अल-जवाहिरी को उड़ाया नहीं, तलवार से काटा गया है, जानें कितना खतरनाक है R9x निंजा मिसाइल?
संयुक्त राज्य अमेरिका ने हजारों किलोमीटर दूर से पिन-प्वाइंट टारगेट करते हुए जिस तरह से दुनिया के सबसे खतरनाक आतंकवादी अयमान अल-जवाहिरी का सफाया किया है, वो अमेरिका की क्षमता को दर्शाता है।
R9X hellfire Ninja Missile: अफगानिस्तान की राजधानी काबुल के शेरपुर अपमार्केट इलाके में स्थिति एक बेहद सुरक्षित बंगले का दरवाजा सुबह सुबह के वक्त खुलता है और उस दरवाजे से दुनिया का सबसे खतरनाक आतंकवादी अल-जवाहिरी शेरपुर अपमार्केट इलाके बाहर निकलता है। वो घर के बालकनी में आता है और ठंडी हवा का आनंद लेने लगता है। ठीक उसी वक्त आसमान से एक मिसाइल आती है और सैकड़ों लोगों को मारने वाले इस इस्लामिक आतंकवादी को उड़ा देती है। एक धमाके के साथ शेरपुर अपमार्केट इलाके में छिपा अल-जवाहिरी के चिथड़े उड़ जाते हैं और उसका वही हाल होता है, जो उसने सैकड़ों लोगों का किया था। लेकिन, क्या आप जानते हैं, किस मिसाइल से अल-जवाहिरी का सफाया किया गया और अमेरिका का ये R9X hellfire Ninja Missile कितना खतरनाक है? आइये जानते हैं...
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बेहद खतरनाक है R9X Ninja Missile
संयुक्त राज्य अमेरिका ने हजारों किलोमीटर दूर से पिन-प्वाइंट टारगेट करते हुए जिस तरह से दुनिया के सबसे खतरनाक आतंकवादी अयमान अल-जवाहिरी का सफाया किया है, उससे जाहिर होता है, कि अमेरिका के पास हथियार क्षमता कितना खतरनाक है और क्यों उसे दुश्मनों को मारने के लिए कहीं और जाने की जरूरत नहीं है। समाचार एजेंसी एएफपी की रिपोर्ट के अनुसार, अल-जवाहिरी अपने काबुल स्थित घर पर दागी गई दो मिसाइलों से मारा गया था, लेकिन तस्वीरों में विस्फोट का कोई संकेत नहीं दिख रहा है और अमेरिकी अधिकारियों का कहना है, कि इस स्ट्राइक में किसी और को नुकसान नहीं पहुंचा है। अमेरिकी राष्ट्रपति ने सीआईए से कहा था, कि इस ऑपरेशन को इस तरह से अंजाम दिया जाना चाहिए, कि कोई और हताहत ना हो और सीआईए ने ठीक वैसा ही किया। इससे पता चलता है कि अमेरिका ने मैकाब्रे हेलफायर आर9एक्स का इस्तेमाल अल जवाहिरी को मारने के लिए किया। आर9एक्स एक वारहेड-रहित मिसाइल है, जिसके बारे में माना जाता है, कि यह छह रेजर जैसे ब्लेड से लैस है, जो बिना विस्फोट किए अपने टारगेट का सफाया कर देता है।
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मिसाइल को कहा जाता है 'निंजा बम'
Hellfire R9X, जिसे "निंजा बम" भी कहा जाता है, अब वह नागरिकों की भीड़ में, आबादी वाले इलाकों में छिपे आतंकवादियों को पिन-प्वाइंट पर निशाना लगाकर मारने के लिए अमेरिका का पसंदीदा हथियार बन गया है। इस मिसाइल की सबसे बड़ी और नायाब खासियत ये है, कि इसे जिस शख्स पर निशाना लगाकर फायर किया जाता है, वो उससे ज्यादा जगह पर तबाही नहीं मचाता है और ना ही कोई धमाका होता है। R9X पहली बार मार्च 2017 में सामने आया था, जब अल-कायदा के एक और वरिष्ठ आतंकवादी अबू अल-खैर अल-मसरी को सीरिया में एक कार में यात्रा करते समय इसी मिसाइल को ड्रोन से फायर कर उड़ा दिया गया था। हालांकि, पेंटागन या सीआईए - दो अमेरिकी एजेंसियों को चरमपंथी नेताओं की लक्षित हत्याओं के लिए जाना जाता है, उसने कभी भी इसे सार्वजनिक रूप से स्वीकार नहीं किया है।
हेलफायर R9X क्या है?
