टी का मुखिया चुना गया।

और साल 2012 में बन गए राष्ट्रपति
साल 2008 जिनपिंग के लिए अहम साबित हुआ। उन्हें कम्युनिस्ट पार्टी की स्टैंडिंग कमेटी में जगह दी गई और कुछ ही दिनों बाद उन्हें चीन का उप-राष्ट्रपति चुन लिया गया। साल 2012 में जिनपिंग चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के जनरल सेक्रेटरी बने और इसके साथ ही इसी वर्ष उन्हें देश का राष्ट्रपति भी चुना गया। राष्ट्रपति पद पर रहते हुए जिनपिंग ने साल 2014 में 'गर्वनेंस ऑफ चाइना' जैसी किताब लिखी जिसमें उनके राजनीतिक दर्शन की झलक मिली है। इस किताब को एमेजॉन ने राजनीति और सरकार की श्रेणी में टॉप 50 में रखा था। इसी वर्ष शंघाई जियाओ टोंग यूनिवर्सिटी प्रेस ने 'एप्रोचेबल: द चार्म ऑफ शी जिनपिंग्स वर्ड्स' को रिलीज किया। इस किताब में जिनपिंग के कुछ खास कोट्स का कलेक्शन है।

क्यूबा की सरकार ने किया है सम्मानित
राष्ट्रपति जिनपिंग को क्यूबा की सरकार की ओर से साल 2014 में ऑर्डर ऑफ जो मार्ती सम्मान दिया गया था जो क्यूबा का सर्वोच्च नागरिक सम्मान है। यह सम्मान उन्हें क्यूबा और चीन के संबंधों को बेहतर बनाने के लिए किए गए प्रयासों की वजह से से मिला था।

पत्नी को मिली है सेना में जनरल की रैंक
साल 1987 में जिनपिंग ने फोक सिंगर पेंग ल्यूआन से शादी की। पेंग न सिर्फ अपनी परफॉर्मेंस के लिए मशहूर हैं बल्कि उन्हें चीन में एक फैशन ट्रेंड सेटर माना जाता है। पेंग को चीन की सेना में जनरल की रैंक मिली हुई है। साल 1992 में दोनों एक बेटी शी मिंग्जे की माता-पिता बने। मिंग्जे ने दुनिया की प्रतिष्ठित हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में पढ़ाई की है। ग्रेजुएशन के बाद से ही उन्होंने एक लो प्रोफाइल मेनटेन की हुई है। जब तक जिनपिंग, राष्ट्रपति नहीं बने थे कोई भी उनकी पत्नी के बारे में कोई नहीं जानता था।
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