क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

राजनीति का नौसिखिया, जो दिग्गजों को धूल चटा दोबारा बना फ्रांस का राष्ट्रपति, जानिए कौन हैं इमैनुएल मैक्रों?

फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने अपनी उम्र से 24 साल बड़ी महिला ब्रिगिट से साल 2007 में शादी की थी, जो पहले एक ड्रामा टीचर रह चुकी हैं। तीन बच्चों की मां ब्रिगिट से शादी करना उनके परिवार को बिल्कुल पसंद नहीं था...

Google Oneindia News

पेरिस, अप्रैल 25: राजनीति में अकसर कहा भी जाता है और देखा भी जाता है, कि एक शख्स अचानक आता है और जमे हुए राजनीतिक दिग्गजों की सियासत को अपनी तूफान से उखाड़ फेंकता है। ऐसे ही एक नेता हैं इमैनुएल मैक्रों... जो दोबारा फ्रांस के राष्ट्रपति चुन लिए गये हैं और जिन्होंने लगातार दूसरी बार चुनाव में फ्रांस के दिग्गत राजनेताओं को धूल चटा दी है। आखिर फ्रांस की राजनीति में इमैनुएल मैक्रों कैसे बने अपराजेय नेता और उन्होंने कैसे परंपरागत राजनीति की जड़ें हिला दी हैं...आइये जानते हैं।

फ्रांस की राजनीति

फ्रांस की राजनीति

मोटामोटी तौर पर देखा जाए, तो फ्रांस में प्रमुख तौर पर कट्टर दक्षिणपंथी राजनीति का बोलबाला रहा है और वामपंथी पार्टी का वर्चस्व रहा है। लेकिन, इमैनुएल मैक्रों ना दक्षिणपंथी राजनीति करते हैं और ना ही वो एक वामपंथी हैं। हालांकि, उनका झुकाव थोड़ा दक्षिणपंथ की तरफ जरूर रहा है, लेकिन ज्यादातर राजनीतिक विश्लेषक उन्हें ‘मध्यमार्गी' ही बताते हैं, जबकि मुसलमानों को लेकर कुछ सख्त कानून बनाने के बाद वामपंथी विश्लेषकों ने उनकी छवि अलग तरह से बनाने की कोशिश की, जिसमें फ्रांसीसी मस्जिदों और मुस्लिम मदरसों को तुर्की से चंदा लगाने पर रोक भी शामिल है। लेकिन, पांच साल पहले जिस इमैनुएल मैक्रों को एक नौसिखिया राजनेता कहा गया था, वो सिर्फ पांच सालों में ही वैश्विक नेता बन गया।

सिर्फ 44 साल के हैं मैक्रों

सिर्फ 44 साल के हैं मैक्रों

इमैनुएल मैक्रों की उम्र सिर्फ 44 साल है और जब वो पहली बार फ्रांस के राष्ट्रपति बने थे, उस वक्त उनकी उम्र 38-39 साल थी। महज 38 साल की उम्र में पहली बार फ्रांस के राष्ट्रपति बनकर मैक्रों ने इतिहास बना दिया था और लगातार दूसरी बार राष्ट्रपति बनकर मैक्रों ने फ्रांस के साथ साथ जियो पॉलिटिक्स में अपना कदम जमा लिया है। लगातार अंतर्राष्ट्रीय कूटनीति में सक्रिय रहने वाले इमैनुएल मैक्रों वो नेता बन गये हैं, जिसका वर्चस्व यूरोपीय संघ में सबसे ज्यादा है और इमैनुएल मैक्रों वो नेता भी बन गये हैं, जिनकी अंतर्राष्ट्रीय प्रतिष्ठा, विश्वास और मान्यता लगातार बढ़ी है।

Recommended Video

कौन हैं Emmanuel Macron? जिन्हें दूसरी बार चुना गया France का President | वनइंडिया हिंदी
कैसे दोबारा राष्ट्रपति बने मैंक्रों?

कैसे दोबारा राष्ट्रपति बने मैंक्रों?

