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World food crisis:किन देशों में हालात ज्यादा खराब, कितनी बढ़ गई हैं कीमतें ? सबकुछ जानिए

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नई दिल्ली, 16 जून: दुनिया में खाद्य संकट की वजह से स्थिति गंभीर होती जा रही है। इसकी सबसे बड़ी वजह फिलहाल रूस और यूक्रेन के बीच जारी घमासान है, जिसके खत्म होने की कोई उम्मीद नजर नहीं आ रही है। इस युद्ध की वजह से खाद्य पदार्थों की सप्लाई चेन पूरी तरह से टूट चुकी है और जो देश बाहर से आने वाले अनाज खाकर जिंदा हैं, उनकी हालात बहुत ही खराब होने लगी है। वैश्विक खाद्य संकट की गंभीरता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक पिछले एक साल में इसके दाम में कम से कम 30% की बढ़ोतरी हो गई है।

रूस-यूक्रेन तनाव ने हालात को किया बेकाबू

रूस-यूक्रेन तनाव ने हालात को किया बेकाबू

यूक्रेन पर रूसी हमला और उसके बाद आर्थिक पाबंदियों की श्रृंखला ने वैश्विक खाद्य संकट को बहुत ही गंभीर बना दिया है। दुनिया के कई देशों में हालात पहले से ही खराब थे और अब तो उनकी स्थिति बद से बदतर होने लगी है। इस संकट की वजह से गरीब देशों के सामने बहुत बड़ी चुनौती खड़ी हुई है। मौजूदा वैश्विक खाद्य संकट की सबसे बड़ी वजह रूस-यूक्रेन युद्ध है, जिसके चलते यूक्रेन के बंदरगाहों से अनाजों का निर्यात पूरी तरह से ठप पड़ चुका है, जो कि दुनिया भर में खाद्य चीजों को पहुंचाने का बहुत बड़ा माध्यम है। हम आगे पूरा ब्योरा देंगे कि यह वैश्विक खाद्य संकट कितना बड़ा है।

पिछले साल की तुलना में 30% ज्यादा हैं दाम- संयुक्त राष्ट्र

पिछले साल की तुलना में 30% ज्यादा हैं दाम- संयुक्त राष्ट्र

लड़ाई की वजह से यूक्रेन के बंदगाहों से निर्यात होने वाले खाद्य तेल, मक्का और गेहूं की सप्लाई पूरी तरह से ठप हो गई है। गौरतलब है कि यूक्रेन इन खाद्य पदार्थों को बहुत ज्यादा मात्रा में निर्यात करता है। खाद्य पदार्थों की स्पलाई बाधित होने से खाने-पीने की चीजों के दाम अप्रत्याशित रूप से बढ़ गए हैं। यूनाइटेड नेशन के मुताबिक वैश्विक खाद्य चीजों की कीमतें पिछले साल इस समय की तुलना में इस वक्त 30% ज्यादा हैं।

यूक्रेन युद्ध की वजह से 'थ्री एफ संकट'-विदेश मंत्री

यूक्रेन युद्ध की वजह से 'थ्री एफ संकट'-विदेश मंत्री

भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर के मुताबिक यूक्रेन संकट की वजह से तीन तरह की 'एफ क्राइसिस' शुरू हुई है- 1- फ्यूल, 2- फूड और 3- फर्टिलाइजर। संकट इस वजह से गंभीर रूप ले चुका है, क्योंकि दुनिया के कई देश यूक्रेन पर रूसी हमले से पहले से ही खाद्य असुरक्षा का सामना कर रहे थे। खासकर कोविड-19 की वजह से इसकी सप्लाई चेन पहले से ही बिगड़ी हुई थी। जिसके चलते वस्तुओं और अनाजों की कीमतें बढ़ रही थीं।

इन सभी देशों में हालात ज्यादा खराब

इन सभी देशों में हालात ज्यादा खराब

1 जून को जारी वर्ल्ड बैंक के डेटा के मुताबिक एग्रीकल्चर प्राइस इंडेक्स जनवरी, 2021 की तुलना में 40% अधिक है। आगे के लिए भी यही अनुमान है कि खाद्य पदार्थों की कीमतें ऊंची ही रहने वाली हैं। खासकर जो देश खाद्य पदार्थों के लिए पूरी तरह से आयात पर ही निर्भर हैं, उनके सामने ज्यादा बड़ी चुनौती खड़ी हो चुकी है। इन देशों में इथियोपिया, नाइजीरिया, साउथ सूडान, अफगानिस्तान, सोमालिया और यमन सबसे ज्यादा परेशानी में हैं।

रूस-यूक्रेन दुनिया को करते हैं 25% गेहूं की आपूर्ति

रूस-यूक्रेन दुनिया को करते हैं 25% गेहूं की आपूर्ति

इसकी वजह ये है कि अकेले रूस और यूक्रेन मिलकर दुनिया को 25% से ज्यादा गेहूं की आपूर्ति करते हैं। यूक्रेन दुनिया का आठवां सबसे बड़ा मक्का उत्पादक और चौथा सबसे बड़ा निर्यातक है। दुनिया के मक्का निर्यात में इसकी 16% हिस्सेदारी रहती है। इसके अलावा यूक्रेन दुनिया का सबसे बड़ा सूरजमुखी तेल का निर्यातक भी है। अगर इन चीजों का निर्यात अचानक ठहर गया है तो हालात बिगड़ने स्वाभाविक हैं।

हर महीने 60 लाख टन से ज्यादा अनाज निर्यात करने में सक्षम है यूक्रेन

हर महीने 60 लाख टन से ज्यादा अनाज निर्यात करने में सक्षम है यूक्रेन

युद्ध से पहले यूक्रेन हर महीने 60 लाख टन गेहूं, जौ और मक्के का निर्यात करने में सक्षम था। यह निर्यात मुख्य रूप से काला सागर में स्थित उसके बंदरगाहों के जरिए होते थे। लेकिन, युद्ध शुरू होने के बाद रूसी सेना ने इसके पूर्वी और दक्षिणी हिस्सों को बहुत ही ज्यादा निशाना बनाया है, जहां इसके बंदरगाह हैं। इसके चलते निर्यात पूरी तरह से ठप पड़ चुका है। इस समय यूक्रेन के कई बंदरगाह शहर रूस के नियंत्रण में हैं।

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2 करोड़ टन अनाज यूक्रेन के गोदामों में पड़े हैं

2 करोड़ टन अनाज यूक्रेन के गोदामों में पड़े हैं

यूक्रेन के अधिकारियों के मुताबिक 2 करोड़ टन से ज्यादा अनाज उसके गोदामों और कंटेनरों में पड़े हुए हैं। यही वजह है कि तुर्की और संयुक्त राष्ट्र ने यूक्रेन और रूस दोनों से बातचीत शुरू करने की कोशिश की है ताकि कोई बीच का रास्ता निकाला जा सके, जिससे कि दोनों देशों से खाद्य पदार्थों की सप्लाई बहाल हो सके। हालांकि, फिलहाल इसमें कोई सफलता नहीं मिल पाई है।(तस्वीरें-प्रतीकात्मक)

English summary
global food crisis, the situation in some poor countries of the world has become very bad. More than 20 million tons of grain are lying in Ukraine's warehouses and containers
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