बवंडर में फंसे इस 'भूतिया जहाज' का क्या राज है, कौन छोड़ गया लावारिस ? भारत के पड़ोसी से है कनेक्शन!
नाम पेन्ह (कंबोडिया), 15 जुलाई: कंबोडिया के समुद्र तट पर समंदर की तूफानी लहरों के बीच लगभग मलबे में तब्दील एक विशाल जहाज कई दिनों तक लावारिस पड़ा रहा। कंबोडियाई कोस्टगार्ड के कई घंटों की मेहनत के बाद सुराग के नाम पर सिर्फ चट्टानों पर तीन लाइफ जैकेट मिले थे। इलाके के सारे जहाजों को अलर्ट किया गया था कि कोई भी क्रू समंदर में किसी भी स्थिति में नजर पड़े तो फौरन उसकी सूचना दी जाए। क्योंकि, कहीं ना कहीं शक था कि यह 'भूतिया जहाज' चीन का हो सकता है और उसी के नागरिकों का इस घटना के पीछे हाथ है।
कंबोडिया के समुद्र तट पर मिला 'भूतिया जहाज'
कंबोडिया में समुद्र के किनारे समुद्री तूफान के बीच लावारिस पड़ा एक 'भूतिया जहाज' ने वहां के लोगों की चिंता बढ़ा दी। यह जहाज एक समुद्री तूफान के बाद कंबोडिया के कोह तांग द्वीप के समुद्र तट पर खाली मिला है। यह इलाका कंबोडिया के प्रियाह सिहानोउक प्रांत में है और घटना 12 जुलाई के शाम की बताई जा रही है। मिरर की रिपोर्ट के मुताबिक अगले दिन सुबह कंबोडिया के अधिकारियों ने तटीय इलाकों में चप्पे-चप्पे को छान मारा ताकि जहाज पर सवार लोगों का पता चल सके। लेकिन, वह इस मिशन में पूरी तरह खाली हाथ रहे।
सुराग के नाम पर सिर्फ तीन लाइफ जैकेट मिले
लेकिन, तूफान की वजह से मलबे में बदले नजर आ रहे 'भूतिया जहाज' से 50 मीटर दूर चट्टानों पर ही उन्हें तीन लाइफजैकेट मिले, जिससे उनकी जिज्ञासा और बढ़ गई। साथ ही साथ चिंता में भी आ गए कि अगर जहाज पर नाविक थे तो वे गए कहां? समुद्री तूफान की वजह से जहाज के बारे में जानकारी जुटाने के काम में काफी देरी होती रही और उसके बारे में कुछ भी पता करना मुश्किल होता जा रहा था।
आसपास के जहाजों को अलर्ट कर दिया गया
इस लावारिस जहाज के बारे में लोकल कोस्ट गार्ड सोफीप सैन ने कहा, 'शुरू में तो हम जहाज पर मार्किंग की जांच करने के लिए उसके नजदीक ही नहीं जा पा रहे थे (खराब मौसम और तेज हवाओं के कारण)।' 'कोई पहचान नहीं मिल रही थी कि यह आया किस देश से।' 'हमने इलाके में मौजूद जहाजों से कह दिया कि किसी लापता क्रू पर नजर रखें।,,,,,वे लाइफ बोट या समुद्र में तैरते हुए दिख सकते हैं।'
शुरू से चीन में रजिस्टर्ड होने की आशंका थी
गुरुवार की सुबह कोह तांग ऑब्जर्वेशन फोर्स के स्टाफ ने मलबे की जांच की और ऐसे किसी भी व्यक्ति की तलाश की, जो तट के किनारे बहते हुए आगे चला गया हो। जब आखिर तक क्रू और कैप्टन का कोई सुराग नहीं मिला तो उन्होंने मान लिया कि हो ना हो यह किसी जहाज का स्क्रैप है, जो किसी बोट यार्ड से बहकर कंबोडिया के तट तक चला आया है। कोस्टगार्ड ने बताया कि आखिरकार इस 'भूतिया जहाज' के बारे में पुलिस को जानकारी दे दी गई। लेकिन, उन्हें इस बात की पूरी आशंका बनी रही कि हो ना हो यह लावारिस जहाज चीन में रजिस्टर्ड है।
4,000 किमी रूट से चलता है चीनी तस्करों का कारोबार
आखिरकार कंबोडियाई कोस्टगार्ड की आशंका सही निकली। दरअसल, चीन के तस्करों और माफियाओं के लिए कंबोडिया एक लाभदायक गेटवे बना हुआ है। इस रास्ते वे म्यांमार के लैब से मेथ की सप्लाई पूरे एशिया प्रशांत क्षेत्र से लेकर ऑस्ट्रेलिया, ताइवान, सिंगापुर,जापान और हॉन्ग कॉन्ग जैसे देशों तक करते हैं। समंदर के रास्ते चीन से कंबोडिया की दूरी करीब 4,000 किलोमीटर है; जो चीन के तस्करों के लिए कमाई का रूट बन चुका है।
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जहाज के चारों चीनी नाविक मिले
बाद में कंबोडिया न्यूज नाम के एक यूट्यूब चैनल की रिपोर्ट में दावा किया गया कि जो जहाज कोस्टगार्ड वालों ने लावारिस बरामद किया था, वह दरअसल एक कार्गो शिप है, जो खोह तांग के तट पर भयंकर तूफान और समुद्र लहरों में फंस गया था। इस रिपोर्ट में जानकारी दी गई कि इसपर सवार चारों चीनी नाविक सुरक्षित हैं और लगता है कि वह लाइफ जैकेट जो चट्टान पर पड़े हुए थे, उन्हीं का इस्तेमाल करके यह कंबोडिया की धरती तक पहुंचे हैं। (तस्वीरें सौजन्य: वायरल प्रेस वीडियो और कंबोडिया न्यूज यूट्यूब चैनल)