'एक नया झटका और आर्थिक मंदी में फंस जाएगी दुनिया', World Bank की चेतावनी से बढ़ी टेंशन
वर्ल्ड बैंक की रिपोर्ट में सबसे ज्यादा चिंताजनक स्थिति उप-सहारा अफ्रीकी देशों को लेकर जताई गई है, जहां दुनिया की 60 प्रतिशत अत्यंत गरीब आबादी रहती है।
World Bank On Economy: वर्ल्ड बैंक ने अपनी ताजा रिपोर्ट में पूरी दुनिया के लिए टेंशन बढ़ाने वाला अनुमान लगाया है और आर्थिक मंदी में पूरी दुनिया के फंसने के संकेत दिए हैं। इसके साथ ही विश्व बैंक ने वैश्विक जीडीपी के अनुमान का ग्रोथ घटाकर 1.7 प्रतिशत कर दिया है, जबकि पहले संभावना जताई गई थी, कि दुनिया की जीडीपी ग्रोथ का अनुमान करीब 3 प्रतिशत कर रह सकता है।
वर्ल्ड बैंक की चिंता बढ़ाने वाली चेतावनी
वर्ल्ड बैंक की ताजा ग्लोबल इकोनॉमिक प्रोस्पेक्ट्स रिपोर्ट में कहा गया है, कि महंगाई दर में इजाफा, उच्च ब्याज दरों, निवेश में लगातार होती कमी और यूक्रेन पर रूसी आक्रमण की वजह से ग्लोबल डेलवपमेंट रेट तेजी से कम होती जा रही है। वर्ल्ड बैंक ने अपनी रिपोर्ट में आशंका जताते हुए कहा है, कि वैश्विक अर्थव्यवस्था को अगर अब कोई भी नया झटका लगता है, तो ग्लोबल इकोनॉमी आर्थिक मंदी में फंस जाएगी। अगर वर्ल्ड बैंक का अनुमान सही साबित होता है, तो इसका मतलब ये होगा, कि पिछले तीन दशकों में वैश्विक अर्थव्यवस्था का ये सबसे खराब प्रदर्शन होगा। हालांकि, इससे पहले साल 2009 और 2020 में भी वैश्विक अर्थव्यवस्था में संकुचन देखा जा चुका है।
ग्रोथ अनुमानों में भी कटौती
वर्ल्ड बैंक ने साल 2024 के लिए अपने ग्रोथ प्रोजेक्शन में कटौती कर दी है और कहा है, कि "उभरते बाजार और विकासशील अर्थव्यवस्थाओं (ईएमडीई) में इन्वेस्टमेंट ग्रोथ पिछले दो दशकों की अपनी औसत दर से नीचे रहने की उम्मीद है। और अगर वैश्विक अर्थव्यवस्था को कोई और झटका लगता हैस तो वैश्विक अर्थव्यवस्था मंदी में फंस जाएगी। विश्व बैंक ने अपनी रिपोर्ट में कहा है, कि अगर वैश्विक अर्थव्यवस्था मंदी की चपेट में फंसती है, तो पिछले 80 सालों में पहली बार ऐसा होगा, जब एक ही दशक के भीतर दुनिया लगातार दो बार वैश्विक मंदी में फंस जाएगी। विश्व बैंक के अनुमानों के मुताबिक, साल 2023 में वैश्विक अर्थव्यवस्था का ग्रोथ रेट 1.7 प्रतिशत रहेगा, जबकि 2024 में वैश्विक अर्थव्यवस्था में विकास दर का अनुमान 2.7 प्रतिशत लगाया गया है।
उभरती अर्थव्यवस्था को लेकर अनुमान
विश्व बैंक ने अगले दो सालों में उभरती और विकासशील अर्थव्यवस्थाओं में प्रति व्यक्ति आय में इजाफे को लेकर जो अनुमान लगाया है, उसके मुताबिक प्रतिव्यक्ति आय में औसतन 2.8 प्रतिशत वृद्धि होने का अनुमान लगाया गया है, जो 2010-2019 के औसत से 100 आधार अंक कम है। विश्व बैंक ने कहा कि, उप-सहारा अफ्रीका में, जहां दुनिया की अत्यधिक गरीबों की लगभग 60 प्रतिशत आबादी रहती है, वहां 2033-24 में प्रति व्यक्ति आय में सिर्फ 1.2 प्रतिशत का ही इजाफा होगा। लिहाजा, इन क्षेत्रों में गरीबी और भी ज्यादा बढ़ जाएगी, जो चिंता का विषय है। वहीं, वर्ल्ड बैंक के प्रेसिडेंट डेविड मलपास ने वर्ल्ड बैंक की ग्लोबल इकोनॉमिक प्रोस्पेक्ट्स में लिखा है, कि "विकास को लेकर संकट बरकरार हैं और ग्लोबल प्रॉसपैरिटी पर झटके लगातार पड़ते रहेंगे।" उन्होंने कहा कि, "उभरते हुए और विकासशील देशों के ग्रोथ रेट का अनुमान, कोरोना महामारी से पूर्व वाली स्थिति के दौरान लगाए गये अनुमानों के मुकाबले 6 प्रतिशत तक कम होने की संभावना है।"
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अमेरिका के ग्रोथ रेट को लेकर अनुमान
वर्ल्ड बैंक की रिपोर्ट में कहा गया है, कि विश्व की ए़डवांस अर्थव्यवस्थाओं के विकास दर में भी भारी कमी देखी जाएगी 2022 में ग्रोथ रेट 2.5 प्रतिशत से गिरकर 2023 में 0.5 प्रतिशत होने का अनुमान है। वहीं, अमेरिका में वित्त वर्ष 2023 में विकास दर घटकर 0.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है, जो पिछले पूर्वानुमानों से 1.9 प्रतिशत कम है। जबकि, यूरोपीय क्षेत्र के सलिए 2023 में विकास दर 1.9 प्रतिशत गिरकर शून्य प्रतिशत पर आने की संभावना जताई गई है। वहीं, चीन में साल 2023 में विकास दर 4.3 प्रतिशत अनुमानित है, जो पिछले पूर्वानुमानों से 0.9 प्रतिशत अंक कम है।
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