भारत के साथ US नेवी की गुस्ताखी, बिना अनुमति लक्षद्वीप में किया सैन्य अभ्यास, भारत के अधिकार को चुनौती
अमेरिकन नेवी ने भारत के लक्षद्वीप में स्पेशल इकोनॉमिक जोन में अभ्यास कर भारत के नेविगेशन फ्रीडम को चुनौती दी है।
वॉशिंगटन/नई दिल्ली: दोस्ती के दावे करने वाला अमेरिका ने अब भारत को ही आंख दिखाना शुरू कर दिया है। अमेरिकी नौसेना ने भारतीय समुद्री क्षेत्र मे बिना इजाजत घुसने की गुस्ताखी की है। अमेरिकन नेवी ने फ्री समुन्द्री स्वतंत्रता की बात कहकर भारतीय जलक्षेत्र में घुसकर दादागिरी करने की कोशिश की है। अमेरिकी नौसेना के सातवें बेड़े ने कहा है कि उसने बिना भारत से इजाजत लिए लक्षद्वीप के पास भारत के विशेष इकोनॉमिक जोन में अभ्यास किया है। (सभी फोटो प्रतीकात्मक)
Recommended Video
We conduct routine and regular Freedom of Navigation Operations (FONOPs), as we have done in the past and will continue to in the future. FONOPs are not about one country, nor are they about making political statements: US Navy
— ANI (@ANI) April 9, 2021
यूएस नेवी की गुस्ताखी
अमेरिकन नेवी का ये कदम भारत के लिए हैरान करने वाला और अविश्वसनीय कदम माना जा रहा है। यूएस नेवी ने भारत के समुन्द्री क्षेत्र में बिना अनुमति के अंदर आकर इंटरनेशन मेरिटाइम कानून का उल्लंघन किया है। अमेरिकन नेवी ने कहा है कि उसने भारत के लक्षद्वीप में फ्रीडम ऑफ नेविगेशन ऑपरेशन को अंजाम दिया लेकिन यूएस नेवी का ये कदम भारतीय मेरिटाइम समुन्द्री कानून का उल्लंघन किया है। कानून के मुताबिक, किसी भी देश के समुन्द्री क्षेत्र में घुसने के लिए अनुमति लेना जरूरी है लेकिन यूएस नेवी का ये कदम भारत की समुन्द्री नौवहन सुरक्षा नीति यानि इंडियन मेरिटाइम कानून का उल्लंघन है।
यूएस नेवी का बयान
भारतीय क्षेत्र में घुसने के बाद अमेरिकी नौसेना के सातवें बेड़े ने बयान जारी करते हुए कहा है कि '7 अप्रैल को अमेरिकन युद्धपोत यूएसएस जॉन पॉल जोन्स ने भारत से इजाजत लिए बगैर लक्षद्वीप से 130 समुन्द्री मील की दूरी पर भारतीय समुन्द्री क्षेत्र में नेविगेशन फ्रीडम का प्रदर्शन किया है। यह अंतर्राष्ट्रीय कानून के मुताबिक सही है और भारत सरकार का यह दावा कि उसके विशेष आर्थिक क्षेत्र में सैन्य अभ्यास या आने-जाने से पहले उसकी सूचना देनी होगी, यह अंतर्राष्ट्रीय कानूनों से मेल नहीं खाता है'
'आगे भी करेंगे ऑपरेशन'
अमेरिकन नेवी की इस गुस्ताखी के बाद भारत के साथ अमेरिका का तनाव बढ़ना स्वाभाविक है क्योंकि दोनों देश एक रणनीतिक तौर पर एक दूसरे के सहयोगी हैं और दोनों देशों ने चीन को रोकने के लिए एक साथ मिलकर क्वाड का निर्माण किया हुआ है। वहीं, भारतीय और अमेरिकी नेवी एक साथ मिलकर युद्धाभ्यास करती है। अभी आगे भी भारतीय नेवी और अमेरिकन नेवी फ्रांसी की नेवी के साथ मिलकर इंडो पैसिफिक में युद्धाभ्यास करने जा रही है। ऐसे में अमेरिकन नेवी के सातवें बेड़े के इस हरकत के बाद दोनों देशों में तनाव बढ़ने की संभावना जताई जा रही है।
भारत की प्रतिक्रिया नहीं
अमेरिकी सेना ने फ्रीडम ऑफ नेविगेशन के नाम पर भारत के स्पेशल इकोनॉमिक जोन में बिना इजाजत घुसन की हिमाकत की है और आगे भी ऐसा करने का बयान दिया है। अमेरिकन नेवी ने कहा है कि ये सिर्फ फ्रीडम ऑफ नेविगेशन का मामला है और इसपर राजनीति नहीं होनी चाहिए लेकिन भारतीय विदेश मंत्रालय की तरफ से अभी तक इसको लेकर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। अभी पिछले महीने ही अमेरिका के रक्षामंत्री लॉयड ऑस्टिन ने भारत का दौरा किया था, जिसमें क्वाड को मजबूत करने के साथ साथ दोनों देशों ने सामरिक और रणनीतिक भागीदारी बढ़ाने की बात की है। वहीं, अभी तक अमेरिकी विदेश मंत्रायल ने भी अमेरिकन नेवी की इस गुस्ताखी पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।