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कोरोना की उत्पत्ति पर अमेरिका ने चीन को लताड़ा, व्हाइट हाउस के वैज्ञानिकों ने कहा, चीन का सच सामने आना जरूरी

पिछले एक महीने के दौरान विश्व के कई टॉप साइंटिस्ट्स ने संभावना जताई है कि कोरोना वायरस जिस तरह से अपना रूप बदल रहा है, उससे नहीं लगता है कि ये एक प्राकृतिक वायरस है।

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वॉशिंगटन, मई 26: अमेरिका ने एक बार फिर से कोरोना वायरस को लेकर चीन के खिलाफ जांच की मांग की है। पिछले कुछ हफ्तों में सामने आई कई रिपोर्ट्स में कहा गया है कि चीन की प्रयोगशाला में ही कोरोना वायरस को बनाया गया है और अमेरिका के टॉप वैज्ञानिकों ने डब्ल्यूएचओ से साफ कहा है कि वो चीन के खिलाफ पारदर्शी तरीके से निष्पक्ष जांच को अंजाम दे। व्हाइट हाउस के वैज्ञानिकों ने कहा है कि कोरोना वायरस की उत्पत्ति का पता लगाना बेहद जरूरी है।

चीन के खिलाफ हो पारदर्शी जांच

चीन के खिलाफ हो पारदर्शी जांच

पिछले एक महीने के दौरान विश्व के कई टॉप साइंटिस्ट्स ने संभावना जताई है कि कोरोना वायरस जिस तरह से अपना रूप बदल रहा है, उससे नहीं लगता है कि ये एक प्राकृतिक वायरस है। क्योंकि, प्राकृतिक वायरस अलग अलग मौसम में एक समान नहीं रह सकता है और विश्व के सभी देशों में एक समान विध्वंस नहीं मचा सकता है। दुनिया के कई टॉप मोस्ट साइंटिस्ट का मानना है कि इस वायरस को प्रयोगशाला में बनाया गया है। वहीं, व्हाइट हाउस के सीनियर एडवाइजर एंडी स्लाविट ने कहा है कि 'हम चीन से पारदर्शिता की उम्मीद करते हैं। हम चाहते हैं डब्ल्यूएच इसमें सहयोग करे। हम कोरोना वायरस की उत्पत्ति की आखिरी सच्चाई तक पहुंचना चाहते हैं, चाहे इसके पीछे कोई भी वजह हो और कोरोना वायरस की उत्पत्ति को जानना हमारी सबसे बड़ी प्राथमिकता है।'

डॉ. फाउची ने भी जांच की मांग

डॉ. फाउची ने भी जांच की मांग

अमेरिका के महामारी विशेषज्ञ और विश्वविख्यात डॉक्टर एंथनी फाउची ने भी मजबूती से कोरोना वायरस की उत्पत्ति को लेकर जांच की मांग की है। डॉ. एंथनी फाउची ने कहा है कि 'हम काफी मजबूती के साथ महसूस कर रहे हैं कि हमें जांच की दिशा में आगे बढ़ना चाहिए और डब्ल्यूएचो जो जांच कर रहा है, उसे नेक्स्ट लेवल ले जाना चाहिए। क्योंकि हम 100 फीसदी नहीं जानते हैं कि कोरोना वायरस का जन्म कैसे हुआ है। ऐसे में ये जरूरी हो जाता है कि हम इसकी तरफ देखें और निष्पक्ष जांच करें'।

तीन चीनी रिसर्चर पड़े थे बीमार

वहीं, वाल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट के मुताबिक वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी के तीन रिसर्चर नवंबर 2019 में कोरोना वायरस से संक्रमित हो गये थे और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा था। वाल स्ट्रीट जर्नल ने तमाम सबूतों के आधार पर दावा किया है कि जिस वक्त चीन में कोरोना वायरस की उत्पप्ति हो गई थी और तीनों रिसर्च करने वालों का एक साथ ही अस्पताल में जाना ये साबित करता है कि वो कोरोना वायरस से संक्रमित थे और चीन ने ही कोरोना वायरस को बनाया है। ना सिर्फ बनाया है बल्कि चीन ने ही कोरोना वायरस को दुनियाभर में फैलाया भी है। वाल स्ट्रीट जर्नल ने ये खुलासा उस वक्त किया है जब डब्ल्यूएचओ की डिसिजन मेकिंग बॉडी फिर से कोविड-19 की जांच को लेकर बैठक करने वाली है, जिसमें जांच के अगले चरण को लेकर फैसला होना है।

कोरोना के दलदल में चीन ने ही दुनिया को धकेला! तीन रिसर्चर नवंबर 2019 में हुए थे कोरोना वायरस से संक्रमितकोरोना के दलदल में चीन ने ही दुनिया को धकेला! तीन रिसर्चर नवंबर 2019 में हुए थे कोरोना वायरस से संक्रमित

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English summary
The White House has clearly said that China should be transparent about the origin of the corona virus and WHO should conduct a fair investigation.
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