द वीक के अनुसार, एजीएम-114 हेलफायर मिसाइलें हवा से जमीन पर मार करने वाली, लेजर गाइडेड, सबसोनिक मिसाइलें हैं, जिनमें एंटी-टैंक क्षमता भी होती है। हेलफायर मिसाइल के कई प्रकार हैं, जो इसके वारहेड, मार्गदर्शन प्रणाली और इसकी भौतिक विविधताओं पर निर्भर करता है। हेलफायर मिसाइलों की लाइन में एक लेटेस्ट और अजीबोगरीब जोड़ है हेलफायर R9X, जो टारगेट हत्याओं के लिए डिज़ाइन किए गए हैं, जो दुनिया का सबसे एडवांस हथियार है। इस मिसाइल की सबसे बड़ी खासियत ये है, कि ये मिसाइल जब हमला करता है, तो इसमें बारूद नहीं होता है, कि हमले के बाद किसी तरह का कोई धमका हो, बल्कि लक्ष्य को मारने के लिए इस मिसाइल में पॉप-आउट तलवार ब्लेड का उपयोग करता है। रिपोर्ट के मुताबिक, इस मिसाइल में 6 पॉप-आउट तलवार ब्लेड लगे होते हैं, जो टारगेट को दर्जनो टुकड़ों में काट देता है। वहीं, अल अरब के अनुसार, यह ईरानी जनरल कासिम सुलेमानी की हत्या के लिए इस्तेमाल की जाने वाली हेलफायर मिसाइल का ही एक प्रकार हो सकता है।
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ओबामा प्रशासन ने किया था विकसित
वहीं, वॉल स्ट्रीट जर्नल के अनुसार, R9X को ओबामा प्रशासन के कार्यकाल में विकसित किया गया था, जिसका मकसद ये था, कि किसी आतंकवादी को मारते वक्त नागरिकों को कम से कम नुकसान पहुंचे। रिपोर्ट के मुताबिक, "यह मिसाइल एक अलग तरह के पेलोड से सुसज्जित है, जिसमें छह लंबे तलवार की तरह खतरनाक ब्लेड लगाए जाते हैं, जो मिसाइल के अंदर में रहते हैं और इसे कंप्यूटर से उड़ाया जाता है। इस मिसाइल को अमेरिकी हथियार कंपनी जनरल एटॉमिक्स ने तैयार किया है और यह सर्विलांस, जासूसी, इनफॉर्मेशन गैदरिंग समेत दुश्मन के किसी ठिकाने पर हमला करने जैसे अनेको मिशनों पर भेजा जा सकता है। वहीं, इसके हमले में किसी की झुलसकर नहीं, बल्कि कटकर मौत होती है।
क्या है मिसाइल की क्षमता?
रिपोर्ट के मुताबिक, इस मिसाइल के वारहेड का वजन 45 किलोग्राम होता है और फिर उसमें 8 तलवार ब्लेड्स को इस तरह से सेट किया जाता है, कि ये दुश्मन पर एक साथ 6 अलग अलग तरीकों से वार करती है और उसे चीड़-फाड़ देती है। हालांकि, अभी तक इस बात की कोई जानकारी नहीं है, अमेरिका के पास इस तरह के कितने मिसाइल हैं, लेकिन न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट में पहले दावा किया गया था, कि साल 2019 और साल 2020 में दो सीक्रेट मिशनों में इस मिसाइल के इस्तेमाल को मंजूरी दी गई थी। वहीं, ऐसी भी रिपोर्ट है कि, इस मिसाइल का इस्तेमाल अफगानिस्तान के अलावा सीरिया, यमन, इराक और लीबिया में भी किया जा चुका है। उस वक्त अमेरिकी अखबार ने इसके तलवार जैसे ब्लेड्स के लिए इसे 'Flying Ginsu' कहा था।
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