क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

नज़रिया: डोकलाम विवाद पर भारत के साथ क्यों खड़ा हुआ जापान?

जापान के ताज़ा रुख़ से ये तो लगता है कि वो भारत के पक्ष में आ रहा है, मगर उसकी अपनी चिंताएं हैं..

By प्रोफ़ेसर मुकेश विलियम्स - सोका यूनिवर्सिटी (जापान), बीबीसी हिंदी के लिए
Google Oneindia News
मोदी और शिंजो आबे
AFP
मोदी और शिंजो आबे

डोकलाम में भारत और चीन में बने गतिरोध के बीच जापान की तरफ़ से बयान आया है कि यथास्थिति बदलने के लिए ताकत का इस्तेमाल नहीं होना चाहिए. जापान के ज़्यादातर अख़बारों ने यही कहा है कि मसले को बल से नहीं, बातचीत से निपटाना चाहिए.

जापान के ताज़ा रुख़ से यह तो लगता है कि वह भारत के पक्ष में आ रहा है, मगर उसकी अपनी चिंताएं हैं.

सेंसाकू द्वीपसमूह को लेकर एक वक़्त चीन और जापान के बीच गहरा तनाव पैदा हो गया था और आज भी दोनों के बीच खिंचाव बरकरार है.

डोकलाम में OBOR पर भारत के रुख़ का बदला ले रहा है चीन?

क्या भारत के पक्ष में हैं डोकलाम के हालात?

चीन दरअसल सेंकाकू को लेकर जापान से नहीं बल्कि अमरीका से ज़ोर आज़माइश कर रहा था. मगर अमरीका ने कहा कि जापान के साथ हमारा समझौता है कि अगर किसी ने सेंकाकू पर हमला किया तो जवाब हम देंगे. इसके बाद चीन थम गया.

'अमरीका से भारत की करीबी से चिढ़ा है चीन'

ट्रंप और मोदी
Reuters
ट्रंप और मोदी

पिछले दिनों भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमरीका गए थे. लगता है कि अमेरिका और भारत की करीबी चीन को पसंद नहीं आ रही. अमरीकी विचारकों का भी कहना है कि डोकलाम में सड़क बनाने से चीन को ज़्यादा फ़ायदा नहीं होगा, मगर भारत को नुक़सान होगा.

अब चीन इतनी ज़्यादा तैयारी कर चुका है, ब्लड बैंक में ख़ून जमा किया जा रहा है, 40 एय़रक्राफ्ट लगा दिए हैं ,ऐसे में अगर वे कुछ नहीं करते तो उनकी बेइज़्ज़ती होगी. तो ऐसी स्थिति बन रही है, जहां लगता है कि भूटान के पास कुछ हो सकता है.

चीनी सैनिक
Getty Images
चीनी सैनिक

इस मामले में जापान भारत का साथ तो देगा, मगर किस हद तक देगा, यह कहा नहीं जा सकता.

13 और 15 सितंबर को जापान के प्रधानमंत्री शिंजो अबे भारत आएंगे और संयुक्त सैन्य अभ्यास भी होगा. इससे लगता है कि जापान हिंदुस्तान को डोकलाम में समर्थन करेगा. मगर इस बारे में कोई आकलन जल्दबाज़ी है.

भारत ने डोकलाम से सैनिक नहीं हटाए तो गंभीर नतीजे: चीन

चीनी मीडिया ने गिनाए भारत के 'ये सात पाप'

चीन के भारत और जापान के आर्थिक संबंध हैं और वे इतना तनाव के बावजूद बने हुए हैं. न तो भारत सरकार ने चीन का निवेश रोका है और न ही जापान ने. जब आर्थिक व्यवस्था जारी है, तो लड़ाई होगी भी तो बड़ी सीमित होगी. आर्थिक पहलू बहुत अहमियत रखता है. जहां लड़ाई छिड़नी तय होती है, वहां पर आर्थिक विनिमय पूरी तरह रोक दिया जाता है.

'युद्ध हुआ तो भारत को अकेले ही लड़ना होगा'

सैनिक
Getty Images
सैनिक

जिन देशों का दक्षिण चीन सागर को लेकर चीन से विवाद है, क्या वे भारत के साथ आएंगे?

हम उन मुल्कों से बयानों की उम्मीद तो कर सकते हैं, मगर उनका समर्थन किस हद तक मिलेगा, यह नहीं कहा जा सकता. अगर भारत की लड़ाई हुई तो अकेले ही लड़ना होगा.

भारत और चीन के सैनिक
Getty Images
भारत और चीन के सैनिक

राजनयिक स्तर पर भारत की स्थिति अच्छी है. भले ही चीन में लोगों की राय भारत के ख़िलाफ़ हो मगर अन्य देशों के लोगों की राय भारत के पक्ष में हैं. हमारी कूटनीति अच्छी है क्योंकि हम दूसरे देशों को यह समझाने में कामयाब रहे हैं कि हम लड़ाई नहीं चाहते, बल्कि बातचीत से हल चाहते हैं.

(बीबीसी संवाददाता आदर्श राठौर से बातचीत पर आधारित)

BBC Hindi
Comments
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
English summary
Why did Japan stand with India on the doklam controversy?.
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X