अमेरिका ने किया हाइपरसोनिक मिसाइल का सफल परीक्षण, रूस और चीन में बढ़ी हलचल, जानें खासियत
अमेरिका 2013 से इस टेक्नोलॉजी पर काम कर रहा था। वहीं रूस और चीन भी काफी तेजी से हाइपरसोनिक टेक्नोलॉजी पर काम कर रहा है। इसके साथ ही विश्व में नये जेनरेशन हथियारों को लेकर रेस शुरू हो चुकी है।
वॉशिंगटन, सितंबर 28: अमेरिका ने हाइपरसोनिक मिसाइल का सफल परीक्षण कर चीन और रूस को टेंशन में डाल दिया है। अमेरिका ने जिस हाइपरसोनिक मिसाइल का सफल परीक्षण किया है, उसकी रफ्तार साउंड की रफ्तार से पांच गुना ज्यादा है। अमेरिका डिफेंस सिस्टम के लिए ये बहुत बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है। 2013 से इस रेंज की मिसाइल के लिए अमेरिका लगातार काम कर रहा था और अब हाइपरसोनिक मिसाइल का सफल टेस्ट हो गया है।
हाइपरसोनिक मिसाइल का परीक्षण
रिपोर्ट के मुताबिक, हाइपरसोनिक मिसाइल बनाने की रफ्तार उस वक्त काफी तेज हो गई थी, जब अमेरिका को पता चला कि उसके दोनों 'दुश्मन' देश, चीन और रूस...हाइपरसोनिक मिसाइल बनाने की तैयारी कर रहे हैं। हाइपरसोनिक मिसाइल नये जेनरेशन का हथियार है, जो कुछ ही सेकेंड्स में दुश्मनों के पारंपरिक हथियार प्रणालियों और घातक हथियारों को ध्वस्त कर सकते हैं। इसकी रफ्तार इतनी तेज है, कि इसे राडार पर खोजने में और उस मिसाइल को रोकने की तैयारी में जितना समय लगेगा, उतनी देर में दुश्मन के ठिकानों को बर्बाद कर चुका होगा। (DARPA द्वारा जारी तस्वीर)
रूस ने भी किया है दावा
इसी साल जुलाई में रूस ने दावा किया था कि उसने एक त्सिरकोन (जिरकोन) हाइपरसोनिक क्रूज मिसाइल का सफलतापूर्वक परीक्षण किया है। सफल परीक्षण के बाद रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा था कि नये जेनरेशन में अभी तक दुनिया के किसी भी देश के पास हाइपरसोनिक हथियार प्रणाली मौजूद नहीं है और अब सिर्फ इस रेंज का हथियार रूस के पास ही मौजूद है। अमेरिका की डिफेंस एडवांस्ड रिसर्च प्रोजेक्ट्स एजेंसी, यानि DARPA ने एक बयान में कहा है कि, हाइपरसोनिक एयर-ब्रीदिंग वेपन कॉन्सेप्ट (HAWC) की उड़ान का परीक्षण पिछले सप्ताह हुआ है। (फाइल तस्वीर)
परीक्षण के बाद अमेरिका ने क्या कहा?
अमेरिका 2013 से ही हाइपरसोनिक पॉवर बनने की कोशिश कर रहा था और अब जाकर अमेरिका की परीक्षण कामयाब हुआ है। अमेरिकी टेस्ट के बारे में जानकारी देते हुए पेंटागन ने कहा है कि, ''इस टेस्ट के साथ हम नई पीढ़ी की तरफ बढ़ निकले है और अमेरिका की मिलिट्री ताकत को और ज्यादा मजबूत कर रहे हैं''। वहीं कुछ और रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि अमेरिका इस साल के अंत तक कई और ऐसे ही टेस्ट कर सकता है और माना जा रहा है कि अमेरिका का ये टेस्ट रूस और चीन के लिए एक संदेश होगा, कि अभी भी सुपरपावर सिर्फ अमेरिका ही है। (फाइल तस्वीर)
आवाज से पांच गुना तेज रफ्तार
हाइपरसोनिक हथियार धरती के वायुमंडल के ऊपरी सतह में उड़ेगा और इसकी रफ्तार ध्वनि की रफ्तार से पांच गुना ज्यादा होगा। रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका ने जिस हाइपरसोनिक हथियार का सफल परीक्षण किया है, उसकी रफ्तार करीब 6,200 किलोमीटर (3,853 मील) प्रति घंटे की है। DARPA ने सफल परीक्षण के बाद कहा कि, "रेथियॉन टेक्नोलॉजीज द्वारा निर्मित मिसाइल को उसके नॉर्थ्रॉप ग्रुम्मन स्क्रैमजेट (सुपरसोनिक कम्बशन रैमजेट) इंजन के शुरू होने से कुछ सेकंड पहले एक विमान से छोड़ा गया था।" (फाइल तस्वीर)
हाइपरसोनिक मिसाइल की खासियतें
रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका अब हाइपरसोनिक हथियारों की तरफ फोकस कर रहा है। अमेरिका की तरफ से इस हाइपरसोनिक मिसाइल के बारे में जो जानकारियां दी गईं हैं, उसके मुताबिक ये सिस्टम ऑक्सीजन वाले इलाकों में काफी तेजी से काम करता है और किसी दूसरी मिसाइल की तुलना में काफी तेजी से अपने टार्गेट को हिट करता है। कई इंटरनेशनल डिफेंस रिपोर्ट्स में बताया गया है कि चीन और रूस भी हाइपरसोनिक हथियार बनाने के क्षेत्र में तेजी से काम कर रहे हैं, लिहाजा साफ तौर पर कहा जा सकता है कि अमेरिका-रूस और चीन के बीच अब नई तरह की मिसाइल प्रणाली बनाने के दिशा में रेस शुरू हो चुका है। (प्रतीकात्मक तस्वीर)
डिफेंस सेक्टर मजबूत करने की जरूरत
हाइपरसोनिक मिसाइल की कामयाबी के साथ परीक्षण करने के बाद अमेरिका ने कहा है कि, ''संयुक्त राज्य अमेरिका और हमारे सहयोगियों के पास हाइपरसोनिक हथियारों के उपयोग को रोकने की क्षमता और उन्हें हराने की क्षमता होनी चाहिए।'' वहीं, सेंटर फॉर स्ट्रैटेजिक एंड इंटरनेशनल स्टडीज के एक विश्लेषक टॉम काराको ने समाचार एजेंसी रॉयटर्स को बताया कि, "हाइपरसोनिक स्ट्राइक में अमेरिका की सफलता ने रूस और चीन के द्वारा बनाए जा रहे अत्याधुनिक हथियारों को जवाब देना शुरू कर दिया है।" (प्रतीकात्मक तस्वीर)
चीन ने बनाया दुनिया का सबसे ऊंचा एक्सप्रेस-वे, निशाने पर उत्तराखंड-अरूणाचल, बड़े खतरे का बजा अलार्म!