चीन में क्यों नहीं मिलेगा हाथी दांत का सामान?
हाथी दांत के सबसे बड़े बाज़ारों में से एक रहा है चीन.
चीन हमेशा हाथी दांत के लिए दुनिया के सबसे बड़े बाज़ारों में से रहा लेकिन नया साल शुरू होते ही वहां हाथी दांत और उससे बने किसी भी सामान का व्यापार ग़ैर-क़ानूनी हो गया है.
यह फ़ैसला हाथियों को बचाने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है.
वाइल्डलाइफ़ अभियान चलाने वालों की मानें तो हर साल 30,000 अफ़्रीकी हाथियों का शिकार किया जाता है.
सरकारी मीडिया के मुताबिक़ बीते साल हाथी दांत की क़ीमतों में 65 फ़ीसदी तक की कमी आई.
चीन की सरकारी एजेंसी शिन्हुआ ने बताया कि देश में लाए जा रहे हाथी दांत की धरपकड़ के मामले भी 80 फ़ीसदी तक घटे हैं.
सेलिब्रिटीज़ की भी मदद ली गई
हाथी दांत पर रोक का एलान पिछले साल किया गया और यह 2017 के आख़िरी दिन 31 दिसंबर को लागू हुआ.
शिन्हुआ के मुताबिक़ हाथी दांत का व्यापार करने वाले 67 आधिकारिक कारखाने और दुकान मार्च 2017 तक ही बंद हो गए थे और बाक़ी बचे 105 दुकान-कारखानों को 31 दिसंबर 2017 तक की मियाद दी गई थी.
चीन के वन मंत्रालय ने अपने ब्लॉग में कहा कि "इसके बाद अगर कोई व्यापारी आपसे कहे कि उसके पास हाथी दांत बेचने का लाइसेंस है तो वो आपको धोखा दे रहा है और जानते-समझते हुए क़ानून का उल्लंघन कर रहा है."
शिन्हुआ के मुताबिक़ जनता को जागरूक बनाने के लिए बहुत बड़े स्तर पर अभियान चलाया गया जिसमें बास्केटबॉल के मशहूर खिलाड़ी याओ मिंग जैसे सेलिब्रिटीज़ की भी मदद ली गई.
हाथी बचाने की दिशा में बड़ा कदम
डब्ल्यूडब्ल्यूएफ़ (वर्ल्ड वाइल्डलाइफ़ फ़ंड फ़ॉर नेचर) ने कहा कि वह दुनिया के सबसे बड़े हाथी दांत बाज़ार के बंद होने पर बेहद खुश है.
डब्ल्यूडब्ल्यूएफ़ अफ़्रीका के डायरेक्टर फ़्रेड कुमाह ने अपने ब्लॉग में लिखा, "यह एक बड़ा कदम है. इससे अफ़्रीका में हाथी बचाने के प्रयासों में तेज़ी आएगी."
हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि इस मामले में जागरूकता बढ़ाने की कोशिशें जारी रखनी चाहिए.
वाइल्डऐड के सीईओ पीटर नाइट्स ने इसे "हाथियों का शिकार घटाने की दिशा में सबसे बड़ा कदम" बताया.
हांग-कांग में लागू नहीं होगा यह क़ानून
यह क़ानून हांग-कांग में लागू नहीं होता जो हाथी दांत व्यापार का एक बड़ा केंद्र है.
हालांकि हांग-कांग भी हाथी दांत व्यापार पर रोक लगाने पर विचार कर रहा है.
हाथी दांत के अंतरराष्ट्रीय व्यापार पर 1990 से ही रोक चली आ रही है.