अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप बोले भारत को ईरान से तेल आयात में छूट देकर मुझे हीरो बनने का शौक नहीं है
वॉशिंगटन। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने उस फैसले का बवाच किया है कि जिसके तहत उन्होंने अस्थायी तौर पर भारत और चीन के साथ छह और देशों को ईरान से तेल आयात के मसले पर छूट दी हुई है। ट्रंप का कहना उन्होंने यह फैसला खुद को हीरो साबित करने के लिए नहीं लिया है बल्कि दुनिया भर में तेल की कीमतों को कम रखने और बाजार को झटके से बचाने के लिए लिया है। अमेरिका ने सोमवार को ईरान पर कड़े प्रतिबंध लगा दिए हैं। अमेरिका का कहना है कि ईरान पर प्रतिबंध लगाने का मकसद ईरान के नेतृत्व के बर्ताव को ठीक करना है। अमेरिकी प्रतिबंध ईरान के बैकिंग और ऊर्जा सेक्टर्स पर लगाए गए हैं। इनके साथ ही यूरोप और एशिया के अलावा दुनिया के कुछ चुनिदा देशों की कंपनियां ईरान के साथ तेल का आयात जारी रख सकती हैं।
तेल आयात में नहीं दी छूट तो मच जाएगा हाहाकार
अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोंपेयो ने कहा था कि भारत, चीन, इटली, ग्रीस, जापान, साउथ कोरिया, ताइवान और टर्की, ये देश ईरान से तेल का आयात जारी रख सकते हैं। पोंपेयो का कहना था कि इन देशों ने ईरान से तेल के आयात में कमी की है। राष्ट्रपति ट्रंप ने ज्वॉइन्ट एंड्रयूज बेस के बाहर मौजूद मीडियाकर्मियों से कहा कि अमेरिका ने ईरान पर सबसे कठोर प्रतिबंध लगाए हैं लेकिन तेल पर अमेरिका कुछ विचार करके फैसला लेना चाहता है। ट्रंप ने कहा कि वह नहीं चाहते हैं कि तेल की कीमतें दुनियाभर में बढ़ें। हालांकिे ट्रंप ने इस बात पर जोर दिया कि तेल की कीमतों को कम रखने की उनकी कोशिशों का ईरान से कोई लेना-देना नहीं है। ट्रंप से जब कुछ देशों को छूट देने के उनके फैसले के बारे में पूछा गया तो उनका कहना था, 'मैं कोई महान हीरो नहीं बनना चाहता और न ही तेल आयात को तुरंत जीरो करना चाहता हूं। मैं चाहता तो ईरान से तेल का आयात तुरंत जीरो कर सकता था लेकिन ऐसा करने से मार्केट में अफरा-तफरी का माहौल भी हो जाएगा।' ट्रंप का कहना था कि अगर आप गौर करेंगे कि ईरान की आधी क्षमता खत्म होने के बाद भी तेल की कीमतों में कमी आई है। लेकिन वह ऐसा नहीं करना चाहते हैं।