चाय बेचने से शुरू किया था कैरियर, अब फ्रांस की ग्लोबल कंपनी की बनी CEO, जानिए कौन हैं लीना नायर?
लीना नायर को इंजीनियरिंग करने से लेकर एमबीए करने तक, काफी संघर्ष करना पड़ा। और फिर उन्होंने बतौर ट्रेनी अपने कैरियर की शुरूआत की थी।
नई दिल्ली, दिसंबर 15: इसी महीने भारतीय मूल के पराग अग्रवाल को ट्वीटर का सीईओ बनाया गया है और अब भारत में जन्मी लीना नायर को दिग्गज फ्रांसीसी कंपनी शनैल का ग्लोबल सीईओ नियुक्त किया गया है। अब तक एफएमसीजी कंपनी यूनिलीवर की चीफ ह्यूमन रिसॉर्सेज ऑफिसर रहीं लीना नायर ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। लीना नायर के लिए किसी इंटरनेशनल कंपनी का सीईओ बनना आसान नहीं था, बल्कि, इस सफर के दौरान उन्हें चाय भी बेचनी पड़ी और एक वक्त वो आतंकवादियों के सीधे निशाने पर भी पहुंच गई थीं।
कौन हैं लीना नायर?
महाराष्ट्र के कोल्हापुर में पली-बढ़ी लीना नायर को आगे बढ़ने और इस ओहदे तक पहुंचने से पहले कई सामाजिक वर्जनाओं से जूझना पड़ा और अपने परिवार को इलेक्ट्रॉनिक्स और दूरसंचार में इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल करने की अनुमति देने के लिए काफी मशक्कत करना पड़ा। हालांकि, इंजीनियर बनने के बाद उन्होंने बतौर इंजीनियर सिर्फ 6 महीने ही काम किया और उन्हें लगने लगा कि, बतौर इंजीनियर उनका भविष्य बेहतर नहीं होने वाला है, लिहाजा उन्होंने इंजीनियरिंग से इतर किसी और फील्ड में अपना कैरियर बनाने की सोची। इसलिए, उन्होंने अपना फील्ड छोड़ दिया और जमेशेदपुर आ गईं, जहां उन्होंने एक्सएलआरआई इंस्टीट्यूट से मैनेजमेंट की पढ़ाई करनी शुरू कर दी।
परिवार को समझाने में करनी पड़ी मशक्कत
पहले तो लीना नायर के परिवारवाले उन्हें इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने की इजाजत नहीं दे रहे थे, लेकिन इंजीनियरिंग छोड़कर घरवालों को एमबीए के लिए मनाना उनके लिए और भी मुश्किल साबित हो रहा था। लेकिन, उन्होंने हार नहीं मानी और उन्होंने एमबीए में एडमिशन ले लिया। इंजीनियरिंग छोड़कर मैनेजमेंट में आना उनकी जिंदगी का सबसे बेहतरीन फैसला साबित हुआ। इस साल के शुरूआत में इकोनॉमिक टाइम्स से बात करते हुए उन्होंने कहा था कि, ''मैंने एक्सएलआरआई में जो पढ़ा, उससे मुझे बहुत अच्छा लगा और 28 साल पहले हिंदुस्तान यूनिलीवर में मैनेजमेंट ट्रेनी के रूप में मैंने काम करना शुरू किया। उन्होंने कहा कि, ''कैरियर के शुरूआती 6 सालों में मैंने कई जमीनी भूमिकाएं निभाईं।
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हरियाणा-दिल्ली में बेची चाय
उन्होंने इकोनॉमिक टाइम्स से बात करते हुए कहा कि, ''शुरूआत में मेरी भूमिका एक सेल्समैन की थी। इस दौरान मुझे हरियाणा और दिल्ली में चाय बेचने की जिम्मेदारी दी गई थी"। उन्होंने कहा कि, ''बाद में मुझे काम करने के लिए दक्षिण भारत जाना पड़ा, जहां एक कारखाने में मैं मैनेजंमेंट टीम में शामिल हो गई, जहां मैंने फैक्ट्री यूनियन्स के साथ कैसे काम करना और उनसे कैसे निपटना है, ये सीखा और फिर फैक्ट्री में प्रोडक्शन कैसे होता है, इसके बारे में सारी जानकारियां हासिल की।'' उन्होंने कहा कि, ''इस दौरान मुझे गांवों में 6 से आठ घंटे बिताने पड़ते थे।'' इंटरव्यू के दौरान लीना नायर ने कहा कि, ''गांवों में वक्त बिताने से मुझे औसत भारतीय उपभोक्ताओं के माइंडसेट को समझने का मौका मिला और उसके बाद से मेरे काम का उद्येश्य बदल गया और मैंने लोगों की भावना से कनेक्ट करना शुरू कर दिया।''
