जब हाईजैक प्लेन को छुड़ाने गए थे बेंजामिन नेतन्याहू, पढ़ें इजरायली पीएम का Profile
नई दिल्ली। इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू भारत के दौरे पर हैं। रविवार को पालम एयरपोर्ट पर जब उनका विशेष विमान उतरा तो प्रोटोकॉल तोड़कर खुद पीएम नरेंद्र मोदी उनका स्वागत करने पहुंचे। छह महीने पहले जब पीएम मोदी इजरायल यात्रा पर गए थे, तब कुछ इसी तरह का स्वागत बेंजामिन नेतन्याहू ने भारतीय प्रधानमंत्री का किया था। बेंजामिन नेतन्याहू इन दिनों भारतीय मीडिया की सुर्खियों में बने हुए हैं। नेतन्याहू ने सोमवार को साझाा प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान भारत से योग और बॉलीवुड को लेकर अपना खास नाता भी बताया। उन्होंने कहा, 'मेरे दोस्त नरेंद्र अगर कभी भी मेरे साथ योगा करना चाहो तो मुझे जरूर बुलाना, मैं वहां पहुंच जाऊंगा। मैं बिल्कुल तैयार हूं।' नेतन्याहू ने कहा कि मैं और मेरी पत्नी बॉलीवुड फिल्म इंडस्ट्री जाने के लिए बहुत एक्साइटेड है। उन्होंने कहा कि हमें बॉलीवुड की फिल्में खासी पंसद रही हैं। आइए आपको बताते हैं बेंजामिन नेतन्याहू के बारे में कुछ और रोचक बातें, जो शायद ही आपको मालूम हों।
प्रोफेसर थे पिता, अमेरिका में हुई पढ़ाई
बेंजामिन नेतन्याहू का जन्म 21 अक्टूबर 1949 को इजरायल के तेल अवीव में हुआ था। उनकी शुरुआती परवरिश येरुशलम में हुई और किशोर अवस्था में वह अमेरिका चले गए। नेतन्याहू के पिता इतिहासकार थे और अमेरिका में प्रोफेसर थे। शिक्षा पूरी करने के बाद बेंजामिन 1967 में भारत लौटे।
सैन्य ऑपरेशन के दौरान हो गई भाई की मौत
1976 में बेंजामिन ने एक अमेरिकी कंसल्टिंग ग्रुप को ज्वॉइन कर लिया, लेकिन वह ज्यादा दिन यहां रुक नहीं सके। उनके बड़े भाई योनी का निधन हो चुका था। भाई की मौत हो चुकी थी। वह युगांडा में एक हाईजैक किए गए विमान को छुड़ाने के लिए चलाए गए ऑपरेशन में मारे गए थे। इसके बाद बेंजामिन इजरायल लौट आए।
जब यूएन में इजरायली राजदूत बने बेंजामिन
1982-84 में वॉशिंगटन स्थित इजरायली दूतावास में काम करने के बाद बेंजामिन नेतन्याहू को संयुक्त राष्ट्र में इजरायल के राजदूत बनाए गए और यहां से उनके करियर ने नया मोड़ लिया। बेंजामिन नेतन्याहू 1967 में इजरायली सेना में भर्ती हुए। इसके बाद वह इजरायली सेना की स्पेशल ऑपरेशन फोर्स के सदस्य भी रहे। बेंजामिन उस टीम का भी हिस्सा थे, जिसने 1972 में तेल अवीव एयरपोर्ट पर हाईजैक किए गए विमान को छुड़ाया था।
2002 में दोबारा राजनीति में लौटे
बेंजामिन नेतन्याहू 1988 में इजरायल की संसद में पहली बार दक्षिणपंथी लिकुड पार्टी के टिकट पर चुनकर पहुंचे। 1996 में वह पहली बार प्रधानमंत्री चुने गए। हालांकि, पीएम बनने के बाद उनका करियर काफी अच्छा नहीं चला। वह 1999 तक पीएम रहे और उनकी पार्टी अगला चुनाव हार गई। कुछ समय के लिए बेंजामिन राजनीति से दूर रहे और 2002 में उन्होंने दोबारा राजनीति में हाथ आजमाया और इस बार वह विदेश मंत्री बने।
जब बेंजामिन पर लगे भ्रष्टाचार के आरोप
2009 में बेंजामिन नेतन्याहू का दौर लौटा और वह प्रधानमंत्री चुने गए और इजरायल की राष्ट्रीय राजनीति में सितारा बनकर छा गए। लेकिन रास्ता अब भी आसान नहीं था। अगस्त 2017 में हुए खुलासों से पता चला कि बेंजामिन नेतन्याहू पर भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी के भी आरोप लगे। इस मामले में नेतन्याहू से कई-कई घंटे पूछताछ की गई। हालांकि, इन मामलों में अभी तक उनके खिलाफ कुछ सामने नहीं आया है।