क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

सूरज, ग्रह-नक्षत्रों से भी बहुत पुराना है पानी, खगोलविदों को बहुत गहरे अंतरिक्ष मिला इसका रहस्य

हम जो पानी पीते हैं, वह हमारी पृथ्वी से पुराना है। धरती ही नहीं सूरज और सौर मंडल से पहले भी पानी का निर्माण हो चुका था। खगोल शास्त्रियों ने एक नई रिसर्च में यह निष्कर्ष निकाला है।

Google Oneindia News

water-is-much-older-than-sun-planets-and-constellations-study

खगोलविदों ने पानी के बारे में एक ऐसे रहस्य का पता लगा लिया है, जो सुनकर आप हैरान रह जाएंगे। हम जो पानी पीते हैं और उसका इस्तेमाल करते हैं या पृथ्वी पर जो पानी उपलब्ध है, वह सूर्य से भी पुराना है। यानी धरती पर जो पानी है, वह पृथ्वी के निर्माण से भी पुराना है। दूसरे शब्दों में यूं कह सकते हैं कि पहले पानी बना फिर सूर्य और पृथ्वी या सौर मंडल के बाकी ग्रह-नक्षत्रों का निर्माण हुआ। खगोलविदों की यह खोज बहुत ही रोमांचक है।

water-is-much-older-than-sun-planets-and-constellations-study

सूरज से भी पहले बना पानी-शोध
खगोलविदों ने धरती से 1,300 प्रकाश वर्ष दूर वी883 ओरियोनिस के चारों ओर ग्रह-नक्षत्र बनाने वाली डिस्क में गैस के रूप वाले पानी की खोज की है। शोध में इस पानी का पता लगाने के लिए अटाकामा लार्ज मिलीमीटर/सबमिलीमीटर अरे (ALMA) का बहुत बड़ा योगदान रहा है। रासायनिक प्रक्रियाओं का इस्तेमाल करके वैज्ञानिकों ने यह पता लगाने में सफलता पाई है कि पानी तारे बनाने वाले गैस के बादलों से ग्रहों तक कैसे पहुंचा है। शोधकर्ताओं के मुताबिक अंतरिक्ष में सुदूर तारों और हमारे सौर मंडल के पानी के संबंध का पहला साक्ष्य 'इंटरस्टेलर माध्यम' के नाम से जाना जाता है।

water-is-much-older-than-sun-planets-and-constellations-study

अरबों साल पुराना है पानी का इतिहास
इस शोध के लिए वैज्ञानिकों ने करीब 1,305 प्रकाश वर्ष पूर्व एक युवा तारे (प्रोटोस्टार) की नजदीकी निगरानी की। इस दौरान उन्होंने इसके चारों ओर गैसीय पदार्थ के डिस्क का भी अध्ययन किया। उन्हें पता चला कि सौर मंडल में पानी अचानक से नहीं भरा है। उन्होंने पाया कि उस दूरस्थ पानी में भी वही खास रासायनिक गुण हैं, जो हमारे सौर मंडल में मौजूद पानी में है। यह अरबों साल पुराना है।

water-is-much-older-than-sun-planets-and-constellations-study

Recommended Video

Sunrise: धरती में कहां उगता है सबसे पहले सूरज, Scientist ने किया कैसा दावा | वनइंडिया हिंदी

बाकी ग्रह-प्रणालियों तक भी पहुंचा हो सकता है पानी
मिशिगन यूनिवर्सिटी के एक खगोल विज्ञानी मेरेल वैन 'टी हॉफ ने एक बयान में कहा है, 'इसका मतलब यह हुआ कि हमारे सौर मंडल में जो पानी है, वह सूर्य, ग्रह और धूमकेतुओं से भी पहले बना है।' वे नेचर में छपे इस शोध के कोऑथर हैं। गौरतलब है कि सूरज एक मध्य-आकार का तारा है, जो चार अरब साल पुराना है। उन्होंने बताया कि 'हम पहले से जानते थे कि इंटरस्टेलर माध्यम में बड़ी मात्रा में बर्फ वाला पानी मौजूद है।' उनके मुताबिक, 'हमारे परिणाम से पता चला है कि यह पानी हमारे सौर मंडल के निर्माण के समय सीधे यहीं से शामिल हुआ है। यह काफी रोमांचक खोज है, क्योंकि इससे लगता है कि बाकी ग्रह प्रणालियों को भी बड़ी मात्रा में पानी मिला होना चाहिए।'

water-is-much-older-than-sun-planets-and-constellations-study

पृथ्वी और उस नए तारे के पानी का रासायनिक गुण समान
वी883 ओरियोनिस के चारों ओर ग्रह-नक्षत्र बनाने वाली डिस्क में गैस की तरह के जिस पानी की खोज की गई है, उसमें हाइड्रोजन और हाइड्रोजन के एक प्रकार ड्यूटेरियम का वही अनुपात है, जो हमारे सौर मंडल के पानी में है। यह दोनों के ही बीच की नजदीकियों का एक बहुत ही ठोस केमिकल फिंगरप्रिंट है। इस शोध के लिए खगोल विज्ञानियों ने विशाल एंटीना वाले रेडियो टेलीस्कोप का इस्तेमाल किया, जिसके माध्यम से प्रोटोस्टार के चारों ओर की डिस्क पर बनने वाले पदार्थों पर गौर करना आसान हुआ। अब उन्हें उस क्षेत्र की तलाश है, जिसे 'स्नो लाइन' कहते हैं, इस जगह बर्फ का पानी गैस बन जाता है।

water-is-much-older-than-sun-planets-and-constellations-study

इसे भी पढ़ें- वो दूसरे ग्रह से आई या पृथ्वी की थी? मछली के पास बख्तरबंद खोपड़ी, वैज्ञानिकों ने कुछ हद तक खोला राजइसे भी पढ़ें- वो दूसरे ग्रह से आई या पृथ्वी की थी? मछली के पास बख्तरबंद खोपड़ी, वैज्ञानिकों ने कुछ हद तक खोला राज

वैज्ञानिकों ने बताई धरती तक पानी पहुंचने की पूरी प्रक्रिया
खगोलशास्त्रियों ने इस शोध के लिए अटाकामा लार्ज मिलीमीटर/सबमिलीमीटर अरे (ALMA) में जिस शक्तिशाली टेलीस्कोप का इस्तेमाल किया, वह चिली में 16,000 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। इंटरस्टेलर अंतरिक्ष के भारी ठंड में पानी वहां के धूल-कणों पर जमकर बर्फ में परिवर्तित हो जाता है। आखिरकार जब धूल बिखरते हैं और वी883 ओरियोनिस जैसे किसी युवा तारे के चारों ओर इकट्ठे होते हैं, पानी धीरे-धीरे धूमकेतुओं, क्षुद्र ग्रहों, चंद्रमाओं और ग्रहों पर जमा हो जाते हैं; और इस तरह से शोधकर्ताओं का कहना है कि यह पानी कई प्रकाश वर्ष दूर से ब्रह्मांडीय बादलों से निकलकर हमतक पहुंचा है।

Comments
English summary
The existing water on Earth is billions of years older than the Sun. Astronomers have discovered this mystery in a research. The chemical properties of the water on the new stars and our water are similar
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X