मुंबई हमले ने बदली जिंदगी
लीना नायर बताती हैं कि, 2008 में मुंबई हमले के बाद उनकी जिंदगी हमेशा के लिए बदल गई थी। 2008 में जिस वक्त पाकिस्तानी आतंकियों ने मुंबई पर हमला किया था, उस वक्त लीना नायर अपनी टीम के साथ ताज होटल के अंदर ही मौजूद थीं। उन्होंने कहा कि, मुंबई हमले वाली रात ताज होटल में काम करने वाली एक लड़की के साहस को देखकर उनकी जिंदगी हमेशा के लिए बदल गई। लीना नायर ने कहा कि, एक तरफ आतंकवादी लोगों की जान ले रहे थे, दूसरी तरफ होटल की वो लड़की होटल के कई कर्मचारियों और गेस्ट का नेतृत्व कर रही थी। वो लड़की लगातार लोगों को सुरक्षित जगह पर पहुंचा रही थी, लोगों को पानी पिला रही थी और उसे जो भी जानकारियां मिल रही थी, वो हमें दे रही थी। लीना ने बताया कि, उस लड़की को उस अवस्था में भी शांत और धैर्यपूर्ण देखकर उनकी जिंदगी बदल गई।
2013 में भारत से शिफ्ट हुईं लंदन
1969 में भारतीय राज्य महाराष्ट्र के कोल्हापुर में जन्म लेने वाली लीना नायर साल 2013 में लंदन चली गईं, जहां उन्हें एंग्ले-डच कंपनी के लंदन स्थित हेडक्वार्टर में लीडरशिप और ऑर्गेनाइजेशन डेवलपमेंट का ग्लोबल वाइस प्रेसिडेंट नियुक्त किया गया। इसके बाद वो साल 2016 में यूनीलीवर की पहली महिला और सबसे कम उम्र की सीएचआरओ (चीफ ह्यूमन रिसॉर्सेज ऑफिसर) बनीं। इस तरह भारत में जन्मी और पली बढ़ीं लीना नायर ने भारत का नाम रोशन करना शुरू कर दिया। इस दौरान उन्होंने भारतीय नागरिकता छोड़कर ब्रिटेन की नागरिकता हासिल कर ली।
दिग्गज ग्लोबल कंपनी की सीईओ
इंटरनेशनल फ्रांसीसी कंपनी शनैल का सीईओ बनने के बाद लीना नायर ने यूनीलीवर कंपनी से इस्तीफा दे दिया। शनैल कंपनी के सीईओ की जिम्मेदारी मिलने के बाद लीना नायर उन भारतीय सीईओ की फेहरिस्त में शुमार हो गईं हैं, जो दिग्गज ग्लोबल कंपनियों को लीड कर रहे है। फ्रांसीसी कंपनी शनैल ने बताया है कि, अगले साल जनवरी में लीना नायर कंपनी के साथ जुड़ेंगी और लंदन ऑफिस से कामकाज देखेंगी। वहीं, यूनिलीवर ने बताया कि सीएचआरओ लीना नायर जनवरी 2022 में अपना पद छोड़ देंगी। अभी तक लीना नायर यूनिलीवर के कारोबार और फाइनेंस संबंधित अहम भूमिका निभा रही थीं।
ग्लोबल कंपनियों में भारतीय सीईओ
इंटरनेशनल कंपनियों में भारतीय सीईओ की लगातार नियुक्तियां हो रही हैं। हाल ही में ट्वीटर ने भारत में ही जन्मे पराग अग्रवार को नया सीईओ नियुक्त किया है। इससे पहले गुगल भी भारत में ही जन्म और भारत में पढ़ाई-लिखाई करने वाले सुंदर पिचाई को अपना सीईओ नियुक्त किया था, जबकि सत्या नडेला को दिग्गज कंपनी माइक्रोसॉफ्ट का सीईओ नियुक्त किया गया था। जबकि, इस वक्त पेप्सिको कंपनी की सीईओ भारतीय मूल की ही इंद्रा नूई हैं।
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