पिछले कुछ सालों में फ्रांस की राजनीति में लगातार बदलाव हुआ है और एक के बाद एक राजनीतिक घटनाओं ने भी इमैनुएल मैक्रों का पैर राजनीति की जमीन पर जमाने में काफी मदद की है, जिसमें सबसे पहली घटना थी, उनके सबसे प्रमुख और ताकतवर प्रतिद्वंदी का 2017 में भ्रष्टाचार कांड में शामिल होना और राजनीति से बाहर कर दिया जाना। जिसके बाद 2017 में इमैनुएल मैक्रों ने रोजगार सृजन को बढ़ावा देने के लिए और विदेशी निवेश को बढ़ावा देने के लिए कई कार्यक्रम चलाए, वहीं फ्रांस की अर्थव्यवस्था को मुक्त करने के लिए भी कई अहम कदम उठाए, जिसका सीधा फायदा फ्रांस के लोगों को मिला। वहीं, उन्होंने फ्रांसीसी अर्थव्यवस्था को मुक्त करने के वादे के साथ ही 2017 में दक्षिणपंथी उम्मीदवार मरीन ले पेन को हराया था और दूसरी बार भी उन्होंने मरीन ले पेन को हराकर राष्ट्रपति चुनाव जीत लिया है।

इन्वेस्टमेंट बैंकर थे मैक्रों

इन्वेस्टमेंट बैंकर थे मैक्रों

साल 2017 में फ्रांस के सबसे युवा उम्र में राष्ट्रपति चुने जाने वाले इमैनुएल मैक्रों का राजनीति की दुनिया से कोई लेना-देना नहीं था और वो एक इन्वेस्टमेंट बैंकर थे और यही वजह है, कि उन्हें "राजनीतिक बाहरी व्यक्ति" कहा जाता है। हालांकि, उन्होंने 2017 राष्ट्रपति चुनाव में कहा था, कि राजनीतिक स्पेक्ट्रम के न तो बाएं हैं और न ही दाएं।

24 साल बड़ी महिला से शादी

24 साल बड़ी महिला से शादी

फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने अपनी उम्र से 24 साल बड़ी महिला ब्रिगिट से साल 2007 में शादी की थी, जो पहले एक ड्रामा टीचर रह चुकी हैं। तीन बच्चों की मां ब्रिगिट से शादी करना उनके परिवार और उनके दोस्तों को बिल्कुल भी पसंद नहीं था। वहीं, दो महीने पहले भी एक रिपोर्ट आई थी, जिसमें कहा गया था, कि मैंक्रों के दोस्त अभी भी उनकी 24 साल बड़ी पत्नी को पसंद नहीं करते हैं। लेकिन, उस रिपोर्ट में ये भी दावा किया गया था, कि मैक्रों अपनी पत्नी का काफी ज्यादा खयाल रखते हैं और ब्रिगिट ने एक बार एक इंटरव्यू में कहा था, कि वो दोनों हर समय एक दूसरे फोन पर बात करते रहते हैं और घंटों तक फोन पर साथ वक्त बिताते हैं, क्योंकि मैक्रों को अकसर काम की वजह से दूर रहना पड़ता है। उन्होंने कहा था, कि उनके प्यार के जितने भी लोग खिलाफ रहे हैं, उन्होंने अब उनके रिश्ते को स्वीकार कर लिया है।

इमैनुएल मैक्रों की शुरूआती जिंदगी

इमैनुएल मैक्रों की शुरूआती जिंदगी

इमैनुएल मैक्रों अपने तीन भाई-बहनों में सबसे बड़े हैं और उनका जन्म राजनीतिक रूप से उदार डॉक्टरों के एक परिवार में हुआ था। शुरूआती पढ़ाई-लिखाई के दौरान मैंक्रों एक असाधारण छात्र साबित हुए और उन्होंने पढ़ाई के साथ साथ नाटक में भी काफी बेहतरीन काम किया और बचपन की उम्र में ही उनका ड्रामा टीचर ब्रिगिट ट्रोग्रेक्स के साथ एक दीर्घकालिक संबंध शुरू हुआ था और फिर तमाम विरोधों के बाद उन्होंने 2007 में शादी कर ली। ग्रैंड इकोले साइंसेज पो में अंतरराष्ट्रीय नीति और सार्वजनिक सेवा का अध्ययन करने से पहले मैक्रों ने पेरिस में प्रतिष्ठित लीसी हेनरी-IV में अपनी स्नातक की पढ़ाई पूरी की। इस समय के दौरान उन्होंने दार्शनिक और इतिहासकार पॉल रिकोयूर के लिए असिस्टेंट एडिटर के तौर पर भी काम किया और फिर वो इन्वेस्टमेंट बैंकर बन गये।

