राजपक्षे सेना के साथ मिलकर कर रहे थे श्रीलंका में तख्तापलट की कोशिशें?
कोलंबो। शुक्रवार को अपनी हार मानने वाले श्रीलंका के पूर्व राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं। श्रीलंका के नए राष्ट्रपति मैथ्रिपाला सिरीसेना राजपक्षे के खिलाफ इस बात की जांच कराने जा रहे हैं कि उन्होंने किसके कहने पर श्रीलंका में तख्तापलट की कोशिशें की थी। श्रीलंका की नई सरकार से जुड़े एक अधिकारी ने इस बात की जानकारी दी।
राजपक्षे कर रहे थे देश में तख्तापलट की कोशिशें
श्रीलंका की नई मैथ्रिपाला सरकार के प्रवक्ता मंगला समरवीरा ने इस बात की जानकारी दी कि देश में आई नई सरकार देश में मौजूद कई बातों के बीच ही इस बात की जांच सबसे पहले कराएगी कि आखिर वह कौन था जो राजपक्षे के साथ मिलकर देश में तख्तापलट की कोशिशें कर रहा था।
समरवीरा के मुताबिक राजपक्षे उसी समय इस्तीफा देने के लिए आगे आए जब देश के सेना प्रमुख और पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी ने उनका साथ देने से साफ इंकार कर दिया। राजपक्षे की मुश्किलें मैथ्रिपाला के चीफ स्पोक्सपर्सन राजीत सेनारत्ने के उस आरोप से और बढ़ गई हैं जिसमें उन्होंने कहा है कि चुनाव हारने के बाद सेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल दया रत्नायके पर सैनिकों को तैनात करने का दबाव डाला था।
आर्मी चीफ पर डाला दबाव
सेनारत्ने के मुताबिक राजपक्षे की ओर से लगातार दबाव बनाया जा रहा था लेकिन वह बिल्कुल भी नहीं झुके और उन्होंने किसी भी गैरकानूनी काम को करने से साफ इंकार कर दिया था। सेनारत्ने की मानें तो अंतिम क्षण में राजपक्षे ने अपने पद पर बने रहने का प्रयास किया । जब उन्हें इस बात का अहसास हुआ कि उनके पास अब कोई विकल्प नहीं है तभी उन्होंने अपना पद छोड़ने का फैसला किया।
दूसरी ओर पूर्व राष्ट्रपति राजपक्षे ने नई सरकार के इस दावे को पूरी तरह से बेबुनियाद करार दिया है तो सेना की ओर से इस पर टिप्पणी करने से इंकार कर दिया गया है। दरअसल, राजपक्षे (69) की शुक्रवार को राष्ट्रपति चुनाव में हार मान लेने पर व्यापक प्रशंसा हुई थी, जबकि मतगणना का अंतिम दौर चल रहा था। समरवीरा ने कहा, लोग सोचते हैं कि यह शांतिपूर्ण सत्ता परिवर्तन था। लेकिन यह कुछ और था।