कहीं डोनाल्ड ट्रंप ना कर दें चीन से जंग का ऐलान, अमेरिकी सेनाध्यक्ष ने चीन को कर दिया सीक्रेट फोन
कहीं डोनाल्ड ट्रंप चीन के खिलफ युद्ध का ऐलान ना कर दें, डर से अमेरिकी टॉप जनरल ने चीन के जनरल को सीक्रेट फोन कर दिया।
वॉशिंगटन, सितंबर 15: अमेरिकी अखबार वॉशिंगटन पोस्ट ने एक ऐसा खुलासा किया है, जिसनें अंतर्राष्ट्रीय राजनीति में तहलका मचा दिया है। अखबार ने दावा किया है कि अमेरिकी सेना के सेनाध्यक्ष को डर था कि डोनाल्ड ट्रंप चीन के खिलाफ युद्ध का ऐलान कर सकते हैं, क्योंकि वो राष्ट्रपति चुनाव में संभावित हार की तरफ बढ़ रहे हैं। इसलिए उन्होंने दो बार चीन की सेना पीएलए के सेनाध्यक्ष को सीक्रेट फोन किया था।
जनरल को था युद्ध का डर
अमेरिका के ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ के अध्यक्ष जनरल मार्क मिले ने 30 अक्टूबर 2020 को, अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव से चार दिन पहले पहली बार चीन की सेना पीएलए के जनरल को फोन किया था। दूसरी बार मार्क मिले ने 8 जनवरी को चीन के जनरल को फोन किया था, जब डोनाल्ड ट्रंप के समर्थक अमेरिकी संससद भवन कैपिटल हिल्स पर हमला कर चुके थे। वॉशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक मार्क मिले को डर था कि डोनाल्ड ट्रंप हार को देखते हुए कहीं चीन के खिलाफ युद्ध का ऐलान ना कर दें, लिहाजा उन्होंने पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के जनरल ली ज़ुओचेंग को फोन किया था। रिपोर्ट में कहा गया है कि टेलीफोन पर बाचतचीत के दौरान अमेरिकी सेनाध्यक्ष ने चीन को आश्वस्त करते हुए कहा था कि अमेरिका चीन पर हमला नहीं करेगा और अगर अमेरिका की तरफ से हमला किया जाता है, तो वक्त रहते हुए चीन को सतर्क कर दिया जाएगा। अमेरिकी अखबार ने ये रिपोर्ट पत्रकार बॉब वुडवर्ड और रॉबर्ट कोस्टा की एक नई किताब "पेरिल" पर आधारित होकर छापी है। जिसके बारे में उन्होंने कहा है कि 200 स्रोतों के साथ इंटरव्यू के आधार पर इस रिपोर्ट को बनाया गया है।
डोनाल्ड ट्रंप का बयान
डोनाल्ड ट्रंप ने वॉशिंगटन पोस्ट की इस खबर पर संदेह जताते हुए इसे एक मनगढ़ंग कहानी बताया है। लेकिन, उन्होंने कहा है कि अगर ये कहानी सच है तो फिर अमेरिकी सेनाध्यक्ष के ऊपर देशद्रोह का मुकदमा चलाना जाना चाहिए। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि ''रिकॉर्ड के लिए, मैंने कभी चीन पर हमला करने के बाद में सोचा भी नहीं।'' वहीं, अमेरिका के चीफ्स ऑफ स्टाफ के दफ्तर ने इस रिपोर्ट पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। वहीं, रिपब्लिकन पार्टी के सीनेटर मार्को रूबियो ने राष्ट्रपति जो बाइडेन से मांग की है कि वो तुरंत मार्क मिले को उनके पद से बर्खास्त करें।
अमेरिकी राजनीति में तहलका
रिपब्लिकन पार्टी की सीनेटर ने जो बाइडेन को लिखे पत्र में कहा है कि ''मुझे आपको यह बताने की आवश्यकता नहीं है कि वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों द्वारा अमेरिकी सैन्य अभियानों पर सीक्रेट जानकारी लीक करने से क्या खतरा है, लेकिन मैं इस बात को रेखांकित करूंगा कि इस तरह की 'तोड़फोड़' देश के राष्ट्रपति की किसी भी दूसरे देश के साथ बातचीत करने और उनके सामने अपनी मांगें रखने की शक्ति को कमजोर करती है और दूसरे देश इसका फायदा उठा सकते हैं''। वहीं, वाशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट के बारे में पूछे जाने पर व्हाइट हाउस के प्रवक्ता काराइन जीन-पियरे ने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया और उन्होंने ये सवाल संयुक्त चीफ ऑफ स्टाफ और रक्षा विभाग से पूछने के लिए कह दिया।
ट्रंप ने ही किया था मिले को बहाल
आपको बता दें कि 2018 में डोनाल्ड ट्रंप ने मार्क मिले को अमेरिकी सेनाध्यक्ष के पद के लिए नामित किया था। लेकिन नवंबर 2020 में बाइडेन से राष्ट्रपति चुनाव हारने के बाद उन्होंने सेनाध्यक्ष के साथ साथ कई दूसरे सैन्य अधिकारियों की आलोचना करनी शुरू कर दी थी। वाशिंगटन पोस्ट ने बताया है कि 8 जनवरी को अमेरिका की हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव की अध्यक्ष नैन्सी पॉलिसी के साथ मार्क मिले की बात हुई थी। जिसमें नैन्सी पॉलिसी ने मार्क मिले से पूछा था कि 'अस्थिर राष्ट्रपति' को किसी देश पर परमाणु हमला करने से रोकने के लिए सेना के पास क्या प्लान है?'। नैन्सी पॉलिसी के साथ हुई बातचीत के बाद जनरल मार्क मिले ने चीन के जनरल को फोन किया था और उन्हें आगाह किया था। रिपोर्ट में कहा गया है कि नैन्सी पॉलिसी ने मार्क मिले को फोन कर कहा था कि 'वो एक पागल है। आप जानते हैं वो पागल है'। जिसपर मार्क मिले ने कहा था कि 'मैं आपकी बर बात पर सहमत हूं'।