साल 2012 में रखा राजनीति में कदम

साल 2012 में रखा राजनीति में कदम

बतौर इन्वेस्टमैंट बैंकर, इमैनुएल मैक्रों ने काफी बड़े बड़े डील्स फाइनल किए और उनका सबसे बड़ा बिजनेस डील साल 2012 में हुआ था, जब उन्होंने नेस्ले की ब्लॉकबस्टर फाइजर के बेबी फूड डिवीजन के 12 बिलियन डॉलर के अधिग्रहण में प्रमुख भूमिका निभाई। जिसमें उन्होंने 38 लाख डॉलर बतौर ब्रोकर कमाए और फिर वो फ्रांस की सोशलिस्ट पार्टी की तरफ से राजनीति के मैदान में उतर आए। साल 2012 में सोशलिस्ट पार्टी के ओलांद ने राष्ट्रपति चुनाव में जीत हासिल की और राष्ट्रपति बनने के बाद ओलंदा ने मैक्रों को अपना डिप्टी चीफ ऑफ स्टाफ और आर्थिक सलाहकार नियुक्त कर दिया, जिससे इमैनुएल मैक्रों को अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलनों में फ्रांस का चेहरा बनने का मौका मिला और फिर साल 2014 में उन्हें फ्रांस का वित्त मंत्री बना दिया गया।

फ्रांस में लाए ‘मैक्रों कानून’

फ्रांस में लाए ‘मैक्रों कानून’

वित्त मंत्री बनने के बाद इमैनुएल मैक्रों ने फ्रांसीसी अर्थव्यवस्था की सुधार के लिए आर्थिक सुधार कार्यक्रम चलाने शुरू कर दिए और उनके प्रयास को फ्रांस में ‘मैक्रों कानून' कहा जाने लगा। लेकिन, मैक्रों के आर्थिक सुधार कानूनों ने उनकी ही सोशलिस्ट पार्टी के वामपंथी विद्रोह को जन्म दिया। फ्रांस में वामपंथियों ने भारी विरोध प्रदर्शन करना शुरू किया। हालांकि, ओलांद की सरकार तो बच गई, लेकिन मैक्रों आर्थिक सुधार से जुड़े कई कानूनों को संसद में पास कराने में नाकाम रहे थे। मैंक्रों के कानून ने फ्रांस के वामपंथियों के साथ साथ फ्रांस की दक्षिणपंथी राजनीति को भी भयंकर प्रतिक्रिया करने के लिए मजबूर कर दिया, लेकिन मैक्रों कुछ लचीलेपन के साथ अपने कानूनों पर अडिग रहे।

फ्रांस का सबसे बड़ा चेहरा बनने का सफर...

फ्रांस का सबसे बड़ा चेहरा बनने का सफर...

ओलांद की पार्टी में रहते हुए आर्थिक सुधार कार्यक्रम को पूरी तरह से लागू कर पाने में नाकाम रहने के बाद इमैनुएल मैक्रों काफी व्यथित हो गये थे और उस दौरान फ्रांस की आर्थिक स्थिति काफी कमजोर होने लगी। वहीं, यूरोप में चल रहे प्रवासी संकट ने राष्ट्रपति ओलांद की लोकप्रियता को काफी कमजोर कर दिया, जिसका सीधा फायदा दक्षिणपंथी नेता मरीन ले पेन को हुआ और उनकी पार्टी नेशनल फ्रंट को जनसमर्थन मिलने लगा। इस दौरान फेरिस में साल 2015 में भीषण आतंकवादी हमला हुआ, जिसके बाद मैक्रों ने सोशलिस्ट पार्टी से इस्तीफा देकर अपनी नई पार्टी ‘एन मार्चे' का निर्माण किया, जिसका मतलब ‘फॉरवर्ड' होता है। मैंक्रों ने पूरे फ्रांस में एक लोकप्रिय आंदोलन चलाया, जिसे ‘लोकतांत्रिक क्रांति' नाम दिया गया। और फिर उन्होंने 2017 का राष्ट्रपति चुनाव लड़ा और जीत हासिल कर सबसे कम उम्र में फ्रांस के राष्ट्रपति बनने वाले नेता बन गये....

भारत की परेशानी बढ़ा रही यूक्रेन में रूसी हथियारों की नाकामी, इंडियन एयरफोर्स ने उठाया बड़ा कदम

Comments
English summary
A novice young man of politics...who defeated the veterans in the political arena and became the President of France again. Know who is Emmanuel Macron..
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X